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भारत के साथ रचनात्मक वार्ता 2019 के बाद मुश्किल हो गई : बिलावल भुट्टो

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Published : Jul 30, 2022, 10:55 PM IST

पाकिस्तानी विदेश मंत्री विलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि 2019 के बाद भारत के साथ रचनात्मक वार्ता मुश्किल हो गई है. ताशकंद में शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में उन्होंने ये बात कही.

Constructive dialogue India become difficult
भारत रचनात्मक वार्ता मुश्किल हुई

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि 2019 के बाद भारत के साथ एक रचनात्मक वार्ता मुश्किल हो गई है. मीडिया में शनिवार को आई एक खबर में यह जानकारी दी गई. ताशकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में शरीक हुए बिलावल ने कहा कि भारत और पाकिस्तान एसएसीओ का हिस्सा हैं और दोनों देश वर्तमान में संगठन की व्यापक गतिविधियों में शामिल हैं.

जियो न्यूज ने शनिवार को बिलावल को उद्धृत किया, 'भारत हमारा पड़ोसी देश है. कोई व्यक्ति/देश कई सारी चीजों पर फैसला कर सकता है लेकिन अपना पड़ोसी नहीं बदल सकता. इसलिए, हमें उनके साथ रहने की आदत डाल लेनी चाहिए.' बिलावल ने कहा कि 2019 के बाद भारत के साथ रचनात्मक वार्ता मुश्किल हो गई है. उन्होंने उस साल जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लिए जाने और राज्य को विभाजित कर दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने की भारत की घोषणा का संभवत: संदर्भ देते हुए यह कहा.

यह भी पढ़ें-सिंधु जल संधि विवाद पर भारत-पाकिस्तान के बीच वार्ता

उल्लेखनीय है कि भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि वह इस्लामाबाद के साथ आतंकवाद, बैर और हिंसा मुक्त माहौल में सामान्य पड़ोसी संबंधों की आकांक्षा रखता है. भारत ने कहा है कि यह पाकिस्तान पर निर्भर करता है कि वह आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त माहौल बनाए. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि समरकंद में होने वाले वार्षिक एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर पाकिस्तानी व भारतीय प्रधानमंत्री के बीच किसी बैठक की योजना नहीं है. बता दें कि उज्बेकिस्तान में 15-16 सितंबर को एससीओ शिखर सम्मेलन आयोजित होगा.

(पीटीआई-भाषा)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि 2019 के बाद भारत के साथ एक रचनात्मक वार्ता मुश्किल हो गई है. मीडिया में शनिवार को आई एक खबर में यह जानकारी दी गई. ताशकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में शरीक हुए बिलावल ने कहा कि भारत और पाकिस्तान एसएसीओ का हिस्सा हैं और दोनों देश वर्तमान में संगठन की व्यापक गतिविधियों में शामिल हैं.

जियो न्यूज ने शनिवार को बिलावल को उद्धृत किया, 'भारत हमारा पड़ोसी देश है. कोई व्यक्ति/देश कई सारी चीजों पर फैसला कर सकता है लेकिन अपना पड़ोसी नहीं बदल सकता. इसलिए, हमें उनके साथ रहने की आदत डाल लेनी चाहिए.' बिलावल ने कहा कि 2019 के बाद भारत के साथ रचनात्मक वार्ता मुश्किल हो गई है. उन्होंने उस साल जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लिए जाने और राज्य को विभाजित कर दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने की भारत की घोषणा का संभवत: संदर्भ देते हुए यह कहा.

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उल्लेखनीय है कि भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि वह इस्लामाबाद के साथ आतंकवाद, बैर और हिंसा मुक्त माहौल में सामान्य पड़ोसी संबंधों की आकांक्षा रखता है. भारत ने कहा है कि यह पाकिस्तान पर निर्भर करता है कि वह आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त माहौल बनाए. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि समरकंद में होने वाले वार्षिक एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर पाकिस्तानी व भारतीय प्रधानमंत्री के बीच किसी बैठक की योजना नहीं है. बता दें कि उज्बेकिस्तान में 15-16 सितंबर को एससीओ शिखर सम्मेलन आयोजित होगा.

(पीटीआई-भाषा)

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