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G20 Summit की सफलता भारत के लिए महत्वपूर्ण क्षण, चीन को नुकसान : मुकेश अघी

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By PTI

Published : Sep 13, 2023, 12:03 PM IST

भारत की राजधानी नई दिल्ली में जी20 की सफलता देश के लिए एक महत्वपूर्ण पल है. वहीं, इस सम्मेलन से चीन को बड़ा नुकसान भी हुआ है. यह बात यूएसआईएसपीएफ के अध्यक्ष मुकेश अघी ने कही.

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वॉशिंगटन : भारत में हाल में संपन्न जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की सफलता देश के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है, जबकि चीन को इससे बड़ा नुकसान हुआ है. अमेरिका-भारत रणनीतिक एवं भागीदारी मंच (USISPF) के अध्यक्ष मुकेश अघी ने एक साक्षात्कार में यह बात कही. अघी ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन भारत के लिए एक कूटनीतिक सफलता है. उन्होंने कहा कि चीन ने जी20 शिखर सम्मेलन में अपने राष्ट्रपति को न भेजकर बड़ी गलती कर दी है. इससे उसको नुकसान होगा.

उन्होंने कहा, "मूलतः, दो बातें सामने आईं. एक तो यह है कि आपका एक ही घोषणापत्र आया. लेकिन इससे भी अधिक महत्वपूर्ण यह है कि भारत वैश्विक दक्षिण के अगुवा के रूप में उभरा है. इसका मतलब है कि यह चीन के लिए नुकसान है क्योंकि उन्होंने अपने राष्ट्रपति को वहां नहीं भेजा." उन्होंने कहा, "जी-20 भारत के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है. (भारतीय) नेतृत्व को बधाई. और ईमानदारी से कहूं तो, जब हमने सुना कि एक घोषणापत्र आ रहा है तो हमें आश्चर्य हुआ क्योंकि हमने सोचा था कि (जी20 का) कोई घोषणापत्र नहीं आएगा."

अघी ने कहा कि पहली बार हमने ऐसा जी20 देखा, जहां भारत के इतने शहर जी20 शिखर सम्मेलन से पहले की बैठकों में शामिल थे. पूरा देश इसमें शामिल था, और सभी प्रमुख शहर शामिल थे. इसका मतलब है कि आप शहर को सजाते हैं, आप शहरों का निर्माण करते हैं, यह सुनिश्चित करते हैं कि मेहमानों के मन में शहर के बारे में सकारात्मक धारणा बने." अघी का मानना है कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग का जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल न होने का निर्णय वास्तव में भारत के लिए अच्छा रहा.

पढ़ें : G20 presidency : भारत ने G20 की अध्यक्षता के जरिए फिर बहुध्रुवीय विश्व के महत्व पर डाला प्रकाश

उन्होंने कहा, "मैं कहूंगा कि राष्ट्रपति शी के नहीं आने से मूल रूप से एक शून्य पैदा हो गया था. वहीं इससे राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने एजेंडा को अधिक स्वतंत्र रूप से चला सकते थे. और वे एक घोषणापत्र ला पाए." अघी ने कहा कि भारत एक आर्थिक शक्ति बन रहा है. अभी भारतीय अर्थव्यवस्था 4,000 अरब डॉलर की है और अगले दो साल में यह 5,000 अरब डॉलर पर होगी.उन्होंने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को भी दर्शाती है.

वॉशिंगटन : भारत में हाल में संपन्न जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की सफलता देश के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है, जबकि चीन को इससे बड़ा नुकसान हुआ है. अमेरिका-भारत रणनीतिक एवं भागीदारी मंच (USISPF) के अध्यक्ष मुकेश अघी ने एक साक्षात्कार में यह बात कही. अघी ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन भारत के लिए एक कूटनीतिक सफलता है. उन्होंने कहा कि चीन ने जी20 शिखर सम्मेलन में अपने राष्ट्रपति को न भेजकर बड़ी गलती कर दी है. इससे उसको नुकसान होगा.

उन्होंने कहा, "मूलतः, दो बातें सामने आईं. एक तो यह है कि आपका एक ही घोषणापत्र आया. लेकिन इससे भी अधिक महत्वपूर्ण यह है कि भारत वैश्विक दक्षिण के अगुवा के रूप में उभरा है. इसका मतलब है कि यह चीन के लिए नुकसान है क्योंकि उन्होंने अपने राष्ट्रपति को वहां नहीं भेजा." उन्होंने कहा, "जी-20 भारत के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है. (भारतीय) नेतृत्व को बधाई. और ईमानदारी से कहूं तो, जब हमने सुना कि एक घोषणापत्र आ रहा है तो हमें आश्चर्य हुआ क्योंकि हमने सोचा था कि (जी20 का) कोई घोषणापत्र नहीं आएगा."

अघी ने कहा कि पहली बार हमने ऐसा जी20 देखा, जहां भारत के इतने शहर जी20 शिखर सम्मेलन से पहले की बैठकों में शामिल थे. पूरा देश इसमें शामिल था, और सभी प्रमुख शहर शामिल थे. इसका मतलब है कि आप शहर को सजाते हैं, आप शहरों का निर्माण करते हैं, यह सुनिश्चित करते हैं कि मेहमानों के मन में शहर के बारे में सकारात्मक धारणा बने." अघी का मानना है कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग का जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल न होने का निर्णय वास्तव में भारत के लिए अच्छा रहा.

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उन्होंने कहा, "मैं कहूंगा कि राष्ट्रपति शी के नहीं आने से मूल रूप से एक शून्य पैदा हो गया था. वहीं इससे राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने एजेंडा को अधिक स्वतंत्र रूप से चला सकते थे. और वे एक घोषणापत्र ला पाए." अघी ने कहा कि भारत एक आर्थिक शक्ति बन रहा है. अभी भारतीय अर्थव्यवस्था 4,000 अरब डॉलर की है और अगले दो साल में यह 5,000 अरब डॉलर पर होगी.उन्होंने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को भी दर्शाती है.

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