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चीन के साथ संबंध 'सामान्य नहीं', भारत LAC पर एकतरफा बदलाव की किसी कोशिश से सहमत नहीं होगा: जयशंकर - एलएसी को लेकर जयशंकर का बयान

विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने साइप्रस यात्रा के दौरान कहा कि चीन से संबंध सामान्य नहीं हैं, भारत एलएसी पर एकतरफा बदलाव की किसी कोशिश से सहमत नहीं होगा (India will not agree to any attempt to change LAC unilaterally). विदेश मंत्री ने इसके साथ ही पाकिस्तान पर भी निशाना साधा.

External Affairs Minister S Jaishankar
विदेश मंत्री एस जयशंकर
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Published : Dec 31, 2022, 10:49 PM IST

Updated : Dec 31, 2022, 10:59 PM IST

निकोसिया : विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने कहा है कि चीन द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर एकतरफा बदलाव किए जाने की किसी भी कोशिश से भारत सहमत नहीं होगा. उन्होंने रेखांकित किया कि नई दिल्ली के बीजिंग के साथ संबंध 'सामान्य नहीं' हैं और मुख्य मुद्दों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा.

  • साइप्रस में भारतीय समुदाय के साथ अच्छी मुलाक़ात।

    प्रवास के दौरान हुए आधिकारिक agreements के विषय में बात की । भारत-साइप्रस के मध्य finance, shipping, IT, services, mobility और राजनीतिक cooperation की संभावनाओं के बारे में भी चर्चा की। pic.twitter.com/ihOgdZ56fi

    — Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) December 30, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जयशंकर ने भूमध्यसागरीय देश की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के दौरान शुक्रवार को साइप्रस में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए यह भी कहा कि भारत को बातचीत की मेज पर लाने के लिए आतंकवाद को उपकरण के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती.

जयशंकर ने कहा कि भारत के सामने अपनी सीमाओं पर चुनौतियां हैं, जो कोविड काल के दौरान तीव्र हो गईं. उन्होंने कहा, 'आज चीन के साथ हमारे संबंधों की स्थिति बहुत सामान्य नहीं है, क्योंकि हम वास्तविक नियंत्रण रेखा को एकतरफा बदलने के किसी भी प्रयास के लिए कभी सहमत नहीं होंगे.' जयशंकर ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के 'मूल मुद्दे पर कोई समझौता' नहीं किया जाएगा.

भारतीय सेना के अनुसार, नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिक आपस में भिड़ गए थे, जिसमें 'दोनों पक्षों के कुछ कर्मियों को मामूली चोटें आईं.'

जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण झड़प के बाद से भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच यह पहली बड़ी झड़प थी. दोनों पक्षों के बीच सीमा गतिरोध को सुलझाने के लिए 17 दौर की बातचीत हो चुकी है. जयशंकर ने अपने भाषण में कहा कि कोई भी देश आतंकवाद से भारत जितना पीड़ित नहीं है. उन्होंने किसी देश का नाम लिए बगैर कहा, 'हम सभी के साथ अच्छे पड़ोसी संबंध चाहते हैं. लेकिन अच्छे पड़ोसी संबंधों का मतलब यह नहीं है कि आतंकवाद के मुद्दे को दरकिनार कर दिया जाए. हम बहुत स्पष्ट हैं.'

विदेश मंत्री ने कहा कि भारत को बातचीत की मेज पर लाने के लिए आतंकवाद को औजार के रूप में इस्तेमाल नहीं करने दिया जा सकता. भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान से उत्पन्न सीमा पार आतंकवाद को लेकर तनावपूर्ण रहे हैं.

पढ़ें- साइप्रस दौरे पर बोले एस जयशंकर, भारत वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने की राह पर अग्रसर

(पीटीआई-भाषा)

निकोसिया : विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने कहा है कि चीन द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर एकतरफा बदलाव किए जाने की किसी भी कोशिश से भारत सहमत नहीं होगा. उन्होंने रेखांकित किया कि नई दिल्ली के बीजिंग के साथ संबंध 'सामान्य नहीं' हैं और मुख्य मुद्दों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा.

  • साइप्रस में भारतीय समुदाय के साथ अच्छी मुलाक़ात।

    प्रवास के दौरान हुए आधिकारिक agreements के विषय में बात की । भारत-साइप्रस के मध्य finance, shipping, IT, services, mobility और राजनीतिक cooperation की संभावनाओं के बारे में भी चर्चा की। pic.twitter.com/ihOgdZ56fi

    — Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) December 30, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जयशंकर ने भूमध्यसागरीय देश की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के दौरान शुक्रवार को साइप्रस में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए यह भी कहा कि भारत को बातचीत की मेज पर लाने के लिए आतंकवाद को उपकरण के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती.

जयशंकर ने कहा कि भारत के सामने अपनी सीमाओं पर चुनौतियां हैं, जो कोविड काल के दौरान तीव्र हो गईं. उन्होंने कहा, 'आज चीन के साथ हमारे संबंधों की स्थिति बहुत सामान्य नहीं है, क्योंकि हम वास्तविक नियंत्रण रेखा को एकतरफा बदलने के किसी भी प्रयास के लिए कभी सहमत नहीं होंगे.' जयशंकर ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के 'मूल मुद्दे पर कोई समझौता' नहीं किया जाएगा.

भारतीय सेना के अनुसार, नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिक आपस में भिड़ गए थे, जिसमें 'दोनों पक्षों के कुछ कर्मियों को मामूली चोटें आईं.'

जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण झड़प के बाद से भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच यह पहली बड़ी झड़प थी. दोनों पक्षों के बीच सीमा गतिरोध को सुलझाने के लिए 17 दौर की बातचीत हो चुकी है. जयशंकर ने अपने भाषण में कहा कि कोई भी देश आतंकवाद से भारत जितना पीड़ित नहीं है. उन्होंने किसी देश का नाम लिए बगैर कहा, 'हम सभी के साथ अच्छे पड़ोसी संबंध चाहते हैं. लेकिन अच्छे पड़ोसी संबंधों का मतलब यह नहीं है कि आतंकवाद के मुद्दे को दरकिनार कर दिया जाए. हम बहुत स्पष्ट हैं.'

विदेश मंत्री ने कहा कि भारत को बातचीत की मेज पर लाने के लिए आतंकवाद को औजार के रूप में इस्तेमाल नहीं करने दिया जा सकता. भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान से उत्पन्न सीमा पार आतंकवाद को लेकर तनावपूर्ण रहे हैं.

पढ़ें- साइप्रस दौरे पर बोले एस जयशंकर, भारत वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने की राह पर अग्रसर

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Dec 31, 2022, 10:59 PM IST
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