ETV Bharat / international

PoK Activists In UN : पीओके और गिलगित बाल्टिस्तान में लोग बर्बरता के शिकार, UNHRC से मांगी मदद

author img

By

Published : Mar 23, 2023, 7:18 AM IST

यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी के अध्यक्ष, सरदार शौकत अली कश्मीरी ने अपने भाषण के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद को सूचित किया कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान में भूमि अधिकारों और मानवाधिकारों का व्यवस्थित रूप से उल्लंघन हो रहा है. जिसकी जांच के लिए यूएनएचआरसी को एक टीम भेजनी चाहिए.

PoK Activists In UN
प्रतिकात्मक तस्वीर

जिनेवा (स्विट्जरलैंड) : पाकिस्तान की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. पाकिस्तान एक तरफ आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के केंद्रीय शासन से नाराज पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर, गिलगित बाल्टिस्तान के राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में इसकी शिकायत लगाई है. इन राज्यों के नेताओं का कहना है कि यहां के लोगों के मानवाधिकारों का हनन हो रहा है.

उन्होंने यूएनएचआरसी को सूचना दी है कि यहां सरकार की एजेंसियां लोगों का अपहरण कर रही हैं, उनके साथ बर्बतापूर्ण बरताव किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रशासक गंभीर तरीके से मानवाधिकारों के हनन में शामिल हैं. परिषद के 52वें सत्र के दौरान यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) के अध्यक्ष, सरदार शौकत अली कश्मीरी और केंद्रीय प्रवक्ता नासिर अजीज खान ने यूएनएचआरसी में अपनी बात कही. उन्होंने कहा कि हमारा संगठन क्षेत्र में हो रहे गंभीर मानवाधिकारों के हनन की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता है.

पढ़ें : High Commission of India: लंदन में भारतीय उच्चायोग की बढ़ाई गई सुरक्षा, अभी भी हो रहे प्रदर्शन

अजीज खान ने अपने भाषण में खास तौर से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और गिलगित बाल्टिस्तान का जिक्र किया. यूएनएचआरसी में नासिर अजीज खान ने कहा कि पिछले कई वर्षों से इन इलाकों में मानवाधिकारों के उल्लंघन बेरोक-टोक जारी है. सरकारी एजेंसियां और इनके पोषित लोग हत्या, अपहरण, जबरन वसूली, अत्याचार, अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव में शामिल हैं. उन्होंने कहा कि इलाके के लोगों को ना तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है और ना ही विधानसभा को पूरी अधिकार दिया गया है.

यूकेपीएनपी के केंद्रीय प्रवक्ता नासिर अजीज खान ने कहा कि हाल के वर्षों में मानवाधिकारों के हनन की वारदातों में तेजी आई है. स्थिति और भी बदतर हो गई है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, राजनीतिक दल बनाने और जनसभा करने की आजादी तक नहीं है. पत्रकारों के प्रकाशन की स्वतंत्रता पर भी सख्त प्रतिबंध लागू हैं. उन्होंने कहा कि आजाद जम्मू कश्मीर अंतरिम अधिनियम 1974 द्वारा शासित है. जो कश्मीरियों के चुनावों में भाग लेने के अधिकारों को सीमित करता है.

पढ़ें : China-Russia Relations : नये युग में सर्वांगीण रणनीतिक समन्वित साझेदारी गहराने पर सहमत चीन-रूस

उन्होंने कहा कि इन मुद्दों की रिपोर्टिंग करने वाले या इस लिखने बोलने वाले लोगों को पाकिस्तान का प्रशासन निशाना बनाता है. उन्होंने कहा कि यहां मानवाधिकार कार्यकर्ताओं धमकी दी जा रही है और उन्हें परेशान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, ईसाई, हिंदू और अहमदियों सहित धार्मिक अल्पसंख्यकों को भेदभाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है. महिलाओं और लड़कियों के अधिकार भी खतरे में हैं.

उन्होंने कहा कि वे जबरन विवाह और ऑनर किलिंग की शिकार हो रही हैं. अल्पसंख्यकों अक्सर ईशनिंदा कानूनों का निशाना बन रहे हैं. यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी ने मांग की है कि यूएनएचआरसी पाकिस्तान और उसके प्रशासित इलाकों आजाद कश्मीर और गिलगित बाल्टिस्तान में इन स्थितियों की जांच के लिए एक विशेष रिपोर्टर नियुक्त करें या एक फैक्ट फाइंडिंग टीम भेजे.

