वाशिंगटन डीसी: सैन फ्रांसिस्को में खालिस्तान समर्थकों द्वारा भारतीय वाणिज्य दूतावास पर आगजनी हमले और 8 जुलाई को उनकी आगामी रैली के बीच इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्षों ने ऐसे तत्वों की निंदा की है. उनका कहना है कि स्वतंत्र भाषण हिंसा भड़काने का लाइसेंस नहीं है. भारत पर इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष रो खन्ना और माइकल वाल्ट्ज का बयान खालिस्तान समर्थक तत्वों द्वारा सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर आगजनी के हमले के कुछ दिनों बाद आया है.
दोनों अमेरिकी कांग्रेसियों ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष सेन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में आगजनी और बर्बरता के प्रयास और भारतीय राजनयिकों के उद्देश्य से हिंसक बयानबाजी के साथ सोशल मीडिया पर प्रसारित पोस्टरों की कड़ी निंदा करते हैं, जिसमें राजदूत संधू भी शामिल हैं. उन्होंने अमेरिकी विदेश विभाग से नुकसान की जांच करने और आवश्यक कार्रवाई करने की भी अपील की है.
उन्होंने कहा है कि हम प्रत्येक अमेरिकी के लिए स्वतंत्र भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का समर्थन करते हैं, लेकिन यह संपत्ति को नुकसान पहुंचाने या हिंसा भड़काने का लाइसेंस नहीं है. राजनयिक सुविधाओं के विरुद्ध हिंसा एक दंडनीय अपराध है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हम विदेश विभाग से भारतीय वाणिज्य दूतावास में हुए नुकसान की जांच में अधिकारियों के साथ समन्वय करने और इसमें शामिल लोगों को जवाबदेह ठहराने का आग्रह करते हैं.
इस दौरान इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष रो खन्ना ने कहा कि वह अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू को जानते हैं और उनका सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि जब भी मैं मानवाधिकार के मुद्दे उठाता हूं, तो वह हमेशा सभ्यता, विचारशीलता और स्पष्टवादिता के साथ बातचीत करते हैं. यह बयानबाजी राजनयिकों को नुकसान पहुंचाती है. यह खतरनाक है और लोकतंत्र में इसका कोई स्थान नहीं है. अमेरिकी कांग्रेसी रो खन्ना ने ट्वीट किया कि स्वतंत्र भाषण का मतलब यह नहीं है कि हिंसा भड़काने का लाइसेंस मिल गया है.
सूत्रों ने एएनआई को बताया कि इससे पहले 2 जुलाई को लगभग 1.40 बजे (स्थानीय समय) खालिस्तान कट्टरपंथियों के एक समूह ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में आग लगाने का प्रयास किया था. स्थानीय सैन फ्रांसिस्को पुलिस विभाग, विशेष राजनयिक सुरक्षा कर्मियों और राज्य और संघीय अधिकारियों को सूचित किया गया और घटना की जांच शुरू कर दी गई.
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इस बीच, भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू और सेन फ्रांसिस्को में भारत के महावाणिज्य दूतावास के महावाणिज्यदूत डॉ. टीवी नागेंद्र प्रसाद को कथित तौर पर सिख चरमपंथियों द्वारा प्रसारित एक पोस्टर में निशाना बनाया गया था. जिन्होंने उन पर जून में कनाडा में खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख और नामित आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भूमिका निभाने का आरोप लगाया था.
सूत्रों के मुताबिक, भारत ने सोमवार (3 जुलाई) को कनाडा में 8 जुलाई को होने वाली खालिस्तान समर्थक रैली की जानकारी के साथ प्रसारित किए जा रहे पोस्टरों में अपने राजनयिकों को मिल रही धमकियों पर चिंता जताई. पोस्टरों में कनाडा में भारतीय राजदूत और टोरंटो में महावाणिज्य दूतावास को धमकी दी गई थी. रैली की तारीख की घोषणा करने वाला एक ऐसा ही पोस्टर सैन फ्रांसिस्को में भी सामने आया है. यह रैली खालिस्तानी आतंकवादी हरजीत सिंह निज्जर उर्फ हरदीप सिंह निज्जर के नाम पर आयोजित की जा रही है, जो 18 जून को कनाडा के सरे में गोलीबारी में मारा गया था.
(एजेंसी)