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अमेरिका ने रूस से तेल खरीद पर भारत को 'चेतावनी' देने से किया इनकार

अमेरिका ने भारत को चेतावनी दिए जाने से संबंधित खबरों का खंडन किया है और कहा कि भारत हमारे लिए महत्वपूर्ण देशों में से एक है. जहां तक रूस से तेल खरीदने की बात है तो यह भारत सहित सभी देशों का निर्णय है कि वे रूस से तेल आयात करें या न करें.

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Published : Apr 9, 2022, 10:27 AM IST

Updated : Apr 9, 2022, 1:48 PM IST

व्हाइट हाउस
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न्यूयॉर्क: व्हाइट हाउस ने इस बात से इनकार किया है कि अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह ने अपनी नई दिल्ली यात्रा के दौरान भारत को चेतावनी दी थी. साथ ही अमेरिका ने भारत के साथ बातचीत को "रचनात्मक बातचीत" के रूप में वर्णित किया. व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने शुक्रवार को कहा कि यह एक चेतावनी के रूप में नहीं था, न ही हमने उस समय कहा था, जब एक रिपोर्टर ने सिंह से पूछा कि क्या उन्होंने भारत को रूस से तेल की खरीद नहीं बढ़ाने के लिए चेतावनी दी थी. इस पर साकी ने कहा, "उन्होंने (दलीप सिंह) जाकर विकास की बातचीत की और स्पष्ट किया कि यह भारत सहित प्रत्येक देश का निर्णय है कि वे रूसी से तेल का आयात करें या नहीं."

जेन साकी ने कहा कि भारत हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण देशों में से एक है. उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रतिबंध तेल खरीद पर लागू नहीं होते हैं. बता दें कि अमेरिकी मीडिया के एक वर्ग ने रिपोर्ट किया था कि भारत द्वारा रूस से तेल खरीद भी प्रतिबंधों की श्रेणी में आती है. हालांकि ये प्रतिबंध यूरोपीय देशों पर लागू नहीं होते हैं जो रूस से काफी मात्रा में ऊर्जा संसाधन खरीदते हैं. हालांकि, जेन साकी ने यह भी कहा कि निश्चित रूप से भारत को प्रतिबंधों का पालन करना चाहिए. लेकिन साथ ही हम यहां उन्हें विविधता लाने और 1 से 2 प्रतिशत से भी कम तेल आयात करने की दिशा में मदद करेंगे.

कुछ मीडिया द्वारा अपने विश्लेषण में भारत के लिए चेतावनी और खतरे को सुर्खियों में लिखा गया. साथ ही यह भी लिखा गया कि भारत प्रतिबंधों को दरकिनार किया और अमेरिका द्वारा भारत को रूस से तेल न खरीदने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास किया गया, यहां तक कि चेतावनी भी दी गई. दलीप सिंह अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में आर्थिक मामलों के प्रभारी हैं और राष्ट्रपति जो बाइडेन के खास व्यक्ति हैं. अमेरिका द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाने में उनकी भूमिका अहम थी.

न्यूयॉर्क: व्हाइट हाउस ने इस बात से इनकार किया है कि अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह ने अपनी नई दिल्ली यात्रा के दौरान भारत को चेतावनी दी थी. साथ ही अमेरिका ने भारत के साथ बातचीत को "रचनात्मक बातचीत" के रूप में वर्णित किया. व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने शुक्रवार को कहा कि यह एक चेतावनी के रूप में नहीं था, न ही हमने उस समय कहा था, जब एक रिपोर्टर ने सिंह से पूछा कि क्या उन्होंने भारत को रूस से तेल की खरीद नहीं बढ़ाने के लिए चेतावनी दी थी. इस पर साकी ने कहा, "उन्होंने (दलीप सिंह) जाकर विकास की बातचीत की और स्पष्ट किया कि यह भारत सहित प्रत्येक देश का निर्णय है कि वे रूसी से तेल का आयात करें या नहीं."

जेन साकी ने कहा कि भारत हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण देशों में से एक है. उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रतिबंध तेल खरीद पर लागू नहीं होते हैं. बता दें कि अमेरिकी मीडिया के एक वर्ग ने रिपोर्ट किया था कि भारत द्वारा रूस से तेल खरीद भी प्रतिबंधों की श्रेणी में आती है. हालांकि ये प्रतिबंध यूरोपीय देशों पर लागू नहीं होते हैं जो रूस से काफी मात्रा में ऊर्जा संसाधन खरीदते हैं. हालांकि, जेन साकी ने यह भी कहा कि निश्चित रूप से भारत को प्रतिबंधों का पालन करना चाहिए. लेकिन साथ ही हम यहां उन्हें विविधता लाने और 1 से 2 प्रतिशत से भी कम तेल आयात करने की दिशा में मदद करेंगे.

कुछ मीडिया द्वारा अपने विश्लेषण में भारत के लिए चेतावनी और खतरे को सुर्खियों में लिखा गया. साथ ही यह भी लिखा गया कि भारत प्रतिबंधों को दरकिनार किया और अमेरिका द्वारा भारत को रूस से तेल न खरीदने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास किया गया, यहां तक कि चेतावनी भी दी गई. दलीप सिंह अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में आर्थिक मामलों के प्रभारी हैं और राष्ट्रपति जो बाइडेन के खास व्यक्ति हैं. अमेरिका द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाने में उनकी भूमिका अहम थी.

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(आईएएनएस)

Last Updated : Apr 9, 2022, 1:48 PM IST
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