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Toshakhana case : कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट निलंबित करने की इमरान खान की याचिका खारिज की

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Published : Mar 6, 2023, 3:45 PM IST

इस्लामाबाद की एक कोर्ट ने पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान (Former PM Imran Khan) की गिरफ्तारी वारंट को निलंबित करने को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया. इससे पहले रविवार को वारंट लेकर इमरान खान के घर पर पहुंची को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा था.

पूर्व पीएम इमरान खान
Former PM Imran Khan

इस्लामाबाद : इस्लामाबाद की एक अदालत ने तोशखाना मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने अपने गिरफ्तारी वारंट को निलंबित करने का अनुरोध किया था. खान के वकील अली बुखारी, कैसर इमाम और गौहर अली खान जिला एवं सत्र अदालत में पेश हुए, जहां बुखारी ने दलील दी कि उनके मुवक्किल ने हमेशा अदालत के आदेशों का पालन किया है.

इमाम ने दलील दी कि अगर 70 वर्षीय खान सात मार्च को अदालत में पेश होना चाहते हैं तो इस्लामाबाद पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकती. इस पर न्यायाधीश ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख को वारंट निलंबित कराने के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय का रुख करना चाहिए. बहरहाल, इमाम ने न्यायाधीश से कहा कि वे चाहते हैं कि सत्र अदालत वारंट निलंबित करे जबकि बुखारी ने कहा कि पीटीआई प्रमुख लाहौर में अपने जमान पार्क आवास पर हैं.

बुखारी ने कहा, 'इमरान खान अदालत में पेश होने का तरीका जानना चाहते हैं.' अदालत से वारंट निलंबित करने का अनुरोध करते हुए बुखारी ने कहा कि पीटीआई प्रमुख के खिलाफ निर्वाचन कानून 2017 के तहत एक निजी शिकायत दर्ज की गयी है और आमतौर पर निजी शिकायत पर गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं किया जाता है. अदालत ने कहा कि पीटीआई प्रमुख के वकील ने उन्हें बताया कि उनका मुवक्किल अदालत में पेश नहीं होगा. अदालत ने याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने 28 फरवरी को तोशाखाना मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. पाकिस्तान में तोशखाना एक सरकारी विभाग है, जहां अन्य देशों की सरकारों के प्रमुखों, विदेशी हस्तियों द्वारा राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को दिए गए उपहारों को रखा जाता है. इमरान खान पर तोशाखाना में रखे गये तोहफों (जिसमें उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री होने के नाते मिली एक महंगी घड़ी भी शामिल है) को कम दाम पर खरीदने और फिर उसे बेचकर लाभ अर्जित करने का आरोप है.

पीटीआई प्रमुख ने रविवार को गिरफ्तारी के बाद जमानत के लिए लाहौर उच्च न्यायालय का रुख किया था जब इस्लामाबाद पुलिस का एक दल तोशखाना मामले में सुनवाई में शामिल न होने के लिए उन्हें गिरफ्तार करने उनके जमान पार्क आवास पर पहुंचा था. खान की कानूनी टीम ने हालांकि आश्वासन दिया कि वह सात मार्च को अदालत में पेश होंगे जिसके बाद पुलिस दल वापस लौट गया. क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान पिछले साल वजीराबाद में जानलेवा हमले में गोली लगने के बाद चोट से उबर रहे हैं। इससे पहले वह इस मामले में तीन बार सुनवाई में शामिल नहीं हुए थे. इस्लामाबाद में एक विशेष अदालत ने गोली लगने के बाद खान को अंतरिम जमानत दी थी। तब से चिकित्सा कारणों से उनकी जमानत की अवधि बढ़ायी जा चुकी है.

ये भी पढ़ें - Toshakhana Case : पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान के लिए 'फांस' बना तोशखाना केस, जानिए पूरा मामला

(पीटीआई-भाषा)

इस्लामाबाद : इस्लामाबाद की एक अदालत ने तोशखाना मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने अपने गिरफ्तारी वारंट को निलंबित करने का अनुरोध किया था. खान के वकील अली बुखारी, कैसर इमाम और गौहर अली खान जिला एवं सत्र अदालत में पेश हुए, जहां बुखारी ने दलील दी कि उनके मुवक्किल ने हमेशा अदालत के आदेशों का पालन किया है.

इमाम ने दलील दी कि अगर 70 वर्षीय खान सात मार्च को अदालत में पेश होना चाहते हैं तो इस्लामाबाद पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकती. इस पर न्यायाधीश ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख को वारंट निलंबित कराने के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय का रुख करना चाहिए. बहरहाल, इमाम ने न्यायाधीश से कहा कि वे चाहते हैं कि सत्र अदालत वारंट निलंबित करे जबकि बुखारी ने कहा कि पीटीआई प्रमुख लाहौर में अपने जमान पार्क आवास पर हैं.

बुखारी ने कहा, 'इमरान खान अदालत में पेश होने का तरीका जानना चाहते हैं.' अदालत से वारंट निलंबित करने का अनुरोध करते हुए बुखारी ने कहा कि पीटीआई प्रमुख के खिलाफ निर्वाचन कानून 2017 के तहत एक निजी शिकायत दर्ज की गयी है और आमतौर पर निजी शिकायत पर गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं किया जाता है. अदालत ने कहा कि पीटीआई प्रमुख के वकील ने उन्हें बताया कि उनका मुवक्किल अदालत में पेश नहीं होगा. अदालत ने याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने 28 फरवरी को तोशाखाना मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. पाकिस्तान में तोशखाना एक सरकारी विभाग है, जहां अन्य देशों की सरकारों के प्रमुखों, विदेशी हस्तियों द्वारा राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को दिए गए उपहारों को रखा जाता है. इमरान खान पर तोशाखाना में रखे गये तोहफों (जिसमें उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री होने के नाते मिली एक महंगी घड़ी भी शामिल है) को कम दाम पर खरीदने और फिर उसे बेचकर लाभ अर्जित करने का आरोप है.

पीटीआई प्रमुख ने रविवार को गिरफ्तारी के बाद जमानत के लिए लाहौर उच्च न्यायालय का रुख किया था जब इस्लामाबाद पुलिस का एक दल तोशखाना मामले में सुनवाई में शामिल न होने के लिए उन्हें गिरफ्तार करने उनके जमान पार्क आवास पर पहुंचा था. खान की कानूनी टीम ने हालांकि आश्वासन दिया कि वह सात मार्च को अदालत में पेश होंगे जिसके बाद पुलिस दल वापस लौट गया. क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान पिछले साल वजीराबाद में जानलेवा हमले में गोली लगने के बाद चोट से उबर रहे हैं। इससे पहले वह इस मामले में तीन बार सुनवाई में शामिल नहीं हुए थे. इस्लामाबाद में एक विशेष अदालत ने गोली लगने के बाद खान को अंतरिम जमानत दी थी। तब से चिकित्सा कारणों से उनकी जमानत की अवधि बढ़ायी जा चुकी है.

ये भी पढ़ें - Toshakhana Case : पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान के लिए 'फांस' बना तोशखाना केस, जानिए पूरा मामला

(पीटीआई-भाषा)

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