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ऑस्ट्रेलिया में सिख रेस्तरां मालिक पर नस्लीय निशाना, कहा- 'घर जाओ, भारतीय'

हाल के दिनों में ऑस्ट्रेलिया में रह रहे भारतीयों को नस्लीय भेदभाव का सामना करना पड़ा है. इस मुद्दे को राजनयिक स्तर पर भी भारत ने उठाया है. इसके बावजूद फिर से ऐसा ही एक और मामला सामने आया है. इस बार एक सिख व्यक्ति को 'भारत वापस जाओ' कहकर उसे धमकी दी गई है.

go back indians say australian
सिख युवक पर नस्लीय टिप्पणी ऑस्ट्रेलिया में
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By IANS

Published : Nov 16, 2023, 2:30 PM IST

मेलबर्न : ऑस्ट्रेलिया में 15 साल से रह रहे एक सिख रेस्तरां मालिक को उस समय झटका लगा, जब उन्हें लगातार कई दिनों तक अपनी कार पर मलमूत्र लगा हुआ मिला और नस्लवादी पत्र मिले, जिनमें उन्हें ऑस्ट्रेलिया से जाने के लिए कहा गया था. धमकी में लिखा गया था, "घर जाओ, भारतीय.''

तस्मानिया के होबार्ट में 'दावत - द इनविटेशन' रेस्तरां चलाने वाले जरनैल 'जिम्मी' सिंह ने कहा कि उन्हें पिछले दो, तीन महीनों से लगातार निशाना बनाया जा रहा है. सिंह ने मंगलवार को एबीसी न्यूज को बताया, "जब बात आपके घर की आती है तो यह मानसिक रूप से बहुत तनावपूर्ण होता है और विशेष रूप से उस पर आपका नाम होने से यह बहुत अधिक मानसिक तनाव होता है. कुछ तो किया जाना चाहिए.''

रिपोर्ट के मुताबिक, सिंह ने पहले यह मान लिया कि पत्र किसी युवा व्यक्ति द्वारा लिखा गया है और उन्होंने इसे नजरअंदाज करने की पूरी कोशिश की. पहली घटना को याद करते हुए, उन्होंने कहा कि लगातार चार या पांच दिनों तक उनकी कार के दरवाजे के हैंडल पर कुत्ते का मल लगा हुआ था, इसके बाद उनके रास्ते में एक नस्लवादी पत्र लिखा हुआ था, जिसमें कहा गया था कि "घर जाओ, भारतीय". हालांकि घटनाएं पुलिस के संज्ञान में लाई गईं और उनकी संपत्ति पर वीडियो कैमरे लगाए गए, लेकिन द्वेषपूर्ण पत्र आते रहे.

उन्होंने एबीसी न्यूज को बताया कि अगला पत्र लगभग एक महीने बाद मिला, और यह पहले से भी अधिक आक्रामक था - जिसमें "आप भारत वापस जा सकते हैं" जैसी टिप्पणियां शामिल थीं. कार्यस्थल के बाहर उनकी कार पर भी खरोंचें आईं. सिंह ने अफसोस जताया, "इस तरह की चीज को रोकना होगा. निश्चित रूप से, हमें बदलाव की जरूरत है." तस्मानिया पुलिस कमांडर जेसन एल्मर ने एक बयान में कहा कि घटनाओं की सूचना पुलिस को दी गई है और जांच की जा रही है.

उन्होंने कहा कि मौजूदा कानून अदालतों को "इस बात पर विचार करने की अनुमति देता है कि नस्लीय घृणा या पूर्वाग्रह की प्रेरणा सजा देने में एक गंभीर कारक हो सकती है". कमांडर एल्मर ने कहा कि समुदाय में किसी भी प्रकार के मौखिक या शारीरिक उत्पीड़न के लिए कोई बहाना नहीं है, और लोगों को प्रोत्साहित किया गया कि अगर उन्हें लगे कि वे किसी पूर्वाग्रह से संबंधित घटना के शिकार हुए हैं तो वे तुरंत पुलिस से संपर्क करें.

तस्मानिया की बहुसांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष ऐमेन जाफरी ने एबीसी को बताया कि सिंह द्वारा अनुभव की गई घटनाएं बहुत आम थीं, और यह बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा, "इस समय यह निश्चित रूप से बदतर होता जा रहा है." सिंह ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अपने अनुभवों के बारे में बोलने से दूसरों को इस तरह का सामना करने से रोकने में मदद मिल सकती है. पुलिस द्वारा जांच शुरू करने के बाद सिंह ने अपने सोशल मीडिया पेज पर लिखा कि "हमारे खूबसूरत देश, ऑस्ट्रेलिया में नस्लवाद के लिए कोई जगह नहीं है".

