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पाकिस्तान के SC ने इमरान की गिरफ्तारी को बताया 'अवैध', रिहाई के दिये आदेश

पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को भ्रष्टाचार रोधी निगरानी संस्था को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को एक घंटे के भीतर शाम साढ़े चार बजे (स्थानीय समयानुसार) पेश करने का आदेश दिया. जिसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को उसके सामने पेश किया गया. प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल, न्यायमूर्ति मुहम्मद अली मजहर और न्यायमूर्ति अतहर मिनल्लाह की तीन सदस्यीय पीठ ने यह निर्देश जारी किया था. पीठ ने अल-कादिर ट्रस्ट मामले में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी याचिका पर सुनवाई की. इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि एजेंसी ने अदालत परिसर में प्रवेश कर और रजिस्ट्रार की अनुमति के बिना खान को गिरफ्तार कर "अदालत की अवमानना" की है. चीफ जस्टिस ने कहा है कि इमरान खान से उनके परिवार के लोग मिल सकते हैं.

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Published : May 11, 2023, 6:25 PM IST

Updated : May 11, 2023, 10:25 PM IST

इस्लमाबाद : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गुरुवार को उच्चतम न्यायालय ने बड़ी राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी को 'गैर कानूनी' करार दिया और उन्हें तत्काल रिहा करने का आदेश दिया. इससे पहले शीर्ष अदालत के निर्देश पर खान को उसके समक्ष पेश किया गया. प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल, न्यायमूर्ति मुहम्मद अली मजहर और न्यायमूर्ति अतहर मिनल्लाह की तीन सदस्यीय पीठ ने 70 वर्षीय खान को उसके समक्ष पेश करने का निर्देश जारी किया था. पीठ ने अल-कादिर ट्रस्ट मामले में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर में उनकी गिरफ्तारी के तरीके पर नाराजगी जताई. चीफ जस्टिस ने कहा है कि इमरान खान से उनके परिवार के लोग मिल सकते हैं. फिलहाल आज रात पुलिस गेस्ट हाउस में रहेंगे.

इससे पहले, न्यायालय ने भ्रष्टाचार रोधी निगरानी संस्था राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) को इमरान खान को एक घंटे के भीतर शाम साढ़े चार बजे (स्थानीय समयानुसार) पेश करने का निर्देश दिया था. खान को अदालत के समक्ष कड़ी सुरक्षा के बीच पेश किया गया. जैसे ही वह अदालत कक्ष में दाखिल हुए, उसके दरवाजे बंद कर दिए गए और उसके बाद पीठ ने मामले की सुनवाई शुरू की. प्रधान न्यायाधीश बंदियाल ने खान से कहा, "आपको देख कर अच्छा लगा. हमारा मानना है कि इमरान खान की गिरफ्तारी गैर कानूनी है." न्यायाधीश ने कहा कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को शुक्रवार को मामले की सुनवाई करनी चाहिए, "उच्च न्यायालय जो भी फैसला दे आपको स्वीकार करना होगा."

  • Pakistan Tehreek-e-Insaf's (PTI) Chairman Imran Khan’s arrest has been declared “illegal” by Pakistan's Supreme Court: Pakistan's Geo TV reports pic.twitter.com/bnDF8oC5oK

    — ANI (@ANI) May 11, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

न्यायमूर्ति बंदियाल ने यह भी कहा कि प्रत्येक नेता की जिम्मेदारी है कि वह कानून व्यवस्था सुनिश्चित करे. इससे पहले, सुनवाई शुरू होने पर प्रधान न्यायाधीश ने सवाल किया कि किसी व्यक्ति को अदालत परिसर से कैसे गिरफ्तार किया जा सकता है. न्यायमूर्ति मिनल्लाह ने कहा कि निश्चित रूप से खान अदालत परिसर में प्रवेश कर गए थे. उन्होंने कहा, "न्याय के अधिकार से किसी को कैसे वंचित किया जा सकता है." इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि एजेंसी द्वारा किसी को भी अदालत परिसर में और रजिस्ट्रार की अनुमति के बिना गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए. शीर्ष अदालत ने टिप्पणी की कि यह गिरफ्तारी भय और धमकी के बिना न्याय पाने के अधिकार से वंचित करने जैसा है जो प्रत्येक नागरिक का अधिकार है.

पढ़ें : Protest In Pakistan : पाकिस्तान में हिंसक विरोध प्रदर्शन, 8 की मौत, 290 घायल

अदालत ने कहा कि व्यक्ति द्वारा अदालत परिसर में दाखिल होने का अभिप्राय है कि वह अदालत में आत्मसमर्पण कर रहा है, फिर कैसे व्यक्ति को आत्मसमर्पण करने के बाद गिरफ्तार किया जा सकता है? प्रधान न्यायाधीश ने कहा, "जब व्यक्ति अदालत में आत्मसमर्पण कर रहा हो तो उसकी गिरफ्तारी का क्या अभिप्राय है?" खान के वकील हामिद खान ने अदालत को सूचित किया कि उनके मुवक्किल इस्लामाबाद उच्च न्यायालय अग्रिम जमानत लेने गए थे लेकिन अर्धसैनिक रेंजर्स ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने आरोप लगाया, "रेंजर्स ने इमरान खान के साथ दुर्व्यवहार किया और उन्हें गिरफ्तार किया."

