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कोलोराडो सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसले में डोनाल्ड ट्रंप को राज्य में मतदान से प्रतिबंधित किया

Colorado Supreme Court removes Donald Trump : विभाजित कोलोराडो सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिकी संविधान के विद्रोह खंड के तहत व्हाइट हाउस के लिए अयोग्य घोषित कर दिया. कोर्ट ने उन्हें कोलोराडो के राष्ट्रपति पद के प्राथमिक मतदान से हटा दिया. इतिहास में पहली बार है कि 14वें संशोधन की धारा 3 का उपयोग राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को अयोग्य ठहराने के लिए किया गया है. Colorado Supreme Court, Donald Trump removed from states 2024 ballot

Donald Trump from states 2024 ballot
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 20, 2023, 8:43 AM IST

डेनवर (कोलोराडो) : कोलोराडो सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को राज्य के 2024 के मतदान से हटा दिया है. कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा कि वह 14वें संशोधन के 'विद्रोहवादी प्रतिबंध' के कारण योग्य राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार नहीं हैं. सीएनएन ने बताया कि फैसला 4-3 के बहुमत से सुनाया गया है. सीएनएन के अनुसार, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में ट्रंप की अपील लंबित रहने तक फैसले को लागू नहीं किया जायेगा. बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अपील पर 4 जनवरी को फैसला होना है.

राज्य सुप्रीम कोर्ट का निर्णय केवल कोलोराडो क्षेत्र में लागू होगा. लेकिन इस ऐतिहासिक फैसले का असर निश्चित रूप से उनके 2024 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान को प्रभावित करेगा. कोलोराडो चुनाव अधिकारियों ने कहा है कि मामले को 5 जनवरी तक निपटाने की जरूरत है, जो 5 मार्च को होने वाली जीओपी प्राथमिक के लिए उम्मीदवारों की सूची निर्धारित करने की वैधानिक समय सीमा है.

बहुमत ने अपनी अहस्ताक्षरित राय में लिखा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने विद्रोह को उकसाया. यहां तक कि जब कैपिटल पर घेराबंदी पूरी तरह से चल रही थी, तब भी उन्होंने बार-बार सोशल मीडिया पर इसका समर्थन करना जारी रखा. जजों ने माना कि ट्रंप ने यह आह्वान किया था कि उपराष्ट्रपति (माइक) पेंस अपने संवैधानिक कर्तव्य को निभाने से इनकार कर दें. उन्होंने सीनेटरों को बुलाकर उन्हें चुनावी वोटों की गिनती रोकने के लिए राजी किया. इन कार्रवाइयों में विद्रोह में प्रत्यक्ष और स्वैच्छिक भागीदारी की पुष्टि होती है.

जजों ने कहा है कि हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि उपरोक्त साक्ष्य, जिनमें से अधिकांश परीक्षण के दौरान सही पाये गये ने स्थापित किया कि राष्ट्रपति ट्रम्प विद्रोह में शामिल थे. राष्ट्रपति ट्रम्प के प्रत्यक्ष और स्पष्ट प्रयास, कई महीनों में, अपने समर्थकों को कैपिटल तक मार्च करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे थे ताकि वह जो झूठ बोल रहे हैं लोग उसपर विश्वास करें.

सीएनएन के अनुसार, जजों ने कहा कि उनका यह काम देश के लोगों के साथ एक धोखाधड़ी है. जजों ने कहा कि अब यह निर्विवाद रूप से कहा जा सकता है कि लोगों में भड़काने में ट्रंप की भूमिका स्पष्ट और स्वैच्छिक थी. इसके अलावा, अदालत ने ट्रंप के स्वतंत्र भाषण के दावों को खारिज करते हुए लिखा कि 6 जनवरी को राष्ट्रपति ट्रंप का भाषण संविधान के मुताबिक संरक्षित नहीं माना जा सकता.