पढ़ें : Putin And Jinping Relation : शी को पुतिन और रूस में अमेरिका के प्रभाव का मुकाबला करने की संभावना दिखती है : अमेरिका

(एएनआई)

जिनेवा (स्विट्जरलैंड) : पाकिस्तान की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. पाकिस्तान एक तरफ आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के केंद्रीय शासन से नाराज पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर, गिलगित बाल्टिस्तान के राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में इसकी शिकायत लगाई है. इन राज्यों के नेताओं का कहना है कि यहां के लोगों के मानवाधिकारों का हनन हो रहा है.

उन्होंने यूएनएचआरसी को सूचना दी है कि यहां सरकार की एजेंसियां लोगों का अपहरण कर रही हैं, उनके साथ बर्बतापूर्ण बरताव किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रशासक गंभीर तरीके से मानवाधिकारों के हनन में शामिल हैं. परिषद के 52वें सत्र के दौरान यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) के अध्यक्ष, सरदार शौकत अली कश्मीरी और केंद्रीय प्रवक्ता नासिर अजीज खान ने यूएनएचआरसी में अपनी बात कही. उन्होंने कहा कि हमारा संगठन क्षेत्र में हो रहे गंभीर मानवाधिकारों के हनन की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता है.

पढ़ें : High Commission of India: लंदन में भारतीय उच्चायोग की बढ़ाई गई सुरक्षा, अभी भी हो रहे प्रदर्शन

अजीज खान ने अपने भाषण में खास तौर से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और गिलगित बाल्टिस्तान का जिक्र किया. यूएनएचआरसी में नासिर अजीज खान ने कहा कि पिछले कई वर्षों से इन इलाकों में मानवाधिकारों के उल्लंघन बेरोक-टोक जारी है. सरकारी एजेंसियां और इनके पोषित लोग हत्या, अपहरण, जबरन वसूली, अत्याचार, अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव में शामिल हैं. उन्होंने कहा कि इलाके के लोगों को ना तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है और ना ही विधानसभा को पूरी अधिकार दिया गया है.

यूकेपीएनपी के केंद्रीय प्रवक्ता नासिर अजीज खान ने कहा कि हाल के वर्षों में मानवाधिकारों के हनन की वारदातों में तेजी आई है. स्थिति और भी बदतर हो गई है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, राजनीतिक दल बनाने और जनसभा करने की आजादी तक नहीं है. पत्रकारों के प्रकाशन की स्वतंत्रता पर भी सख्त प्रतिबंध लागू हैं. उन्होंने कहा कि आजाद जम्मू कश्मीर अंतरिम अधिनियम 1974 द्वारा शासित है. जो कश्मीरियों के चुनावों में भाग लेने के अधिकारों को सीमित करता है.

पढ़ें : China-Russia Relations : नये युग में सर्वांगीण रणनीतिक समन्वित साझेदारी गहराने पर सहमत चीन-रूस

उन्होंने कहा कि इन मुद्दों की रिपोर्टिंग करने वाले या इस लिखने बोलने वाले लोगों को पाकिस्तान का प्रशासन निशाना बनाता है. उन्होंने कहा कि यहां मानवाधिकार कार्यकर्ताओं धमकी दी जा रही है और उन्हें परेशान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, ईसाई, हिंदू और अहमदियों सहित धार्मिक अल्पसंख्यकों को भेदभाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है. महिलाओं और लड़कियों के अधिकार भी खतरे में हैं.

उन्होंने कहा कि वे जबरन विवाह और ऑनर किलिंग की शिकार हो रही हैं. अल्पसंख्यकों अक्सर ईशनिंदा कानूनों का निशाना बन रहे हैं. यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी ने मांग की है कि यूएनएचआरसी पाकिस्तान और उसके प्रशासित इलाकों आजाद कश्मीर और गिलगित बाल्टिस्तान में इन स्थितियों की जांच के लिए एक विशेष रिपोर्टर नियुक्त करें या एक फैक्ट फाइंडिंग टीम भेजे.

पढ़ें : Putin And Jinping Relation : शी को पुतिन और रूस में अमेरिका के प्रभाव का मुकाबला करने की संभावना दिखती है : अमेरिका

(एएनआई)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.