तेहरान (ईरान) : ईरान में बाल बंदियों को गंभीर यातना सामना करना पड़ रहा है. उनके साथ पिटाई, यौन हिंसा हो रही है. यहां तक कि उन्हें बिजली के झटके बी दिये जा रहे हैं. सीएनएन ने एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के हवाले से यह दावा किया गया है. सीएनएन ने एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि ईरान के अधिकारी बाल बंदियों से बर्बरता पूर्ण व्यवहार कर रहे हैं. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, एमनेस्टी की रिपोर्ट में इस बात के सबूत मिले हैं कि सुरक्षा बल ने हिरासत में लिये गये बच्चों से 'जबरन कबूलनामा' लिखवाने के लिए उन्हें दंडित और अपमानित करते हैं.
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एमनेस्टी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ईरान के खुफिया अधिकारी और सुरक्षा बल 12 साल से कम उम्र के बाल प्रदर्शनकारियों के प्रति बर्बर रवैया अपना रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चों को कई तरह से टॉर्चर किया जा रहा है. कुछ के साथ बलात्कार और अन्य यौन हिंसा के भयानक कृत्यों को भी अंजाम दिया गया है. इसके अलावा, ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स और अर्धसैनिक बल के अधिकारी भी इस कार्रवाई में शामिल हैं.
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मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के लिए एमनेस्टी इंटरनेशनल की उप क्षेत्रीय निदेशक, डायना एल्ताहावी ने कहा कि बच्चों के खिलाफ हिंसा जानबूझकर की गई रणनीति का हिस्सा है. ईरान का प्रशासन चाहता है कि देश के युवा स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की मांग करना बंद कर दें. सीएनएन के अनुसार, एमनेस्टी ने पीड़ितों और उनके परिवारों से भी बात की है. सीएनएन ने एमनेस्टी इंटरनेशनल का हवाला देते हुए बताया कि ईरान ने विरोध प्रदर्शनों के दौरान 22,000 से अधिक लोगों को हिरासत में रखने की बात स्वीकार की है.
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पिछले साल 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के बाद देश में प्रदर्शन हुए थे. जिनके बाद कई बच्चों को हिरासत में लिया गया था. ड्रेस कोड को लेकर हिरासत में लिए जाने के बाद अमिनी की ईरान की नैतिकता पुलिस की हिरासत में मौत हो गई थी.
(एएनआई)