लंदन: पूरी जिंदगी ब्रिटेन की राजगद्दी संभालने की तैयारी करने के बाद अंतत: 73 साल की उम्र में प्रिंस चार्ल्स (Prince Charles) को 'महाराज चार्ल्स तृतीय' के रूप में देश की राजगद्दी पर बैठने का अवसर मिला है. ब्रिटेन की राजगद्दी पर बैठने वाले चार्ल्स सबसे अधिक उम्र के राजा होंगे. गुरुवार को अपनी मां महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II ) के निधन के बाद वह देश के अगले महाराज बने हैं. ब्रिटिश राजशाही के अधिकारियों के मुताबिक, चार्ल्स ‘किंग चार्ल्स थर्ड’ (महाराज चार्ल्स तृतीय) के नाम से राजगद्दी संभालेंगे.
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हालांकि अभी तक चार्ल्स की ताजपोशी की तारीख तय नहीं हुई है. जन्म के साथ ही देश की राजगद्दी संभालने की तैयारी शुरू करने वाले चार्ल्स ने ब्रिटिश राजशाही के आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. चार्ल्स पहले ऐसे शाही उत्तराधिकारी हैं जिनकी शिक्षा घर में नहीं हुई है, साथ ही वह विश्वविद्यालय डिग्री पाने वाले और राजपरिवार और सामान्य जनता के बीच की कम होती दूरियों के दौर में मीडिया की पैनी नजरों के बीच जिंदगी गुजारने वाले भी पहले उत्तराधिकारी हैं.
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बेहद लोकप्रिय प्रिंसेस डायना के साथ काफी विवादित तलाक के बाद वह काफी अलग-थलग भी पड़े. उन्होंने राज परिवार के सदस्यों को सार्वजनिक मामलों में हस्तक्षेप करने से रोकने वाले नियम की भी कई बार अनदेखी की. उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और वास्तुकलाओं के संरक्षण जैसे मुद्दों पर खुलकर चर्चा की.