जजों ने कहा कि संविधान के 14वें अमेंडमेंट के अनुसार जो संविधान के समर्थन करने की शपथ लेने वाले अधिकारी यदि गृह युद्ध में शामिल होते हैं तो उन्हें भविष्य में कार्यालय से प्रतिबंधित किया जा सकता है. हालांकि, इसमें इसमें स्पष्ट रूप से राष्ट्रपति पद का उल्लेख नहीं है, और 1919 के बाद से इसे केवल दो बार लागू किया गया है. कोलोराडो सुप्रीम कोर्ट के सभी सात न्यायाधीशों की नियुक्ति डेमोक्रेटिक गवर्नरों की ओर से की गई थी.

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डेनवर (कोलोराडो) : कोलोराडो सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को राज्य के 2024 के मतदान से हटा दिया है. कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा कि वह 14वें संशोधन के 'विद्रोहवादी प्रतिबंध' के कारण योग्य राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार नहीं हैं. सीएनएन ने बताया कि फैसला 4-3 के बहुमत से सुनाया गया है. सीएनएन के अनुसार, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में ट्रंप की अपील लंबित रहने तक फैसले को लागू नहीं किया जायेगा. बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अपील पर 4 जनवरी को फैसला होना है.

राज्य सुप्रीम कोर्ट का निर्णय केवल कोलोराडो क्षेत्र में लागू होगा. लेकिन इस ऐतिहासिक फैसले का असर निश्चित रूप से उनके 2024 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान को प्रभावित करेगा. कोलोराडो चुनाव अधिकारियों ने कहा है कि मामले को 5 जनवरी तक निपटाने की जरूरत है, जो 5 मार्च को होने वाली जीओपी प्राथमिक के लिए उम्मीदवारों की सूची निर्धारित करने की वैधानिक समय सीमा है.

बहुमत ने अपनी अहस्ताक्षरित राय में लिखा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने विद्रोह को उकसाया. यहां तक कि जब कैपिटल पर घेराबंदी पूरी तरह से चल रही थी, तब भी उन्होंने बार-बार सोशल मीडिया पर इसका समर्थन करना जारी रखा. जजों ने माना कि ट्रंप ने यह आह्वान किया था कि उपराष्ट्रपति (माइक) पेंस अपने संवैधानिक कर्तव्य को निभाने से इनकार कर दें. उन्होंने सीनेटरों को बुलाकर उन्हें चुनावी वोटों की गिनती रोकने के लिए राजी किया. इन कार्रवाइयों में विद्रोह में प्रत्यक्ष और स्वैच्छिक भागीदारी की पुष्टि होती है.

जजों ने कहा है कि हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि उपरोक्त साक्ष्य, जिनमें से अधिकांश परीक्षण के दौरान सही पाये गये ने स्थापित किया कि राष्ट्रपति ट्रम्प विद्रोह में शामिल थे. राष्ट्रपति ट्रम्प के प्रत्यक्ष और स्पष्ट प्रयास, कई महीनों में, अपने समर्थकों को कैपिटल तक मार्च करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे थे ताकि वह जो झूठ बोल रहे हैं लोग उसपर विश्वास करें.

सीएनएन के अनुसार, जजों ने कहा कि उनका यह काम देश के लोगों के साथ एक धोखाधड़ी है. जजों ने कहा कि अब यह निर्विवाद रूप से कहा जा सकता है कि लोगों में भड़काने में ट्रंप की भूमिका स्पष्ट और स्वैच्छिक थी. इसके अलावा, अदालत ने ट्रंप के स्वतंत्र भाषण के दावों को खारिज करते हुए लिखा कि 6 जनवरी को राष्ट्रपति ट्रंप का भाषण संविधान के मुताबिक संरक्षित नहीं माना जा सकता.

जजों ने कहा कि संविधान के 14वें अमेंडमेंट के अनुसार जो संविधान के समर्थन करने की शपथ लेने वाले अधिकारी यदि गृह युद्ध में शामिल होते हैं तो उन्हें भविष्य में कार्यालय से प्रतिबंधित किया जा सकता है. हालांकि, इसमें इसमें स्पष्ट रूप से राष्ट्रपति पद का उल्लेख नहीं है, और 1919 के बाद से इसे केवल दो बार लागू किया गया है. कोलोराडो सुप्रीम कोर्ट के सभी सात न्यायाधीशों की नियुक्ति डेमोक्रेटिक गवर्नरों की ओर से की गई थी.

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