उन्होंने अपने समर्थकों और ग्राहकों को भी धन्यवाद दिया जो "कठिन समय में उनके साथ खड़े रहे"ॉ. उन्होंने सोमवार को फेसबुक पर लिखा, "मैं कई तरीकों से मिले अविश्वसनीय समर्थन के लिए अपना हार्दिक आभार व्यक्त करना चाहता हूं.''

ये भी पढे़ं : जयशंकर ने आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री की स्पीच में पीएम मोदी को BOSS कहने की बताई सच्चाई, देखें वीडियो

मेलबर्न : ऑस्ट्रेलिया में 15 साल से रह रहे एक सिख रेस्तरां मालिक को उस समय झटका लगा, जब उन्हें लगातार कई दिनों तक अपनी कार पर मलमूत्र लगा हुआ मिला और नस्लवादी पत्र मिले, जिनमें उन्हें ऑस्ट्रेलिया से जाने के लिए कहा गया था. धमकी में लिखा गया था, "घर जाओ, भारतीय.''

तस्मानिया के होबार्ट में 'दावत - द इनविटेशन' रेस्तरां चलाने वाले जरनैल 'जिम्मी' सिंह ने कहा कि उन्हें पिछले दो, तीन महीनों से लगातार निशाना बनाया जा रहा है. सिंह ने मंगलवार को एबीसी न्यूज को बताया, "जब बात आपके घर की आती है तो यह मानसिक रूप से बहुत तनावपूर्ण होता है और विशेष रूप से उस पर आपका नाम होने से यह बहुत अधिक मानसिक तनाव होता है. कुछ तो किया जाना चाहिए.''

रिपोर्ट के मुताबिक, सिंह ने पहले यह मान लिया कि पत्र किसी युवा व्यक्ति द्वारा लिखा गया है और उन्होंने इसे नजरअंदाज करने की पूरी कोशिश की. पहली घटना को याद करते हुए, उन्होंने कहा कि लगातार चार या पांच दिनों तक उनकी कार के दरवाजे के हैंडल पर कुत्ते का मल लगा हुआ था, इसके बाद उनके रास्ते में एक नस्लवादी पत्र लिखा हुआ था, जिसमें कहा गया था कि "घर जाओ, भारतीय". हालांकि घटनाएं पुलिस के संज्ञान में लाई गईं और उनकी संपत्ति पर वीडियो कैमरे लगाए गए, लेकिन द्वेषपूर्ण पत्र आते रहे.

उन्होंने एबीसी न्यूज को बताया कि अगला पत्र लगभग एक महीने बाद मिला, और यह पहले से भी अधिक आक्रामक था - जिसमें "आप भारत वापस जा सकते हैं" जैसी टिप्पणियां शामिल थीं. कार्यस्थल के बाहर उनकी कार पर भी खरोंचें आईं. सिंह ने अफसोस जताया, "इस तरह की चीज को रोकना होगा. निश्चित रूप से, हमें बदलाव की जरूरत है." तस्मानिया पुलिस कमांडर जेसन एल्मर ने एक बयान में कहा कि घटनाओं की सूचना पुलिस को दी गई है और जांच की जा रही है.

उन्होंने कहा कि मौजूदा कानून अदालतों को "इस बात पर विचार करने की अनुमति देता है कि नस्लीय घृणा या पूर्वाग्रह की प्रेरणा सजा देने में एक गंभीर कारक हो सकती है". कमांडर एल्मर ने कहा कि समुदाय में किसी भी प्रकार के मौखिक या शारीरिक उत्पीड़न के लिए कोई बहाना नहीं है, और लोगों को प्रोत्साहित किया गया कि अगर उन्हें लगे कि वे किसी पूर्वाग्रह से संबंधित घटना के शिकार हुए हैं तो वे तुरंत पुलिस से संपर्क करें.

तस्मानिया की बहुसांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष ऐमेन जाफरी ने एबीसी को बताया कि सिंह द्वारा अनुभव की गई घटनाएं बहुत आम थीं, और यह बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा, "इस समय यह निश्चित रूप से बदतर होता जा रहा है." सिंह ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अपने अनुभवों के बारे में बोलने से दूसरों को इस तरह का सामना करने से रोकने में मदद मिल सकती है. पुलिस द्वारा जांच शुरू करने के बाद सिंह ने अपने सोशल मीडिया पेज पर लिखा कि "हमारे खूबसूरत देश, ऑस्ट्रेलिया में नस्लवाद के लिए कोई जगह नहीं है".

उन्होंने अपने समर्थकों और ग्राहकों को भी धन्यवाद दिया जो "कठिन समय में उनके साथ खड़े रहे"ॉ. उन्होंने सोमवार को फेसबुक पर लिखा, "मैं कई तरीकों से मिले अविश्वसनीय समर्थन के लिए अपना हार्दिक आभार व्यक्त करना चाहता हूं.''

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