सियोल : उत्तर कोरिया ने बुधवार को समुद्र की ओर दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं. ये मिसाइलें तब दागी गई है जब नेता किम जोंग उन राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक के लिए बख्तरबंद ट्रेन में सवार होकर रूस की यात्रा कर रहे थे. दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच गहरे होते संबंधों के मद्देनजर पुतिन और किम के बीच की यह बैठक अहम मानी जा रही है. माना जा रहा है कि दोनों देश एक दुसरे को युद्ध से जुड़े संसाधनों में मदद करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले हैं.
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Владимир Путин и лидер КНДР Ким Чен Ын в ходе совместного посещения космодрома Восточный ознакомились с ходом сборки новой ракеты-носителя "Ангара", а также с характеристиками ракеты-носителя "Союз- 2":https://t.co/UF2Kf0W4Av
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बता दें कि हाल के समय में 2022 की शुरुआत से उत्तर कोरिया की ओर से इस तरह के मिसाइल हमलों की संख्या में काफी बढ़ोतरी देखी गई है. इसके साथ ही जानकारी के मुताबिक, 2022 की शुरुआत से ही उत्तर कोरिया ने हथियारों के परीक्षण में अत्यधिक बढ़ोतरी कर दी है. माना जा रहा है कि पुतिन ने युक्रेन से युद्ध में कोरियाई हथियारों का इस्तेमाल किया है.
उत्तर कोरियाई मिसाइलों की दूरी स्पष्ट नहीं : बहरहाल, बुधवार को दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ बयान जारी कर उत्तर कोरिया की ओर से मिसाइल दागने की ताजा घटनाओं के बारे में जानकारी दी. हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि उत्तर कोरियाई मिसाइलें कितनी दूर तक उड़ीं. जापान के तट रक्षक ने टोक्यो के रक्षा मंत्रालय का हवाला देते हुए कहा कि मिसाइलें संभवतः पहले ही पानी में गिर चुकी हैं लेकिन फिर भी उन्होंने समुद्र में होने वाली हलचल पर नजर रखने का आग्रह किया है.
पुतिन और किम के बीच किन मुद्दों पर हो सकता है समझौता : पुतिन और किम की मुलाकात के बारे में एक रिपोर्ट में एसोसिएटेड प्रेस ने एक रिपोर्ट में लिखा है कि यह पुतिन के लिए अपने आयुद्ध भंडारों को भरने का एक अवसर हो सकता है. जो पिछले 18 महीने से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण लगभग खाली हो गया है. वहीं किम के लिए यह संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों और वर्षों के राजनयिक अलगाव से बचने का मौका है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उम्मीद है कि किम रूस से आर्थिक सहायता और सैन्य प्रौद्योगिकी की मांग करेंगे. इस बारे में जानकारी देते हुए एसोसिएटेड प्रेस ने लिखा कि हालांकि हथियारों का सौदा उन अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन होगा जिनका रूस ने अतीत में समर्थन किया था.
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Ким Чен Ын считает свой первый за четыре года визит в Россию демонстрацией важности стратегических отношений между КНДР и РФ, сообщило Центральное телеграфное агентство Кореи:https://t.co/lxHFljP3Fj
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रूस-उत्तर कोरिया सीमा पर किम जोंग को मिल गार्ड ऑफ ऑनर : इस बीच सोमवार को रूस की यात्रा पर निकले उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की निजी ट्रेन को मंगलवार तड़के रूस-उत्तर कोरिया सीमा पर स्थित एक स्टेशन खासन रुकी. स्टेशन पर एक सैन्य सम्मान गार्ड और एक ब्रास बैंड ने उनका स्वागत किया. उत्तर कोरियाई राज्य मीडिया और सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो के अनुसार, क्षेत्रीय गवर्नर ओलेग कोजेमायाको और प्राकृतिक संसाधन मंत्री अलेक्जेंडर कोजलोव ने रेड कार्पेट पर उनसे मुलाकात की.
