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नेपाल में हिली धरती, 5.3 तीव्रता का आया भूकंप - बेलकोटगडी भूकंप न्यूज़

राष्ट्रीय भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र के मुताबिक नुवाकोट जिले के बेलकोटगडी के आसपास 5:26 पर 5.3 तीव्रता का भूकंप आया.

nepal earthquake news today
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Published : Aug 6, 2022, 6:48 AM IST

Updated : Aug 6, 2022, 10:23 AM IST

काठमांडू: नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र के मुताबिक नुवाकोट जिले के बेलकोटगडी के आसपास 5:26 पर 5.3 तीव्रता का भूकंप आया. ज्यादा जानकारी की प्रतिक्षा की जा रही है. गौरतलब है कि पिछले 31 जुलाई को भी पूर्वी नेपाल के खोतंग जिले में रविवार को भूकंप का झटका महसूस किया गया था. जिसकी तीव्रता छह मापी (Magnitude 6 Earthquake in nepal) गई थी. हालांकि तब इससे किसी तरह की क्षति नहीं हुई थी. 'नेशनल सीस्मोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर' के अनुसार वह झटका सुबह आठ बजकर 13 मिनट पर महसूस किया गया था. भूकंप का केंद्र काठमांडू से 450 किलोमीटर पूर्व में मार्टिनबिर्ता में था. भूकंप का झटका काठमांडू घाटी के साथ-साथ पूर्वी नेपाल के अन्य जिलों मोरंग, झापा, सुनसारी, सप्तरी और तपलेजंग में भी महसूस किया गया था.

पढ़ें : फिलीपींस में भूकंप के तेज झटके, चार लोगों की मौत, कई घायल

क्यों आता है भूकंप : धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है. इनर कोर, आउटर कोर, मैंटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैंटल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं. ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है, जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है. ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर हिलती रहती हैं. जब ये प्लेट बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है. इस दौरान एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे आ जाती है.

भूकंप की तीव्रता का अंदाजा केंद्र (एपीसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है. इन तरंगों से सैंकड़ो किलोमीटर तक कंपन होता है और धरती में दरारें तक पड़ जाती है. अगर भूकंप की गहराई उथली हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे भयानक तबाही होती है, लेकिन जो भूकंप धरती की गहराई में आते हैं, उनसे सतह पर ज्यादा नुकसान नहीं होता. समुद्र में भूकंप आने पर ऊंची और तेज लहरें उठती हैं, जिसे सुनामी भी कहते हैं.

काठमांडू: नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र के मुताबिक नुवाकोट जिले के बेलकोटगडी के आसपास 5:26 पर 5.3 तीव्रता का भूकंप आया. ज्यादा जानकारी की प्रतिक्षा की जा रही है. गौरतलब है कि पिछले 31 जुलाई को भी पूर्वी नेपाल के खोतंग जिले में रविवार को भूकंप का झटका महसूस किया गया था. जिसकी तीव्रता छह मापी (Magnitude 6 Earthquake in nepal) गई थी. हालांकि तब इससे किसी तरह की क्षति नहीं हुई थी. 'नेशनल सीस्मोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर' के अनुसार वह झटका सुबह आठ बजकर 13 मिनट पर महसूस किया गया था. भूकंप का केंद्र काठमांडू से 450 किलोमीटर पूर्व में मार्टिनबिर्ता में था. भूकंप का झटका काठमांडू घाटी के साथ-साथ पूर्वी नेपाल के अन्य जिलों मोरंग, झापा, सुनसारी, सप्तरी और तपलेजंग में भी महसूस किया गया था.

पढ़ें : फिलीपींस में भूकंप के तेज झटके, चार लोगों की मौत, कई घायल

क्यों आता है भूकंप : धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है. इनर कोर, आउटर कोर, मैंटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैंटल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं. ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है, जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है. ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर हिलती रहती हैं. जब ये प्लेट बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है. इस दौरान एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे आ जाती है.

भूकंप की तीव्रता का अंदाजा केंद्र (एपीसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है. इन तरंगों से सैंकड़ो किलोमीटर तक कंपन होता है और धरती में दरारें तक पड़ जाती है. अगर भूकंप की गहराई उथली हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे भयानक तबाही होती है, लेकिन जो भूकंप धरती की गहराई में आते हैं, उनसे सतह पर ज्यादा नुकसान नहीं होता. समुद्र में भूकंप आने पर ऊंची और तेज लहरें उठती हैं, जिसे सुनामी भी कहते हैं.

Last Updated : Aug 6, 2022, 10:23 AM IST
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