दुबई : ईरान ने मंगलवार को कहा कि उसने विश्व शक्तियों के साथ अपने परमाणु समझौते को बहाल करने के लिए तैयार अंतिम मसौदे पर लिखित प्रतिक्रिया दी है. ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी 'आईआरएनए' ने इस प्रतिक्रिया के संबंध कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी, लेकिन संकेत दिया कि ईरान अब भी यूरोपीय संघ की मध्यस्थता के प्रस्ताव को नहीं स्वीकार करेगा जबकि ऐसा ना करने पर बातचीत आगे ना बढ़ने की चेतावनी दी गई है.
आईआरएनए की खबर के अनुसार, तीन मुद्दों को लेकर विवाद है. अमेरिका ने इनमें से दो मामलों में लचीलापन दिखाने का मौखिक रूप से आश्वासन दिया है, लेकिन इसे लिखित रूप में भी दिया जाना चाहिए. तीसरा मुद्दा (समझौते की) निरंतरता की गारंटी से संबंधित है, जो अमेरिका के यथार्थवाद पर निर्भर करता है. राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी के नेतृत्व में ईरान ने समझौते तक पहुंचने में देरी के लिए बार-बार अमेरिका को दोषी ठहराने की कोशिश की है. ऐसा कहा जा रहा था कि ईरान को सोमवार तक इस पर प्रतिक्रिया देने को कहा गया था.
यूरोपीय संघ ने ईरान की प्रतिक्रिया दिए जाने के संबंध में तत्काल कोई पुष्टि नहीं की है. इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि अमेरिका अपनी प्रतिक्रिया यूरोपीय संघ के साथ साझा करेगा. प्राइस ने कहा, "हालांकि, हम (यूरोपीय संघ के) इस मौलिक बिंदु से सहमत हैं, और वह यह है कि जिस पर बातचीत की जा सकती है, उस पर बातचीत हो चुकी है." उन्होंने कहा कि ईरान 2015 के परमाणु समझौते से परे जाकर अस्वीकार्य मांग कर रहा है.
बता दें कि ईरान ने 2015 में अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, रूस और चीन के साथ परमाणु समझौता किया था. अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2018 में समझौते से अमेरिका के हटने की घोषणा की थी. इसके बाद से ईरान ने एक बार फिर अपने परमाणु कार्यक्रम का विस्तार करना शुरू कर दिया.
(पीटीआई-भाषा)