वाशिंगटन: भारतीय-अमेरिकी सांसद अमी बेरा ने कहा है कि रूस के साथ पुराने संबंधों के कारण भारत, यूक्रेन संकट के समाधान में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए चीन की तुलना में अधिक उपयुक्त है. बेरा ने कहा कि उन्हें भारतीय प्रशासन को यूक्रेन संकट को समाप्त करने में अपनी पूर्ण राजनयिक क्षमता का इस्तेमाल करते देखकर खुशी होगी.
अमेरिकी सांसद ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ओवल कार्यालय में अगले सप्ताह होने वाली अपनी बैठक में यूक्रेन पर रूस द्वारा किए गए युद्ध को लेकर चर्चा करेंगे या नहीं. बेरा ने गुरुवार को 'पीटीआई-भाषा' से कहा, 'मुझे नहीं पता कि ऐसा (इस मामले पर बात) होगा या नहीं, लेकिन मुझे निश्चित ही लगता है कि भारत, रूस यूक्रेन संकट को सुलझाने के लिए मदद करने में अग्रणी भूमिका निभा सकता है. भारत के रूस के साथ जाहिर तौर पर पुराने संबंध हैं.'
उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ वह बातचीत कर सकते हैं, जो हम नहीं कर सकते. मुझे लगता है कि इस संघर्ष का समाधान सभी के हित में हैं. आप देख रहे हैं कि (चीन के राष्ट्रपति) शी चिनफिंग एक प्रकार का संघर्ष विराम लागू करने या समाधान करने के लिए बातचीत की कोशिश कर रहे हैं. मुझे वास्तव में लगता है कि व्लादिमीर पुतिन के साथ भारत के संबंधों के मद्देनजर वह (भारत) इस भूमिका के लिए अधिक उपयुक्त है.'
रूस ने पिछले साल फरवरी में यूक्रेन पर हमला किया था, जिसके बाद मोदी ने पुतिन और यूक्रेन से राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से कई बार बात की है और इस दौरान प्रधानमंत्री ने वार्ता एवं कूटनीति के जरिए संघर्ष के समाधान पर जोर दिया है. बेरा ने बताया कि इस सप्ताह व्हाइट हाउस में होने वाली बैठक में बाइडन और मोदी आर्थिक साझेदारी पर बात करेंगे. उन्होंने कहा, 'व्यापारिक संबंधों को लेकर कुछ बातचीत होगी. मुझे लगता है कि वे आपूर्ति श्रृंखलाओं पर बात करेंगे. भारत कच्चे माल का एक महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता हो सकता है. उसका फार्मास्युटिकल क्षेत्र और प्रौद्योगिकी क्षेत्र निश्चित रूप से परिपक्व है.'
बेरा ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच भू-राजनीतिक सुरक्षा के बारे में भी चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि इस दौरान चीन के साथ लगती भारत की सीमा संबंधी गतिविधियों और सीमा पर घुसपैठ को लेकर भी वार्ता होगी. उन्होंने कहा 'समुद्री क्षेत्र पर भी वार्ता होगी. मुझे लगता है कि रक्षा संबंधों एवं सह-निर्माण के कुछ अवसरों के बारे में बातचीत होगी.'
जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी 21 जून से 24 जून तक अमेरिका की यात्रा करेंगे. अमेरिका के राष्ट्रपति और उनकी पत्नी 22 जून को मोदी के लिए राजकीय रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे. प्रधानमंत्री इस यात्रा के दौरान 22 जून को कांग्रेस का संयुक्त सत्र भी संबोधित करेंगे. बेरा ने कहा कि मोदी का अमेरिका का राजकीय दौरा भारत और अमेरिका के संबंधों की ताकत को दर्शाता है.
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उन्होंने कहा, 'उन्हें (मोदी को) एक डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति द्वारा राजकीय यात्रा के लिए और सदन के एक रिपब्लिकन स्पीकर द्वारा कांग्रेस के संयुक्त सत्र के लिए आमंत्रित किया जाना दर्शाता है कि अमेरिका और भारत के संबंधों की प्रकृति द्विदलीय है और संसद एवं प्रशासन इन संबंधों को कितनी अहमियत देते हैं.' बेरा ने कहा कि अमेरिका और भारत के संबंध 21वीं सदी की सबसे अहम साझेदारी हो सकते हैं.
उन्होंने चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद (क्वाड) समूह को लेकर कहा, 'लोग कहेंगे कि यह चीन के बारे में है. निश्चित रूप से इस समूह में चीन पर काफी चर्चा होती है, लेकिन यह इससे कहीं अधिक बढ़कर है. यह आर्थिक सहयोग पर आधारित है.' बेरा ने कहा, 'यह प्रमुख लोकतंत्रों के रूप में एक साथ काम करने के बारे में है. यह समुद्री सुरक्षा और नौवहन की स्वतंत्रता के बारे में है. मुझे लगता है कि आप क्वाड को अधिक से अधिक महत्व देते देखना जारी रखेंगे.'
(पीटीआई-भाषा)