मास्को : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) ने मंगलवार को कहा कि रूस महत्वाकांक्षी उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा विकसित कर रहा है जिससे भारत, ईरान और पाकिस्तान के साथ-साथ पश्चिम एशियाई देशों के साथ व्यापार सहयोग के नए रास्ते खुलेंगे.
'फेडरल एसेंबली' में राष्ट्र के नाम एक घंटे 45 मिनट के संबोधन में पुतिन ने यह भी कहा कि रूस आशाजनक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संबंधों का विस्तार करेगा, साथ ही नए आपूर्ति गलियारों का निर्माण करेगा, क्योंकि अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों ने यूक्रेन युद्ध के लिए रूस के खिलाफ कठोर प्रतिबंध लगाए हैं.
पुतिन ने कहा, 'हम काला सागर और अजोव सागर के बंदरगाहों को विकसित करेंगे. हम उत्तर-दक्षिण अंतरराष्ट्रीय गलियारे पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करेंगे.' राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि गलियारा भारत, ईरान, पाकिस्तान के साथ-साथ पश्चिम एशियाई देशों के साथ व्यापार सहयोग के नए मार्ग खोलेगा. रूस की सरकारी समाचार एजेंसी 'तास' ने पुतिन के हवाले से कहा, 'हम इस गलियारे को विकसित करना जारी रखेंगे.'
शुक्रवार को यूक्रेन युद्ध का एक साल पूरा होने के पूर्व, पुतिन ने कहा, 'राष्ट्र, क्षेत्रों और स्थानीय व्यवसायों को किन क्षेत्रों में अपनी साझेदारी के काम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए? सबसे पहले, हम आशाजनक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संबंधों का विस्तार करेंगे और नए आपूर्ति गलियारों का निर्माण करेंगे.'
उन्होंने कहा कि मास्को-कजान राजमार्ग को येकातेरिनबर्ग, चेल्याबिंस्क और टूमेन तक और भविष्य में इरकुत्स्क और व्लादिवोस्तोक तक तथा संभवतः कजाकिस्तान, मंगोलिया और चीन तक विस्तारित करने का निर्णय लिया जा चुका है, जो विशेष रूप से दक्षिण पूर्व एशिया के बाजार के साथ रूस के आर्थिक संबंधों का विस्तार करेगा.
अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी) भारत, ईरान, अफगानिस्तान, आर्मेनिया, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के बीच माल ढुलाई के लिए 7,200 किलोमीटर लंबी परिवहन परियोजना है. आईएनएसटीसी रूस और यूरोप तक पहुंचने और मध्य एशियाई बाजारों में प्रवेश करने के लिए माल के आयात-निर्यात में लगने वाले समय को कम करने की भारत की दृष्टि और पहल है.
अक्टूबर 2021 में आर्मेनिया में येरेवन की यात्रा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रस्ताव दिया कि ईरान में रणनीतिक चाबहार बंदरगाह को उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे में शामिल किया जाए, जिसमें संपर्क बाधाओं को पाटने की क्षमता है.
ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में चाबहार बंदरगाह भारत के पश्चिमी तट से आसानी से पहुंचा जा सकता है. चाबहार को लगभग 80 किमी की दूरी पर स्थित पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह के मुकाबले के रूप में देखा जा रहा है.
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(पीटीआई-भाषा)