प्रधान न्यायाधीश ने सवाल किया, "अगर 90 लोग (रेंजर्स) परिसर में प्रवेश कर जाते हैं तो अदालत की क्या गरिमा रह जाती है? अदालत परिसर से किसी व्यक्ति को कैसे गिरफ्तार किया जा सकता है?" उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने ‘अदालत की अवमानना’ की है. उन्होंने कहा, "गिरफ्तारी से पहले ब्यूरो को अदालत के रजिस्ट्रार से अनुमति लेनी चाहिए थी. अदालत के कर्मचारियों के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया." गौरतलब है कि पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई)के अध्यक्ष खान को मंगलवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से गिरफ्तार किया गया था.

(पीटीआई-भाषा)

इस्लमाबाद : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गुरुवार को उच्चतम न्यायालय ने बड़ी राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी को 'गैर कानूनी' करार दिया और उन्हें तत्काल रिहा करने का आदेश दिया. इससे पहले शीर्ष अदालत के निर्देश पर खान को उसके समक्ष पेश किया गया. प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल, न्यायमूर्ति मुहम्मद अली मजहर और न्यायमूर्ति अतहर मिनल्लाह की तीन सदस्यीय पीठ ने 70 वर्षीय खान को उसके समक्ष पेश करने का निर्देश जारी किया था. पीठ ने अल-कादिर ट्रस्ट मामले में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर में उनकी गिरफ्तारी के तरीके पर नाराजगी जताई. चीफ जस्टिस ने कहा है कि इमरान खान से उनके परिवार के लोग मिल सकते हैं. फिलहाल आज रात पुलिस गेस्ट हाउस में रहेंगे.

इससे पहले, न्यायालय ने भ्रष्टाचार रोधी निगरानी संस्था राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) को इमरान खान को एक घंटे के भीतर शाम साढ़े चार बजे (स्थानीय समयानुसार) पेश करने का निर्देश दिया था. खान को अदालत के समक्ष कड़ी सुरक्षा के बीच पेश किया गया. जैसे ही वह अदालत कक्ष में दाखिल हुए, उसके दरवाजे बंद कर दिए गए और उसके बाद पीठ ने मामले की सुनवाई शुरू की. प्रधान न्यायाधीश बंदियाल ने खान से कहा, "आपको देख कर अच्छा लगा. हमारा मानना है कि इमरान खान की गिरफ्तारी गैर कानूनी है." न्यायाधीश ने कहा कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को शुक्रवार को मामले की सुनवाई करनी चाहिए, "उच्च न्यायालय जो भी फैसला दे आपको स्वीकार करना होगा."

  • Pakistan Tehreek-e-Insaf's (PTI) Chairman Imran Khan’s arrest has been declared “illegal” by Pakistan's Supreme Court: Pakistan's Geo TV reports pic.twitter.com/bnDF8oC5oK

    — ANI (@ANI) May 11, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

न्यायमूर्ति बंदियाल ने यह भी कहा कि प्रत्येक नेता की जिम्मेदारी है कि वह कानून व्यवस्था सुनिश्चित करे. इससे पहले, सुनवाई शुरू होने पर प्रधान न्यायाधीश ने सवाल किया कि किसी व्यक्ति को अदालत परिसर से कैसे गिरफ्तार किया जा सकता है. न्यायमूर्ति मिनल्लाह ने कहा कि निश्चित रूप से खान अदालत परिसर में प्रवेश कर गए थे. उन्होंने कहा, "न्याय के अधिकार से किसी को कैसे वंचित किया जा सकता है." इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि एजेंसी द्वारा किसी को भी अदालत परिसर में और रजिस्ट्रार की अनुमति के बिना गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए. शीर्ष अदालत ने टिप्पणी की कि यह गिरफ्तारी भय और धमकी के बिना न्याय पाने के अधिकार से वंचित करने जैसा है जो प्रत्येक नागरिक का अधिकार है.

पढ़ें : Protest In Pakistan : पाकिस्तान में हिंसक विरोध प्रदर्शन, 8 की मौत, 290 घायल

अदालत ने कहा कि व्यक्ति द्वारा अदालत परिसर में दाखिल होने का अभिप्राय है कि वह अदालत में आत्मसमर्पण कर रहा है, फिर कैसे व्यक्ति को आत्मसमर्पण करने के बाद गिरफ्तार किया जा सकता है? प्रधान न्यायाधीश ने कहा, "जब व्यक्ति अदालत में आत्मसमर्पण कर रहा हो तो उसकी गिरफ्तारी का क्या अभिप्राय है?" खान के वकील हामिद खान ने अदालत को सूचित किया कि उनके मुवक्किल इस्लामाबाद उच्च न्यायालय अग्रिम जमानत लेने गए थे लेकिन अर्धसैनिक रेंजर्स ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने आरोप लगाया, "रेंजर्स ने इमरान खान के साथ दुर्व्यवहार किया और उन्हें गिरफ्तार किया."

प्रधान न्यायाधीश ने सवाल किया, "अगर 90 लोग (रेंजर्स) परिसर में प्रवेश कर जाते हैं तो अदालत की क्या गरिमा रह जाती है? अदालत परिसर से किसी व्यक्ति को कैसे गिरफ्तार किया जा सकता है?" उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने ‘अदालत की अवमानना’ की है. उन्होंने कहा, "गिरफ्तारी से पहले ब्यूरो को अदालत के रजिस्ट्रार से अनुमति लेनी चाहिए थी. अदालत के कर्मचारियों के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया." गौरतलब है कि पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई)के अध्यक्ष खान को मंगलवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से गिरफ्तार किया गया था.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : May 11, 2023, 10:25 PM IST
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