टोरंटो : इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति की पत्नी प्रसिद्ध लेखिका सुधा मूर्ति (Sudha Murty) को इंडो-कैनेडियन समारोह में कनाडा इंडिया फाउंडेशन द्वारा 'ग्लोबल इंडियन अवार्ड' से सम्मानित किया गया. ग्लोबल इंडियन अवार्ड हर साल एक प्रमुख भारतीय को दिया जाता है जिसने अपने चुने हुए क्षेत्र में एक प्रमुख छाप छोड़ी है. अवार्ड की राशि 50,000 डॉलर है.
कनाडा इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष सतीश ठक्कर ने शनिवार रात कहा, 'हमें सुधा मूर्ति को ग्लोबल इंडियन अवार्ड प्रदान करते हुए बहुत खुशी हो रही है. उन्होंने अपना पूरा करियर आने वाली पीढ़ियों के लिए उनके द्वारा चुने गए क्षेत्र में सफलता पाने का मार्ग प्रशस्त करने में बिताया है और वह समाज को कुछ वापस देने के लिए उत्साहित हैं.' भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा से पुरस्कार स्वीकार करते हुए सुधा मूर्ति ने कहा, 'आपके देश से यह पुरस्कार पाना मेरे लिए सम्मान की बात है.'
इस पुरस्कार के लिए उन्हें चुनने के लिए कनाडा इंडिया फाउंडेशन (सीआईएफ) को धन्यवाद देते हुए मूर्ति ने कहा, 'सीआईएफ महाभारत में कृष्ण की तरह है. कृष्ण देवकी के भी पुत्र हैं और यशोदा के भी. देवकी उनको जन्म देने वाली मां थीं और यशोदा ने उनका पालन-पोषण किया. आप भारत में पैदा हुए हैं लेकिन यहीं बसे हैं, यह यशोदा है और आपकी माता भारत है.'
दोनों देशों के बीच एक सेतु के रूप में भारत-कनाडाई प्रवासियों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, 'आप एक अलग भूमि में भारतीय संस्कृति के वाहक हैं. कृपया इसे जारी रखें.' जैसा कि उनके पति को भी 2014 में यही पुरस्कार दिया गया था, सुधा मूर्ति ने हंसी के बीच कहा, 'इस पुरस्कार के बारे में एक मजेदार बात है क्योंकि नारायण मूर्ति को भी यह पुरस्कार 2014 में मिला था और मुझे यह 2023 में मिला है. इसलिए पुरस्कार प्राप्त करने वाले हम पहले जोड़े हैं.'
उन्होंने पुरस्कार राशि द फील्ड इंस्टीट्यूट (टोरंटो विश्वविद्यालय) को दान कर दी, जो गणित और कई विषयों में सहयोग, नवाचार और सीखने को मजबूत करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध है. टोरंटो उत्सव कार्यक्रम में सुधा मूर्ति के साथ उनके दामाद और ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक के माता-पिता भी थे.
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