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Delhi G20 Summit 2023 : जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता के लिए सभी पक्षों के साथ काम करने को तैयार: चीन

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 5, 2023, 5:48 PM IST

चीन ने कहा है कि वह नई दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता को लेकर सभी पक्षों के साथ काम करने के लिए तैयार है. इस बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मीडिया से कहा कि चीन और भारत संबंध कुल मिलाकर स्थिर है.

China
चीन

बीजिंग : चीन ने मंगलवार को कहा कि उसने इस साल के जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी में भारत का समर्थन किया है और वह इस सप्ताह नई दिल्ली में होने वाले हाई-प्रोफाइल वैश्विक सम्मेलन की सफलता के लिए सभी पक्षों के साथ काम करने को तैयार है. चीन के विदेश मंत्रालय की इस घोषणा के एक दिन बाद कि जी20 शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की जगह प्रधानमंत्री ली क्विंग चीन का प्रतिनिधित्व करेंगे, मंत्रालय की प्रवक्ता ने यहां नियमित प्रेस वार्ता में संवाददाताओं से कहा कि चीन हमेशा जी20 समूह को उच्च महत्व देता है और प्रासंगिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से हिस्सा लेता है.

उन्होंने 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाले शिखर सम्मेलन में कहा, 'हम इस साल के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने में भारत का समर्थन करते हैं और जी20 शिखर सम्मेलन को सफल बनाने के लिए सभी पक्षों के साथ काम करने के लिए तैयार हैं.' उन्होंने कहा कि जी20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है. सीमा विवाद का उल्लेख किए बिना, प्रवक्ता ने कहा कि चीन-भारत संबंध कुल मिलाकर स्थिर है और हमारे दोनों पक्षों ने विभिन्न स्तरों पर बातचीत और सम्पर्क बनाए रखा है.

उन्होंने कहा, 'चीन-भारत संबंधों में निरंतर सुधार और वृद्धि दोनों देशों और दोनों देशों के लोगों के साझा हितों की पूर्ति करती है. हम द्विपक्षीय संबंधों को और बेहतर बनाने और आगे बढ़ाने के लिए भारत के साथ काम करने के लिए तैयार हैं.' जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में झड़प के बाद से भारत और चीन के बीच संबंधों में तनाव है. पूर्वी लद्दाख में कुछ बिंदुओं पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच तीन साल से अधिक समय से टकराव है, जबकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी पूरी कर ली है.

भारत का कहना रहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति और स्थिरता समग्र संबंधों को सामान्य बनाने के लिए महत्वपूर्ण है. चीन के प्रधानमंत्री ली 5 से 8 सितंबर तक इंडोनेशिया में आसियान शिखर सम्मेलन में चीन का प्रतिनिधित्व करेंगे. वह जकार्ता में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद भारत की यात्रा करेंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनील, जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा उन जी20 नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने जी20 शिखर सम्मेलन में अपनी भागीदारी की पहले ही पुष्टि कर दी है.

जी20 के सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व जनसंख्या का लगभग दो-तिहाई का प्रतिनिधित्व करते हैं. समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं.

ये भी पढ़ें - Zingping will not attend G20 conference: जी20 सम्मेलन में जिनपिंग नहीं लेंगे हिस्सा, प्रधानमंत्री ली होंगे शामिल

(पीटीआई-भाषा)

बीजिंग : चीन ने मंगलवार को कहा कि उसने इस साल के जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी में भारत का समर्थन किया है और वह इस सप्ताह नई दिल्ली में होने वाले हाई-प्रोफाइल वैश्विक सम्मेलन की सफलता के लिए सभी पक्षों के साथ काम करने को तैयार है. चीन के विदेश मंत्रालय की इस घोषणा के एक दिन बाद कि जी20 शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की जगह प्रधानमंत्री ली क्विंग चीन का प्रतिनिधित्व करेंगे, मंत्रालय की प्रवक्ता ने यहां नियमित प्रेस वार्ता में संवाददाताओं से कहा कि चीन हमेशा जी20 समूह को उच्च महत्व देता है और प्रासंगिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से हिस्सा लेता है.

उन्होंने 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाले शिखर सम्मेलन में कहा, 'हम इस साल के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने में भारत का समर्थन करते हैं और जी20 शिखर सम्मेलन को सफल बनाने के लिए सभी पक्षों के साथ काम करने के लिए तैयार हैं.' उन्होंने कहा कि जी20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है. सीमा विवाद का उल्लेख किए बिना, प्रवक्ता ने कहा कि चीन-भारत संबंध कुल मिलाकर स्थिर है और हमारे दोनों पक्षों ने विभिन्न स्तरों पर बातचीत और सम्पर्क बनाए रखा है.

उन्होंने कहा, 'चीन-भारत संबंधों में निरंतर सुधार और वृद्धि दोनों देशों और दोनों देशों के लोगों के साझा हितों की पूर्ति करती है. हम द्विपक्षीय संबंधों को और बेहतर बनाने और आगे बढ़ाने के लिए भारत के साथ काम करने के लिए तैयार हैं.' जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में झड़प के बाद से भारत और चीन के बीच संबंधों में तनाव है. पूर्वी लद्दाख में कुछ बिंदुओं पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच तीन साल से अधिक समय से टकराव है, जबकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी पूरी कर ली है.

भारत का कहना रहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति और स्थिरता समग्र संबंधों को सामान्य बनाने के लिए महत्वपूर्ण है. चीन के प्रधानमंत्री ली 5 से 8 सितंबर तक इंडोनेशिया में आसियान शिखर सम्मेलन में चीन का प्रतिनिधित्व करेंगे. वह जकार्ता में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद भारत की यात्रा करेंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनील, जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा उन जी20 नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने जी20 शिखर सम्मेलन में अपनी भागीदारी की पहले ही पुष्टि कर दी है.

जी20 के सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व जनसंख्या का लगभग दो-तिहाई का प्रतिनिधित्व करते हैं. समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं.

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(पीटीआई-भाषा)

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