प्योंगयांग मॉस्को के साथ अपने संबंधों के रणनीतिक महत्व को दे रहा प्राथमिकता : किम जोंग : उत्तर कोरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी ने बुधवार को कहा कि किम ने प्योंगयांग (उत्तर कोरिया की राजधानी) और मॉस्को के बीच रणनीतिक साझेदारी पर जोर दिया है. आधिकारिक बयान के मुताबिक अपनी यात्रा के बारे में बात करते हुए किम ने कहा कि वह चार साल बाद रूस जा रहे हैं. उनका यह फैसला दिखाता है कि प्योंगयांग मॉस्को के साथ अपने संबंधों के रणनीतिक महत्व को प्राथमिकता दे रहा है. कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने कहा कि इसके बाद किम अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गए. हालांकि, यह सार्वजनिक नहीं किया गया कि वह खासन से कहां के लिए रवाना हुए.
चार साल पहले मिले थे पुतिन और किम : पुतिन इस सप्ताह सीमा के नजदीक रूसी शहर व्लादिवोस्तोक में एक आर्थिक सम्मेलन में भाग ले रहे हैं. यही वो जगह है जहां रूस में चार साल पहले दोनों नेताओं के बीच आखिरी मुलाकात हुई थी. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा है कि दोनों नेताओं के बीच मुलाकात होगी. हालांकि, यह मुलाकात कहां और किस समय होगी इस रहस्य से उन्होंने भी पर्दा नहीं उठाया. रूसी समाचार एजेंसी आरआईए-नोवोस्ती ने बताया कि किम की ट्रेन व्लादिवोस्तोक से दूर रजडोलनया नदी को पार करने के बाद उत्तर की ओर चली गई.
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Глава Минприроды РФ Александр Козлов встретил лидера КНДР Ким Чен Ына на станции Хасан в Приморском крае. Об этом говорится в сообщении Минприроды:https://t.co/XiiKctwoAO pic.twitter.com/jXuy1GQsbJ
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वोस्तोचन स्पेसपोर्ट का कर सकते हैं दौरा : दक्षिण कोरियाई समाचार एजेंसी योनहाप ने बाद में एक तस्वीर प्रकाशित की जिसमें कहा गया कि ट्रेन व्लादिवोस्तोक से लगभग 60 किलोमीटर (लगभग 40 मील) उत्तर में एक शहर उस्सुरीय्स्क में दिखाई दे रही है. जहां एक बड़ी कोरियाई आबादी रहती है. कुछ रूसी समाचार मीडिया का अनुमान है कि वह वोस्तोचन स्पेसपोर्ट की ओर जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि पुतिन ही इस स्पेसपोर्ट का निरीक्षण करने वाले हैं.
सुखोई लड़ाकू जेट का उत्पादन करने वाले संयंत्र का भी करेंगे दौरा: एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक वोस्तोचन स्पेसपोर्ट उस्सूरीस्क से लगभग 900 किलोमीटर (550 मील) उत्तर-पश्चिम में है. वहां का जाने का रास्ता घुमावदार है और यह स्पष्ट नहीं है कि किम की धीमी गति से चलने वाली ट्रेन को वहां तक पहुंचने में कितना समय लगेगा. बुधवार को एक अन्य शहर कोम्सोमोल्स्क-ऑन-अमूर में श्रमिकों को एक रेलवे स्टेशन पर एक अस्थायी लकड़ी के मंच का निर्माण करते हुए देखा गया. अज्ञात रूसी अधिकारियों का हवाला से जापान की क्योदो समाचार एजेंसी ने बताया कि पुतिन के साथ मुलाकात के बाद किम के उस शहर में एक संयंत्र का दौरा करने की उम्मीद है जो सुखोई लड़ाकू जेट का उत्पादन करता है.
