एथेंस: ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस ने राष्ट्रीय चुनाव जीता लेकिन बहुमत तक पहुंचने में असफल रहे (Greece PM Kyriakos Mitsotakis won). अल जज़ीरा ने बताया कि मित्सोताकिस की न्यू डेमोक्रेसी पार्टी को 40.83 प्रतिशत वोट मिले. एलेक्सिस सिप्रास की वामपंथी सिरिजा पार्टी को 20.1 प्रतिशत वोट मिले.
अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रीस के आंतरिक मंत्रालय के अनुमानों ने न्यू डेमोक्रेसी को संसद में एक पूर्ण बहुमत से छह सीटों की कमी दिखाई. अपनी पार्टी की बड़ी जीत को 'राजनीतिक भूकंप' के रूप में स्वीकार करते हुए मित्सोताकिस ने संकेत दिया कि वह पूर्ण बहुमत हासिल करने के लिए एक और चुनाव का सामना करेंगे जिससे पार्टी को अकेले शासन करने की अनुमति मिल सके.
चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व के एक नए कानून के तहत आयोजित किया गया था. जो किसी भी पार्टी के लिए अपने दम पर सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संसदीय सीटें जीतना विशेष रूप से कठिन बना देता है. अगर दूसरा चुनाव होता है, शायद जून के अंत में या जुलाई की शुरुआत में कानून फिर से बदल जाएगा. चुनाव जीतने के बाद मित्सोटाकिस की सरकार में विदेश मंत्री निकोस डेंडियास ने कहा कि नतीजे चौंकाने वाले थे.
न्यू डेमोक्रेसी के अधिकारियों की शुरुआती प्रतिक्रियाओं से पता चलता है कि नया चुनाव 25 जून को हो सकता है. इससे पहले शुरुआती मतगणना में चुनाव जीतने पर सरकार के प्रवक्ता अकीस स्कर्र्टोस ने कहा, 'एग्जिट पोल न्यू डेमोक्रेसी के लिए स्पष्ट जीत दिखाते हैं.ये ग्रीक समाज द्वारा बदलावों को जारी रखने के लिए जनादेश का स्पष्ट संदेश है.'
कर्ज से दबा है ग्रीस : रविवार का चुनाव ग्रीस में इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था डगमगा रही है. अंतरराष्ट्रीय ऋणदाता की भी खास नजर है जिन्होंने देश के लगभग एक दशक लंबे वित्तीय संकट के दौरान बेलआउट फंड प्रदान किया था.
2019 में इन वादों पर जीता था चुनाव : हार्वर्ड से शिक्षा प्राप्त करने वाले पूर्व बैंकिंग कार्यकारी और वैश्विक प्रबंधन फर्म सलाहकार 55 वर्षीय मित्सोटाकिस ने व्यापार-उन्मुख सुधारों के वादे पर 2019 में पिछला चुनाव जीता था. उन्होंने कर कटौती जारी रखने, निवेश को बढ़ावा देने और मध्यवर्गीय रोजगार को बढ़ावा देने का वादा किया था.
ट्रेन हादसे से खराब हुई छवि : हालांकि 28 फरवरी की एक रेल दुर्घटना के बाद उनकी लोकप्रियता को झटका लगा, जिसमें 57 लोगों की मौत हो गई थी. हादसा उस समय हुआ था जब एक इंटरसिटी पैसेंजर ट्रेन गलती से उसी रेल लाइन पर आ गई थी, जिस पर एक मालगाड़ी थी. बाद में यह पता चला कि स्टेशनों पर कर्मचारियों की कमी थी और सुरक्षा बुनियादी ढांचा भी कमजोर था.
(ANI)