इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सैयद आसिम मुनीर को गुरुवार को देश का नया सेना प्रमुख चुना. मुनीर निवर्तमान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की जगह लेंगे. बाजवा 29 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं. बाजवा (61) को 2016 में तीन साल के लिए सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था. उन्हें 2019 में तीन साल का सेवा विस्तार दिया गया था. उन्होंने अपने कार्यकाल के और विस्तार का अनुरोध करने की संभावना से इनकार कर दिया था.
देश की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने ट्वीट कर ऐलान किया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मुनीर को पाकिस्तान का नया सेना प्रमुख नामित किया है. लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीजेसीएससी) का अध्यक्ष चुना गया है. मरियम औरंगजेब ने ट्वीट किया, "(नियुक्तियों संबंधी) संक्षिप्त विवरण राष्ट्रपति को भेज दिया गया है." दोनों अधिकारियों को 'फोर स्टार' (वर्दी के कॉलर बैंड पर चार सितारे वाले) जनरल के रूप में पदोन्नत किया गया है. लेफ्टिनेंट जनरल मुनीर ने 'ऑफिसर्स ट्रेनिंग स्कूल' के माध्यम से सेवा में प्रवेश किया, जिसके बाद उन्हें 'फ्रंटियर फोर्स रेजिमेंट' में नियुक्त किया गया. वह लंबे समय से जनरल बाजवा के करीबी सहयोगी रहे हैं. लेफ्टिनेंट जनरल मुनीर को बाद में 2017 की शुरुआत में सैन्य खुफिया महानिदेशक नियुक्त किया गया था और अगले साल अक्टूबर में इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) प्रमुख बनाया गया था.
बहरहाल, शीर्ष खुफिया अधिकारी के रूप में उनका कार्यकाल अब तक का सबसे छोटा कार्यकाल रहा. उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के दबाव डालने पर आठ महीने के भीतर इस पद से हटा दिया गया था और उनके स्थान पर लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद को नियुक्त किया गया था. उन्होंने गुजरांवाला कोर कमांडर के रूप में दो साल तक काम किया और फिर उन्हें क्वार्टर मास्टर जनरल के रूप में सामान्य मुख्यालय में स्थानांतरित किया गया. इस बीच, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने मीडिया को बताया कि राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को सिफारिश भेज दी गई है और सभी मामलों में कानून एवं संविधान के अनुसार काम किया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स ने बताया कि आसिफ ने नागरिकों से इन नियुक्तियों को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखने का आह्वान किया. उन्होंने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति नियुक्तियों को विवादास्पद नहीं बनाएंगे और प्रधानमंत्री की सलाह का समर्थन करेंगे. रक्षा मंत्री ने कहा, "इससे हमारे देश और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में भी मदद मिलेगी. फिलहाल सब कुछ ठप है."
सीजेसीएससी सशस्त्र बलों में सर्वोच्च पद है, लेकिन सैनिकों की तैनाती, नियुक्तियों और स्थानांतरण सहित प्रमुख शक्तियां थल सेनाध्यक्ष के पास होती हैं, इसलिए फौज में सेना प्रमुख को सबसे शक्तिशाली माना जाता है. पाकिस्तान में सेना काफी ताकतवार मानी जाती है. पाकिस्तान को अस्तित्व में आए 75 साल हुए हैं और देश पर आधे से ज्यादा वक्त सेना का शासन रहा है. सुरक्षा और विदेश नीति में फौज का काफी दखल रहता है. नए सेना प्रमुख की नियुक्ति काफी अहम है, क्योंकि कई लोगों का मानना है कि अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान की रैली का संबंध सेना में कमान बदलने से है. उन्होंने अपने समर्थकों को 26 नवंबर को रावलपिंडी में इकट्ठा होने के लिए कहा है, जिसके दो दिन बाद जनरल बाजवा नए सेना प्रमुख को कमान सौंपेंगे.
(पीटीआई-भाषा)