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मोस्ट वांटेड आतंकवादी परमजीत सिंह पंजवार की लाहौर में हत्या - Paramjit Singh Panjwar killed

वांटेड आतंकवादी और खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) चीफ परमजीत सिंह पंजवार उर्फ मलिक सरदार सिंह की पाकिस्तान के लाहौर में हत्या कर दी गई.

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Published : May 6, 2023, 3:29 PM IST

Updated : May 6, 2023, 5:35 PM IST

लाहौर : वांटेड आतंकवादी और खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) चीफ परमजीत सिंह पंजवार उर्फ मलिक सरदार सिंह को शनिवार सुबह पाकिस्तान के लाहौर के जौहर टाउन में दो अज्ञात बंदूकधारियों ने मौत के घाट उतार दिया. जौहर कस्बे में सनफ्लावर सोसाइटी में स्थित उनके घर के पास सुबह करीब छह बजे मोटरसाइकिल पर सवार दो अज्ञात लोग वहां आ पहुंचे और परमजीत पर गोलियों की बौछार कर दी. इस गोलीबारी में परमजीत के दो बॉडीगार्ड घायल हो गये और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. गौरतलब है कि परमजीत भारत के पंजाब में ड्रोन के जरिये नशीली दवाओं और हथियारों की तस्करी में संलिप्त था.

बता दें कि पंजाब के तरन तारण के पास पंजवार गांव में जन्मा परमजीत सोहल में एक केंद्रीय सहकारी बैंक में काम करता था. 1986 में अपने चचेरे भाई लाभ सिंह के शरण में कट्टरपंथी बनने के बाद वह केसीएफ में शामिल हुआ. भारतीय सुरक्षा बलों के हाथों लाभ सिंह के खात्मे के बाद, 1990 के दशक में पंजवार ने केसीएफ की कमान संभाली और पाकिस्तान चला गया. पाकिस्तान द्वारा शरण दिए जाने वाले सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों की सूची में शीर्ष पर पंजवार था. उसने सीमा पार हथियारों की तस्करी और हेरोइन की तस्करी के माध्यम से धन जुटाकर केसीएफ को जीवित रखा. पाकिस्तान सरकार द्वारा मना करने के बावजूद, पंजवार लाहौर में रहा जबकि उसकी पत्नी और बच्चे जर्मनी चले गए.

गौरतलब है कि केसीएफ का उद्देश्य सभी अलगाववादी खालिस्तानी उग्रवादी समूहों को एकजुट करना और 'सिख होमलैंड' बनाने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करना है. केसीएफ की कथित तौर पर कनाडा, ब्रिटेन और पाकिस्तान में उपस्थिति है. इसे पश्चिमी यूरोप और अमेरिका में इसके समर्थकों का संरक्षण भी प्राप्त है.

पढ़ें : Khalistani movement: अमृतपाल से पहले इन लोगों ने भी की है पंजाब को तोड़ने की कोशिश

लाहौर : वांटेड आतंकवादी और खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) चीफ परमजीत सिंह पंजवार उर्फ मलिक सरदार सिंह को शनिवार सुबह पाकिस्तान के लाहौर के जौहर टाउन में दो अज्ञात बंदूकधारियों ने मौत के घाट उतार दिया. जौहर कस्बे में सनफ्लावर सोसाइटी में स्थित उनके घर के पास सुबह करीब छह बजे मोटरसाइकिल पर सवार दो अज्ञात लोग वहां आ पहुंचे और परमजीत पर गोलियों की बौछार कर दी. इस गोलीबारी में परमजीत के दो बॉडीगार्ड घायल हो गये और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. गौरतलब है कि परमजीत भारत के पंजाब में ड्रोन के जरिये नशीली दवाओं और हथियारों की तस्करी में संलिप्त था.

बता दें कि पंजाब के तरन तारण के पास पंजवार गांव में जन्मा परमजीत सोहल में एक केंद्रीय सहकारी बैंक में काम करता था. 1986 में अपने चचेरे भाई लाभ सिंह के शरण में कट्टरपंथी बनने के बाद वह केसीएफ में शामिल हुआ. भारतीय सुरक्षा बलों के हाथों लाभ सिंह के खात्मे के बाद, 1990 के दशक में पंजवार ने केसीएफ की कमान संभाली और पाकिस्तान चला गया. पाकिस्तान द्वारा शरण दिए जाने वाले सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों की सूची में शीर्ष पर पंजवार था. उसने सीमा पार हथियारों की तस्करी और हेरोइन की तस्करी के माध्यम से धन जुटाकर केसीएफ को जीवित रखा. पाकिस्तान सरकार द्वारा मना करने के बावजूद, पंजवार लाहौर में रहा जबकि उसकी पत्नी और बच्चे जर्मनी चले गए.

गौरतलब है कि केसीएफ का उद्देश्य सभी अलगाववादी खालिस्तानी उग्रवादी समूहों को एकजुट करना और 'सिख होमलैंड' बनाने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करना है. केसीएफ की कथित तौर पर कनाडा, ब्रिटेन और पाकिस्तान में उपस्थिति है. इसे पश्चिमी यूरोप और अमेरिका में इसके समर्थकों का संरक्षण भी प्राप्त है.

पढ़ें : Khalistani movement: अमृतपाल से पहले इन लोगों ने भी की है पंजाब को तोड़ने की कोशिश

Last Updated : May 6, 2023, 5:35 PM IST
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