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US On Dialogue Between India And Pakistan : अमेरिका भारत और पाकिस्तान के बीच 'रचनात्मक बातचीत' का समर्थन करता है : नेड प्राइस - US On Dialogue Between India And Pakistan

मेरिकी विदेश विभाग की एक प्रेस ब्रीफिंग में, प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान के बीच 'रचनात्मक बातचीत' का समर्थन करता है. लेकिन बातचीत कब होगी और उसके तौर-तरीके क्या होंगे यह दोनों देशों को ही तय करना होगा.

US On Dialogue Between India And Pakistan
नेड प्राइस की फाइल फोटो
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Published : Mar 10, 2023, 8:26 AM IST

वाशिंगटन : अमेरिका ने गुरुवार को दोहराया कि वह लंबे समय से चले आ रहे विवादों को हल करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच 'रचनात्मक बातचीत' का समर्थन करता है. अमेरिकी विदेश विभाग की एक प्रेस ब्रीफिंग में, प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि हम रचनात्मक बातचीत का समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका लंबे समय से चले आ रहे विवादों को हल करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीति का समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि हम एक भागीदार हैं, और हम किसी भी तरह से उस प्रक्रिया का समर्थन करेंगे. हालांकि, प्राइस ने कहा कि बाचचीत का निर्णय भारत और पाकिस्तान को स्वयं करने होंगे.

पढ़ें : Police Use Water Cannon Tear Gas On Imran Supporters : पुलिस ने इमरान खान के समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि हालांकि, अंतत: ये ऐसे फैसले हैं जो भारत और पाकिस्तान को खुद लेने होंगे. यह अमेरिका का काम नहीं है. उन्होंने कहा कि अमेरिका यह तय नहीं करेगा कि भारत और पाकिस्तान कब और किस तरह से बातचीत करेंगे. यह भारत और पाकिस्तान को ही तय करना होगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद के मुद्दों को लेकर दोनों देशों के बीच कई वर्षों से तनावपूर्ण संबंध रहे हैं. साथ ही इस्लामाबाद भी बातचीत शुरू करने से पहले पूर्व भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग कर रहा है.

पढ़ें : India Slams Pak Foreign Minister : भारत ने कश्मीर मुद्दा उठाने पर पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल को आड़े हाथ लिया

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने गुरुवार को नई दिल्ली में 10-12 मार्च को होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के मुख्य न्यायाधीशों की बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है. विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने एक बयान में कहा कि एससीओ के सक्रिय सदस्यों में से एक के रूप में, पाकिस्तान नियमित रूप से सभी एससीओ गतिविधियों में भाग लेता रहा है. उनके परिणामों में रचनात्मक योगदान देता है. गौरतलब है कि पाकिस्तान अब एकमात्र देश है जो भारत द्वारा आयोजित एससीओ मुख्य न्यायाधीश की बैठक को छोड़ देगा. नए सदस्य, ईरान सहित अन्य सभी सदस्य व्यक्तिगत रूप से बैठक में भाग लेंगे.

पढ़ें : Presidential election in Nepal: नेपाल में नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार रामचंद्र पौडेल राष्ट्रपति निर्वाचित हुए

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने पाकिस्तानी मुख्य न्यायाधीश को निमंत्रण दिया, लेकिन इस्लामाबाद ने अंतिम समय में बैठक में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय लिया है. भारत ने इस साल मई में गोवा में होने वाली एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी को भी आमंत्रित किया है. पाकिस्तान को अभी यह तय करना है कि विदेश मंत्री भाग लेंगे या नहीं. उन्होंने साप्ताहिक समाचार ब्रीफिंग में संवाददाताओं से कहा कि विदेश मंत्रियों की आगामी एससीओ परिषद में भागीदारी के संबंध में मामला विचाराधीन है. उन्होंने कहा कि जब भी यह निर्णय ले लिया जाएगा, हम इसकी जानकारी सार्वजनिक करेंगे. भारत इस वर्ष एससीओ शिखर बैठक की मेजबानी भी करेगा. यह देखा जाना बाकी है कि पाकिस्तान मई में अपने विदेश मंत्री को भेजेगा या प्रधानमंत्री बाद में भारत में एससीओ नेताओं में शामिल होंगे.

पढ़ें : US Ambassador To India: सीनेट समिति ने भारत में यूएस राजदूत के रूप में एरिक गार्सेटी के नामांकन के पक्ष में दिया वोट

(एएनआई)

वाशिंगटन : अमेरिका ने गुरुवार को दोहराया कि वह लंबे समय से चले आ रहे विवादों को हल करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच 'रचनात्मक बातचीत' का समर्थन करता है. अमेरिकी विदेश विभाग की एक प्रेस ब्रीफिंग में, प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि हम रचनात्मक बातचीत का समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका लंबे समय से चले आ रहे विवादों को हल करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीति का समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि हम एक भागीदार हैं, और हम किसी भी तरह से उस प्रक्रिया का समर्थन करेंगे. हालांकि, प्राइस ने कहा कि बाचचीत का निर्णय भारत और पाकिस्तान को स्वयं करने होंगे.

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अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि हालांकि, अंतत: ये ऐसे फैसले हैं जो भारत और पाकिस्तान को खुद लेने होंगे. यह अमेरिका का काम नहीं है. उन्होंने कहा कि अमेरिका यह तय नहीं करेगा कि भारत और पाकिस्तान कब और किस तरह से बातचीत करेंगे. यह भारत और पाकिस्तान को ही तय करना होगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद के मुद्दों को लेकर दोनों देशों के बीच कई वर्षों से तनावपूर्ण संबंध रहे हैं. साथ ही इस्लामाबाद भी बातचीत शुरू करने से पहले पूर्व भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग कर रहा है.

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द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने गुरुवार को नई दिल्ली में 10-12 मार्च को होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के मुख्य न्यायाधीशों की बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है. विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने एक बयान में कहा कि एससीओ के सक्रिय सदस्यों में से एक के रूप में, पाकिस्तान नियमित रूप से सभी एससीओ गतिविधियों में भाग लेता रहा है. उनके परिणामों में रचनात्मक योगदान देता है. गौरतलब है कि पाकिस्तान अब एकमात्र देश है जो भारत द्वारा आयोजित एससीओ मुख्य न्यायाधीश की बैठक को छोड़ देगा. नए सदस्य, ईरान सहित अन्य सभी सदस्य व्यक्तिगत रूप से बैठक में भाग लेंगे.

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द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने पाकिस्तानी मुख्य न्यायाधीश को निमंत्रण दिया, लेकिन इस्लामाबाद ने अंतिम समय में बैठक में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय लिया है. भारत ने इस साल मई में गोवा में होने वाली एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी को भी आमंत्रित किया है. पाकिस्तान को अभी यह तय करना है कि विदेश मंत्री भाग लेंगे या नहीं. उन्होंने साप्ताहिक समाचार ब्रीफिंग में संवाददाताओं से कहा कि विदेश मंत्रियों की आगामी एससीओ परिषद में भागीदारी के संबंध में मामला विचाराधीन है. उन्होंने कहा कि जब भी यह निर्णय ले लिया जाएगा, हम इसकी जानकारी सार्वजनिक करेंगे. भारत इस वर्ष एससीओ शिखर बैठक की मेजबानी भी करेगा. यह देखा जाना बाकी है कि पाकिस्तान मई में अपने विदेश मंत्री को भेजेगा या प्रधानमंत्री बाद में भारत में एससीओ नेताओं में शामिल होंगे.

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(एएनआई)

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