टोरंटो: कनाडा (Canada) के रिचमंड हिल (Richmond Hill) में स्थित हिंदू मंदिर (Hindu Temple) में महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की प्रतिमा (Statue) के साथ छेड़छाड़ की गई है. पुलिस का कहना है कि इसकी जांच हेट क्राइम (Hate Crime) के रूप में की जा रही है. यॉर्क क्षेत्रीय पुलिस (Police) के अनुसार, योंग स्ट्रीट और गार्डन एवेन्यू में विष्णु मंदिर (Vishnu Mandir) में पांच मीटर ऊंची प्रतिमा को विरुपित किया गया.
यॉर्क रीजनल पुलिस की प्रवक्ता एमी बौद्रेउ ने कहा कि किसी ने 'ग्राफिक शब्दों'- के साथ मूर्ति को विकृत कर दिया. उन्होंने कहा कि मूर्ति पर खालिस्तान भी लिखा था. उन्होंने कहा, यॉर्क क्षेत्रीय पुलिस किसी भी रूप में घृणा अपराध को बर्दाश्त नहीं करती है. उन्होंने कहा, जो लोग नस्ल, राष्ट्रीय या जातीय मूल, भाषा, रंग, धर्म, उम्र, लिंग, लिंग पहचान, लिंग अभिव्यक्ति और इस तरह के आधार पर दूसरों को पीड़ित करते हैं, उन पर कानून की पूरी सीमा तक मुकदमा चलाया जाएगा.
'30 वर्षों से भी अधिक समय से है यह मूर्ति'
वहीं, मंदिर के अध्यक्ष डॉ. बुधेंद्र दुबे ने कहा कि मूर्ति अपने वर्तमान स्थान, एक शांति पार्क में 30 से अधिक वर्षों से है. उन्होंने कहा कि इसे कभी भी किसी भी तरह से क्षतिग्रस्त नहीं किया गया है. बुधवार तड़के इसके क्षतिग्रस्त होने का पता चला. उन्होंने कहा, एक नाराजगी की भावना के साथ ही, मैं निराश भी था. डॉ. बुधेंद्र दुबे ने कहा, हम इतने सालों से यहां रिचमंड हिल में इतनी शांति से रहते हैं और ऐसा कुछ भी कभी नहीं हुआ है. हमें उम्मीद है कि ये चीजें नहीं होंगी. लेकिन आप क्या कर सकते हैं? उन्होंने कहा, अगर हम उस तरह से जी सकते हैं जैसा हमें गांधी जी ने सिखाया था, तो हम किसी को या किसी समुदाय को चोट नहीं पहुंचाएंगे.
भारत के महावाणिज्य दूतावास और भारतीय उच्चायोग ने की निंदा
टोरंटो (Toronto) में भारत के महावाणिज्य दूतावास (Consulate General of India) और ओटावा (Ottawa) में भारतीय उच्चायोग (High Commission of India) ने इस घटना की निंदा की. दोनों ने कहा कि उन्होंने कनाडा के अधिकारियों से अपराध को लेकर संपर्क किया है. महावाणिज्य दूतावास ने इसे 'आपराधिक, बर्बरता का घृणित कार्य' करार दिया. उच्चायोग ने कहा कि इस अपराध से भारतीय समुदाय में "चिंता और असुरक्षा बढ़ गई है. उच्चायोग ने कहा हमने मामले की जांच करने और अपराधियों को शीघ्र न्याय के कटघरे में लाने के लिए कनाडा सरकार से संपर्क किया है.