कुआलालंपुर: मलेशिया एक दिसंबर से भारतीय और चीनी नागरिकों को 30 दिन का वीजा-मुक्त प्रवेश देगा. मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हाल के हफ्तों में विदेशियों को ऐसी सुविधा देने की होड़ में थाईलैंड और श्रीलंका के साथ शामिल हो गए हैं. इब्राहिम ने कहा कि छूट मौजूदा वीजा छूट के लिए अतिरिक्त सुविधा है जो वर्तमान में खाड़ी देशों और तुर्कीे और जॉर्डन सहित अन्य पश्चिम एशियाई देशों को प्राप्त है.
हालाँकि, इब्राहिम ने कहा कि वीजा छूट शीर्ष सुरक्षा जांच के अधीन है. इब्राहिम देश के वित्त मंत्री भी हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, 'मलेशिया आने वाले सभी पर्यटकों और आगंतुकों के लिए प्रारंभिक जांच की जाएगी. सुरक्षा एक अलग मामला है. यदि आपराधिक रिकॉर्ड या आतंकवाद का खतरा है तो उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी.'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'यह सुरक्षा बलों और आव्रजन (immigration) के अधिकार क्षेत्र में आता है. वर्तमान में सामाजिक यात्राओं, पर्यटन और व्यवसाय के उद्देश्य से आठ आसियान देशों द्वारा 30-दिवसीय वीजा-मुक्त प्रवेश का प्रावधान है.' मलेशिया वर्तमान में पर्यटन के क्षेत्र में 16.1 मिलियन अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन का लक्ष्य बना रहा है.
मलेशिया टूरिज्म प्रमोशन बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक 2022 में मलेशिया में कुल 324,548 भारतीय पर्यटक पहुंचे. इसी तरह 2023 की पहली तिमाही में मलेशिया में 164,566 भारतीय पर्यटक आए, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 13,370 पर्यटक आए थे. मलेशिया के पर्यटन कला और संस्कृति मंत्रालय के तहत एजेंसी ने कहा कि वर्तमान में मलेशिया एयरलाइंस बाटिक एयर, एयरएशिया और इंडिगो के माध्यम से भारत और मलेशिया के बीच साप्ताहिक रूप से 30,032 सीटों वाली 158 उड़ानें उपलब्ध हैं.
श्रीलंका ने भारत और चीन, रूस, मलेशिया, जापान, इंडोनेशिया और थाईलैंड सहित छह अन्य देशों के विजिटरों के लिए वीजा-मुक्त प्रवेश पहल शुरू की है. यह पहल 31 मार्च 2024 तक प्रभावी रहेगी और इसका उद्देश्य श्रीलंका में पर्यटकों के आगमन को बढ़ावा देना है. पर्यटन मंत्रालय ने आने वाले वर्षों में पांच मिलियन पर्यटकों को आकर्षित करने का लक्ष्य रखा है. थाईलैंड ने भारत और ताइवान के विजिटरों के लिए वीजा आवश्यकताओं को भी हटा दिया है.