सैंटियागो: संयुक्त राष्ट्र ने गुरुवार को कहा कि वह चिली में मानवाधिकारों के हनन की जांच के लिए एक विशेष दल भेजेगा, जहां एक विरोध प्रदर्शन के दौरान मरने वालों की संख्या बढ़कर 18 हो गई है.
हालांकि, राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनेरा ने आपातकालीन स्थिति और रात के समय कर्फ्यू को समाप्त करने की योजना की घोषणा करके तनाव कम करने की कोशिश की.
संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त मानवाधिकार और चिली के पूर्व राष्ट्रपति मिशेल बाचेलेट ने एक ट्वीट में कहा, चिली में इस संकट के शुरू होने के बाद से मैंने मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों की जांच के लिए एक प्रतिनिधि मंडल भेजने का फैसला किया है.
बता दें कि मेट्रो किराया वृद्धि के खिलाफ, कम वेतन और पेंशन, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा की उच्च लागत और अमीर और गरीब के बीच एक अंतर को लेकर शुक्रवार को भी विरोध प्रदर्शन हुआ. जो अधिकतर शांतिपूर्ण रहा लेकिन कुछ जगहों पर प्रदर्शन के दौरान उग्र घटनाएं हुईं.
इस दौरान मेट्रो स्टेशनों को नष्ट कर दिया गया, सुपरमार्केटों को आग लगा दी गई और दुकानों को लूट लिया गया, ट्रैफिक लाइट और बस शेल्टर को तोड़ दिया गया.
शहर में तैनात करीब 2 हजार सैनिकों ने प्रदर्शन कर रहे लोगों पर आंसू गैस का उपयोग किया.
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बता दें कि चिली के सबसे शक्तिशाली संघ, वर्कर्स यूनाइटेड सेंटर ऑफ चिली (CUT) द्वारा बुधवार को शुरू की गई औद्योगिक कार्रवाई जारी रही, लेकिन मध्य सैंटियागो में लोग सामान्य रूप से घरों से बाहर निकले और दुकानों खोलीं.
इससे पहले चिली सरकार ने राजधानी सेंटियागो में मेट्रो का किराया बढ़ाये जाने के बाद जारी विरोध प्रदर्शनों के बाद आपातकाल घोषित कर दिया था.