ETV Bharat / international

श्रीलंका में मंत्रिमंडल ने संविधान के 21वें संशोधन को एक हफ्ते के लिए टाला - sri lanka

श्रीलंका में प्रस्तावित संविधान संशोधन का मसौदा सोमवार को मंत्रिमंडल की बैठक में पेश किया गया. हालांकि सत्तारूढ़ दल के कुछ सदस्यों के कड़े विरोध के बाद उसे टाल दिया गया है.

sri lanka
श्रीलंका
author img

By

Published : Jun 7, 2022, 11:55 AM IST

कोलंबो : श्रीलंकाई मंत्रिमंडल (Sri Lankan Cabinet) ने संविधान के 21वें संशोधन पर सत्तारूढ़ दल के कुछ सदस्यों के कड़े विरोध के बाद उसे एक सप्ताह के लिए टाल दिया है. इस संशोधन के बाद संसद को राष्ट्रपति से अधिक शक्तियां और अधिकार मिल जाएंगे. संविधान के 21वें संशोधन के जरिये अनुच्छेद-20ए को निरस्त किए जाने की उम्मीद है, जो राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को व्यापक शक्तियां प्रदान करता है.

श्रीलंका में प्रस्तावित संशोधन का मसौदा सोमवार को मंत्रिमंडल की बैठक में पेश किया गया. सांसद चरिथा हेरथ ने संवाददाताओं से कहा, 'सभी पक्षों के प्रस्तावित संशोधनों पर सहमत होने के बाद ही इसे मंजूरी देने का फैसला किया गया है. इसे अब अगले सप्ताह मंत्रिमडल की बैठक में पेश किया जाएगा.' सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना पार्टी (एसएलपीपी) का एक वर्ग मौजूदा आर्थिक संकट से निपटे बिना 21वां संशोधन लाने के खिलाफ है.

एसएलपीपी महासचिव सागर करियावासम ने कहा, 'सभी आवश्यक वस्तुओं की कमी के कारण लोगों को परेशानी हो रही है. हमें राजनीतिक समाधान करने से पहले आर्थिक मुद्दों को सुलझाने के बारे में सोचना होगा.' संवैधानिक मामलों के मंत्री विजेदासा राजपक्षे को उम्मीद थी कि मंत्रिमंडल सोमवार को 21वें संशोधन को मंजूरी दे देगा. सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि सभी दलों द्वारा उठाई गई अधिकतर चिंताओं का समाधान कर लिया गया है और 21वें संशोधन पर सहमति बन गई है. श्रीलंका 1948 में ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिलने के बाद अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है.

पढ़ें : हिंसा के कारण श्रीलंका की सरकारी बीमा फर्म को एक बिलियन श्रीलंकन रुपये से अधिक का नुकसान

कोलंबो : श्रीलंकाई मंत्रिमंडल (Sri Lankan Cabinet) ने संविधान के 21वें संशोधन पर सत्तारूढ़ दल के कुछ सदस्यों के कड़े विरोध के बाद उसे एक सप्ताह के लिए टाल दिया है. इस संशोधन के बाद संसद को राष्ट्रपति से अधिक शक्तियां और अधिकार मिल जाएंगे. संविधान के 21वें संशोधन के जरिये अनुच्छेद-20ए को निरस्त किए जाने की उम्मीद है, जो राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को व्यापक शक्तियां प्रदान करता है.

श्रीलंका में प्रस्तावित संशोधन का मसौदा सोमवार को मंत्रिमंडल की बैठक में पेश किया गया. सांसद चरिथा हेरथ ने संवाददाताओं से कहा, 'सभी पक्षों के प्रस्तावित संशोधनों पर सहमत होने के बाद ही इसे मंजूरी देने का फैसला किया गया है. इसे अब अगले सप्ताह मंत्रिमडल की बैठक में पेश किया जाएगा.' सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना पार्टी (एसएलपीपी) का एक वर्ग मौजूदा आर्थिक संकट से निपटे बिना 21वां संशोधन लाने के खिलाफ है.

एसएलपीपी महासचिव सागर करियावासम ने कहा, 'सभी आवश्यक वस्तुओं की कमी के कारण लोगों को परेशानी हो रही है. हमें राजनीतिक समाधान करने से पहले आर्थिक मुद्दों को सुलझाने के बारे में सोचना होगा.' संवैधानिक मामलों के मंत्री विजेदासा राजपक्षे को उम्मीद थी कि मंत्रिमंडल सोमवार को 21वें संशोधन को मंजूरी दे देगा. सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि सभी दलों द्वारा उठाई गई अधिकतर चिंताओं का समाधान कर लिया गया है और 21वें संशोधन पर सहमति बन गई है. श्रीलंका 1948 में ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिलने के बाद अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है.

पढ़ें : हिंसा के कारण श्रीलंका की सरकारी बीमा फर्म को एक बिलियन श्रीलंकन रुपये से अधिक का नुकसान

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.