किम के प्रतिनिधि मंडल में शामिल हैं ये लोग : क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु रूसी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे. किम के प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री चोए सुन हुई और उनके शीर्ष सैन्य अधिकारी शामिल हैं. जिनमें कोरियाई पीपुल्स आर्मी मार्शल री प्योंग चोल और पाक जोंग चोन और रक्षा मंत्री कांग सुन का नाम मीडिया रिपोर्टों में आ रहा है. एसोसिएटेड प्रेस ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि उत्तर कोरियाई राज्य मीडिया की तस्वीरों में उनकी यात्रा के दौरान पहचाने गए अन्य अधिकारी संकेत दे सकते हैं कि किम पुतिन से क्या मांग सकते हैं और वह क्या देने को तैयार होंगे.
किम की यात्रा पर दक्षिण कोरिया की नजर : दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्रालय के अनुसार, एक सत्तारूढ़ पार्टी के अधिकारी जो चुन रयोंग हैं, जो युद्ध सामग्री नीतियों के प्रभारी हैं, जो तोपखाने के गोले और मिसाइल बनाने वाली फैक्टरियों के हालिया दौरों में किम के साथ शामिल हुए थे. तस्वीरों में उत्तर कोरिया की अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी समिति के अध्यक्ष पाक थे सोंग और नौसेना एडमिरल किम म्योंग सिक की भी पहचान की गई है. ये दोनों जासूसी उपग्रहों और परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों को हासिल करने के उत्तर कोरियाई प्रयासों से जुड़े हुए हैं.
रूस को किम से हथियार मिलने की उम्मीद : एसोसिएटेड प्रेस से बात करते हुए विशेषज्ञों ने कहा कि उत्तर कोरिया रूस से ऐसी क्षमताएं हासिल करने के लिए संघर्ष करेगा. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि रूस ऐसी संवेदनशील तकनीक साझा करेगा या नहीं. विश्लेषकों का कहना है कि उत्तर कोरिया के पास सोवियत डिजाइन पर आधारित लाखों पुराने तोपखाने के गोले और रॉकेट हो सकते हैं जो यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना की मदद कर सकते हैं. विशेषज्ञों ने कहा कि किम जोंग उन ऊर्जा आपूर्ति और भोजन की भी मांग कर सकते हैं.
मानवीय सहायता पर चर्चा कर सकता है रूस : रूसी समाचार एजेंसियों के अनुसार, उप विदेश मंत्री आंद्रेई रुडेंको ने कहा कि रूस उत्तर कोरियाई प्रतिनिधिमंडल के साथ मानवीय सहायता पर चर्चा कर सकता है. दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिम सू-सुक ने कहा कि सियोल किम की यात्रा पर बारीकी से नजर रखते हुए है. वह इस मामले में मास्को के साथ भी बातचीत कर रहा है.
लिम ने एक ब्रीफिंग में कहा कि संयुक्त राष्ट्र के किसी भी सदस्य देश को हथियारों के अवैध व्यापार में शामिल होकर उत्तर कोरिया के खिलाफ सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि रूस को निश्चित रूप से उत्तर कोरिया के साथ सैन्य सहयोग में शामिल नहीं होना चाहिए. क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय की शांति और स्थिरता को कमजोर करने वाला कदम होगा.
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अमेरिका लगा चुका है गंभीर आरोप: अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर रूस को हथियार मुहैया कराने का आरोप लगाया है. जिसमें रूसी भाड़े के समूह वैगनर को तोपखाने के गोले बेचना भी शामिल है. रूसी और उत्तर कोरियाई दोनों अधिकारियों ने ऐसे दावों से इनकार किया. जुलाई में रूसी रक्षा मंत्री शोइगु के उत्तर कोरिया का दौरा किया था. जिसके बाद उनके सैन्य सहयोग के बारे में अटकलें बढ़ गईं है. जानकारों का कहना है कि रूसी रक्षा मंत्री शोइगु के दौरे के बाद किम ने अपने हथियार कारखानों का दौरा किया. जहां उन्होंने हथियारों के आधुनिकीकरण को प्रोत्साहित करने और उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया.
(पीटीआई)