वेलिंगटन (न्यूजीलैंड) : चीन के विदेश मंत्री ने शुक्रवार को सुदूर प्रशांत देश किरिबाती का दौरा किया जहां मछली पकड़ने के विशाल क्षेत्र का भविष्य दांव पर लगा है. वांग यी की चार घंटे की किरिबाती यात्रा आठ देशों के दौरे पर उनका दूसरा पड़ाव था, जो दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में बीजिंग की सैन्य और वित्तीय महत्वाकांक्षाओं के बारे में बढ़ती चिंताओं के मद्देनजर महत्वपूर्ण है. किरिबाती ने इस साल अपनी सीमाओं को कोविड-19 के प्रकोप के कारण बंद कर दिया था, लेकिन सरकार ने अपवाद स्वरूप वांग और उनके 20 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को आमने-सामने चर्चा के लिए देश में आने की अनुमति दे दी.
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किरिबाती में फीनिक्स द्वीप संरक्षित क्षेत्र का भविष्य दांव पर है, जो समुद्र का कैलिफोर्निया के आकार का एक हिस्सा है. इसे यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया गया है. नवंबर में, किरिबाती के राष्ट्रपति तानेती मामाउ ने घोषणा की कि सरकार ने वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए मछली पकड़ने पर प्रतिबंध को समाप्त करने की योजना बनाई है जो 2015 से लागू था. न्यूजीलैंड के मैसी विश्वविद्यालय में सुरक्षा अध्ययन की एक वरिष्ठ व्याख्याता अन्ना पॉवल्स ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वांग की यात्रा के बाद चीन और किरिबाती के बीच कुछ मत्स्य पालन समझौते होंगे.
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पॉवेल्स ने कहा कि चीन पहले से ही इस क्षेत्र में मछली पकड़ने में सक्रिय है और उसने फीनिक्स द्वीप समूह में एक हवाई अड्डे की हवाई पट्टी और आसपास के स्थल को उन्नत करने की पेशकश की थी. उन्होंने यह भी कहा कि यह देश के मछली भंडारण को गंभीर नुकसान पहुंचाएगा जो पहले से ही दबाव में हैं. किरिबाती के राष्ट्रपति ने बताया कि वांग अपनी यात्रा के दौरान द्विपक्षीय चर्चा के लिए उनके आवास पर आएंगे.