वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (U.S. president Joe Biden) दक्षिण कोरिया (South Korea) और जापान (Japan) की छह दिन की यात्रा पर रवाना हो गए हैं. उनकी इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के नेताओं के साथ संबंधों को मजबूत करना है, वहीं चीन को यह संदेश देना भी है कि यूक्रेन पर रूस के हमले को देखते हुए बीजिंग को प्रशांत क्षेत्र में अपनी गतिविधियों को विराम देना चाहिए.
बाइडेन बृहस्पतिवार को रवाना हुए. वह इस दौरान दक्षिण कोरिया के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति यून सुक येओल (South Korean President Yoon Suk-yeol) और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा (Japanese Prime Minister Fumio Kishida) से मुलाकात कर सकते हैं. उनकी बातचीत में व्यापार, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बढ़ती मजबूती, उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम के बारे में बढ़ती चिंताएं और उस देश में कोविड-19 के प्रकोप जैसे विषय आ सकते हैं.
बाइडेन, जापान में हिंद-प्रशांत रणनीतिक गठबंधन 'क्वाड' समूह के अन्य नेताओं से भी मुलाकात करेंगे, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान सदस्य हैं. अमेरिका ने लोकतांत्रिक देशों का एक गठबंधन बनाया है ताकि रूस को यूक्रेन पर हमले की कीमत चुकाने के लिए विवश किया जा सके. इस गठबंधन में दक्षिण कोरिया और जापान भी हैं. बाइडेन जानते हैं कि चीन की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं का जवाब देने के लिए उन्हें इन देशों के साथ संबंध मजबूत करने होंगे.
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व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा, 'हमारा मानना है कि यह यात्रा राष्ट्रपति बाइडेन की हिंद-प्रशांत क्षेत्र की रणनीति को पूरी तरह प्रदर्शित करेगी और यह भी दर्शाएगी कि यूक्रेन में रूस के हमलों पर जवाब देने में अमेरिका नेतृत्व कर सकता है.' बाइडेन की विदेश यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब घरेलू स्तर पर उन्हें अनेक चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है. उनके शासनकाल में चीन ने सैन्य प्रभुत्व और बढ़ाने का प्रयास किया है.
(पीटीआई-भाषा)