निकोसिया : विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने कहा है कि चीन द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर एकतरफा बदलाव किए जाने की किसी भी कोशिश से भारत सहमत नहीं होगा. उन्होंने रेखांकित किया कि नई दिल्ली के बीजिंग के साथ संबंध 'सामान्य नहीं' हैं और मुख्य मुद्दों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
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साइप्रस में भारतीय समुदाय के साथ अच्छी मुलाक़ात।
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) December 30, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
प्रवास के दौरान हुए आधिकारिक agreements के विषय में बात की । भारत-साइप्रस के मध्य finance, shipping, IT, services, mobility और राजनीतिक cooperation की संभावनाओं के बारे में भी चर्चा की। pic.twitter.com/ihOgdZ56fi
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प्रवास के दौरान हुए आधिकारिक agreements के विषय में बात की । भारत-साइप्रस के मध्य finance, shipping, IT, services, mobility और राजनीतिक cooperation की संभावनाओं के बारे में भी चर्चा की। pic.twitter.com/ihOgdZ56fi
जयशंकर ने भूमध्यसागरीय देश की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के दौरान शुक्रवार को साइप्रस में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए यह भी कहा कि भारत को बातचीत की मेज पर लाने के लिए आतंकवाद को उपकरण के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती.
जयशंकर ने कहा कि भारत के सामने अपनी सीमाओं पर चुनौतियां हैं, जो कोविड काल के दौरान तीव्र हो गईं. उन्होंने कहा, 'आज चीन के साथ हमारे संबंधों की स्थिति बहुत सामान्य नहीं है, क्योंकि हम वास्तविक नियंत्रण रेखा को एकतरफा बदलने के किसी भी प्रयास के लिए कभी सहमत नहीं होंगे.' जयशंकर ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के 'मूल मुद्दे पर कोई समझौता' नहीं किया जाएगा.
भारतीय सेना के अनुसार, नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिक आपस में भिड़ गए थे, जिसमें 'दोनों पक्षों के कुछ कर्मियों को मामूली चोटें आईं.'
जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण झड़प के बाद से भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच यह पहली बड़ी झड़प थी. दोनों पक्षों के बीच सीमा गतिरोध को सुलझाने के लिए 17 दौर की बातचीत हो चुकी है. जयशंकर ने अपने भाषण में कहा कि कोई भी देश आतंकवाद से भारत जितना पीड़ित नहीं है. उन्होंने किसी देश का नाम लिए बगैर कहा, 'हम सभी के साथ अच्छे पड़ोसी संबंध चाहते हैं. लेकिन अच्छे पड़ोसी संबंधों का मतलब यह नहीं है कि आतंकवाद के मुद्दे को दरकिनार कर दिया जाए. हम बहुत स्पष्ट हैं.'
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत को बातचीत की मेज पर लाने के लिए आतंकवाद को औजार के रूप में इस्तेमाल नहीं करने दिया जा सकता. भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान से उत्पन्न सीमा पार आतंकवाद को लेकर तनावपूर्ण रहे हैं.
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(पीटीआई-भाषा)