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सिंगापुर का पडांग 75वां राष्ट्रीय स्मारक घोषित, यहीं से नेताजी ने दिया था 'दिल्ली चलो' का नारा - दिल्ली चलो

सिंगापुर ने ऐतिहासिक खुले क्षेत्र पडांग को अपना 75वां राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर दिया है. यह घोषणा 57वें राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर की गई. गौरतलब है कि इसी जगह से नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 'दिल्ली चलो' का नारा दिया था.

Singapore Padang
सिंगापुर पडांग
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Published : Aug 9, 2022, 8:58 PM IST

सिंगापुर: 57वां राष्ट्रीय दिवस मनाते हुए सिंगापुर ने मंगलवार को अपने 200 साल पुराने ऐतिहासिक हरित खुले क्षेत्र पडांग को अपना 75वां राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया है. पडांग देश के इतिहास में अनगिनत आयोजनों से जुड़ा रहा है और इसी जगह से नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 1943 में 'दिल्ली चलो' का नारा दिया था. सिंगापुर में बीचोबीच स्थित 4.3 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला पडांग सिंगापुर की राष्ट्रीय स्मारकों की सूची में पहला हरित, खुला क्षेत्र है. यहां सन 1800 से ही क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी, टेनिस और लॉन बॉलिंग जैसी खेल स्पर्धाओं का आयोजन होता रहा है.

सिंगापुर के राष्ट्रीय धरोहर बोर्ड (एनएचबी) ने कहा कि पडांग के राष्ट्रीय, ऐतिहासिक और सामाजिक महत्व को देखते हुए इसे स्मारक संरक्षण अधिनियम के तहत सर्वोच्च स्तर का संरक्षण प्रदान किया जाएगा. मलय भाषा में पडांग का अर्थ मैदान होता है. नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर में दक्षिण एशियाई अध्ययन के प्रमुख प्रोफेसर राजेश राय ने पडांग और आजाद हिंद फौज के बीच संबंध जुड़े होने की बात कही.

यह भी पढ़ें-जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे जयशंकर, रास्ते में सिंगापुर के डिप्टी पीएम से मिले

उन्होंने कहा, 'सिंगापुर में भारतीय समुदाय के लिए पडांग का विशेष महत्व है. यहीं से नेताजी ने आजाद हिंद फौज के हजारों जवानों और स्थानीय भारतीय लोगों को अनेक भाषण दिए थे. यहीं उन्होंने 'दिल्ली चलो' का नारा दिया था, यहां झांसी की रानी रेजीमेंट बनाई गईं और भारतीय संपत्तियों को पूरी तरह ब्रिटिश शासन से मुक्त करने का आह्वान यहां किया गया था.' पडांग का नाम अब सिंगापुर के अन्य 74 स्मारकों के साथ जुड़ जाएगा, जिनमें से सात यहां रहने वाले भारतीय समुदाय से संबंध रखते हैं

(पीटीआई-भाषा)

सिंगापुर: 57वां राष्ट्रीय दिवस मनाते हुए सिंगापुर ने मंगलवार को अपने 200 साल पुराने ऐतिहासिक हरित खुले क्षेत्र पडांग को अपना 75वां राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया है. पडांग देश के इतिहास में अनगिनत आयोजनों से जुड़ा रहा है और इसी जगह से नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 1943 में 'दिल्ली चलो' का नारा दिया था. सिंगापुर में बीचोबीच स्थित 4.3 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला पडांग सिंगापुर की राष्ट्रीय स्मारकों की सूची में पहला हरित, खुला क्षेत्र है. यहां सन 1800 से ही क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी, टेनिस और लॉन बॉलिंग जैसी खेल स्पर्धाओं का आयोजन होता रहा है.

सिंगापुर के राष्ट्रीय धरोहर बोर्ड (एनएचबी) ने कहा कि पडांग के राष्ट्रीय, ऐतिहासिक और सामाजिक महत्व को देखते हुए इसे स्मारक संरक्षण अधिनियम के तहत सर्वोच्च स्तर का संरक्षण प्रदान किया जाएगा. मलय भाषा में पडांग का अर्थ मैदान होता है. नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर में दक्षिण एशियाई अध्ययन के प्रमुख प्रोफेसर राजेश राय ने पडांग और आजाद हिंद फौज के बीच संबंध जुड़े होने की बात कही.

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उन्होंने कहा, 'सिंगापुर में भारतीय समुदाय के लिए पडांग का विशेष महत्व है. यहीं से नेताजी ने आजाद हिंद फौज के हजारों जवानों और स्थानीय भारतीय लोगों को अनेक भाषण दिए थे. यहीं उन्होंने 'दिल्ली चलो' का नारा दिया था, यहां झांसी की रानी रेजीमेंट बनाई गईं और भारतीय संपत्तियों को पूरी तरह ब्रिटिश शासन से मुक्त करने का आह्वान यहां किया गया था.' पडांग का नाम अब सिंगापुर के अन्य 74 स्मारकों के साथ जुड़ जाएगा, जिनमें से सात यहां रहने वाले भारतीय समुदाय से संबंध रखते हैं

(पीटीआई-भाषा)

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