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भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना को फिर से शुरू करने की कोशिश: जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को थाइलैंड में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारे (भारत) के लिए यह सिर्फ एक रिश्ता नहीं है बल्कि एक ऐसा रिश्ता है, जो भारत में सुधार और बदलाव से जुड़ा है. उन्होंने कहा कि म्यांमार की स्थिति के कारण भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग एक बहुत कठिन परियोजना रही है और इसे फिर से शुरू करने के तरीके ढूंढना सरकार की प्राथमिकता है.

Jaishankar
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Published : Jul 16, 2023, 6:23 AM IST

बैंकॉक: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि म्यांमार की स्थिति के कारण भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग एक बहुत कठिन परियोजना रही है और इसे फिर से शुरू करने के तरीके ढूंढना सरकार की प्राथमिकता है. जयशंकर मेकोंग गंगा सहयोग (एमजीसी) तंत्र के विदेश मंत्रियों की 12वीं बैठक में भाग लेने और बिम्सटेक (बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) के विदेश मंत्रियों की सम्मेलन में भाग लेने के लिए थाईलैंड में हैं.

  • #WATCH | "...For us (India), this is not just a relation but a relation that is associated with reform and change in India...When PM Modi took charge as the PM the look east policy became an act and it wasn't only a terminology. After 2014 our connectivity, defence & security… pic.twitter.com/cDCejQlSde

    — ANI (@ANI) July 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जयशंकर ने यहां बैंकॉक पहुंचने के तुरंत बाद भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए थाईलैंड और भारत के बीच कनेक्टिविटी (संपर्क) के बारे में बात की. जयशंकर ने कहा, 'आज हमारे सामने असल चुनौती, जिस पर हम काम कर रहे हैं, वह यह है कि हम थाईलैंड के बीच सड़क संपर्क कैसे बनाएं. हमारे पास पूर्वोत्तर भारत से होकर गुजरने वाली यह परियोजना है, यदि हम म्यांमार से गुजरने वाली एक सड़क बनाते हैं और वह सड़क थाईलैंड की ओर से बनाई जाने वाली सड़क से जुड़ती है.' उन्होंने कहा कि बेहतर सड़क संपर्क से माल की आवाजाही, लोगों की आवाजाही में भारी बदलाव आएगा.

  • #WATCH | "...For us (India), this is not just a relation but a relation that is associated with reform and change in India...When PM Modi took charge as the PM the look east policy became an act and it wasn't only a terminology. After 2014 our connectivity, defence & security… pic.twitter.com/cDCejQlSde

    — ANI (@ANI) July 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

विदेश मंत्री ने कहा, 'लेकिन, यह बहुत कठिन परियोजना रही है. मुख्य रूप से म्यांमार की स्थिति के कारण यह एक बहुत ही कठिन परियोजना रही है. यह आज हमारी प्राथमिकताओं में से एक है कि इस परियोजना को कैसे फिर से शुरू किया जाए, इसे कैसे चालू किया जाए और इसे कैसे बनाया जाए क्योंकि परियोजना के बड़े हिस्से का निर्माण किया जा चुका है.'

  • #WATCH | I feel it's been an enormous good fortune of the country to have someday like him (PM Narendra Modi) at this time. I am not saying this because he is the PM and I am a member of his cabinet...He is enormously visionary and grounded and honestly such people come once in a… pic.twitter.com/EAuEBDK24l

    — ANI (@ANI) July 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ये भी पढ़ें-

गौरतलब है कि भारत, थाईलैंड और म्यांमार लगभग 1,400 किलोमीटर लंबे राजमार्ग पर काम कर रहे हैं, जो तीनों देशों को जमीन के जरिए दक्षिण-पूर्वी एशिया से जोड़ेगा और तीनों देशों के बीच व्यापार, कारोबार, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यटन संबंधों को बढ़ावा देगा. भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना का 70 प्रतिशत काम पूरा किया जा चुका है. (पीटीआई-भाषा)

बैंकॉक: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि म्यांमार की स्थिति के कारण भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग एक बहुत कठिन परियोजना रही है और इसे फिर से शुरू करने के तरीके ढूंढना सरकार की प्राथमिकता है. जयशंकर मेकोंग गंगा सहयोग (एमजीसी) तंत्र के विदेश मंत्रियों की 12वीं बैठक में भाग लेने और बिम्सटेक (बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) के विदेश मंत्रियों की सम्मेलन में भाग लेने के लिए थाईलैंड में हैं.

  • #WATCH | "...For us (India), this is not just a relation but a relation that is associated with reform and change in India...When PM Modi took charge as the PM the look east policy became an act and it wasn't only a terminology. After 2014 our connectivity, defence & security… pic.twitter.com/cDCejQlSde

    — ANI (@ANI) July 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जयशंकर ने यहां बैंकॉक पहुंचने के तुरंत बाद भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए थाईलैंड और भारत के बीच कनेक्टिविटी (संपर्क) के बारे में बात की. जयशंकर ने कहा, 'आज हमारे सामने असल चुनौती, जिस पर हम काम कर रहे हैं, वह यह है कि हम थाईलैंड के बीच सड़क संपर्क कैसे बनाएं. हमारे पास पूर्वोत्तर भारत से होकर गुजरने वाली यह परियोजना है, यदि हम म्यांमार से गुजरने वाली एक सड़क बनाते हैं और वह सड़क थाईलैंड की ओर से बनाई जाने वाली सड़क से जुड़ती है.' उन्होंने कहा कि बेहतर सड़क संपर्क से माल की आवाजाही, लोगों की आवाजाही में भारी बदलाव आएगा.

  • #WATCH | "...For us (India), this is not just a relation but a relation that is associated with reform and change in India...When PM Modi took charge as the PM the look east policy became an act and it wasn't only a terminology. After 2014 our connectivity, defence & security… pic.twitter.com/cDCejQlSde

    — ANI (@ANI) July 15, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

विदेश मंत्री ने कहा, 'लेकिन, यह बहुत कठिन परियोजना रही है. मुख्य रूप से म्यांमार की स्थिति के कारण यह एक बहुत ही कठिन परियोजना रही है. यह आज हमारी प्राथमिकताओं में से एक है कि इस परियोजना को कैसे फिर से शुरू किया जाए, इसे कैसे चालू किया जाए और इसे कैसे बनाया जाए क्योंकि परियोजना के बड़े हिस्से का निर्माण किया जा चुका है.'

  • #WATCH | I feel it's been an enormous good fortune of the country to have someday like him (PM Narendra Modi) at this time. I am not saying this because he is the PM and I am a member of his cabinet...He is enormously visionary and grounded and honestly such people come once in a… pic.twitter.com/EAuEBDK24l

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गौरतलब है कि भारत, थाईलैंड और म्यांमार लगभग 1,400 किलोमीटर लंबे राजमार्ग पर काम कर रहे हैं, जो तीनों देशों को जमीन के जरिए दक्षिण-पूर्वी एशिया से जोड़ेगा और तीनों देशों के बीच व्यापार, कारोबार, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यटन संबंधों को बढ़ावा देगा. भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना का 70 प्रतिशत काम पूरा किया जा चुका है. (पीटीआई-भाषा)

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