नई दिल्ली: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही अमेरिका के दौरा किया और अब वह मिस्र के दौरे पर है. लेकिन पीएम मोदी के अमेरिका दौरे को लेकर जहां देश में कुछ राजनीतिक पार्टियां सवाल उठा रही हैं, वहीं पड़ोसी देश चीन को भी इससे मिर्ची लग रही है. पीएम मोदी का यह अमेरिका दौरा ऐतिहासिक माना जा रहा है. जहां एक ओर अमेरिका और भारत के बीच दोस्ती बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर इस मित्रता को लेकर चीन ने भारत को नसीहत दी है.
चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स में इसे लेकर एक लेख सामने आया है, जिसमें कहा गया है कि भारत को अमेरिका से दोस्ती को लेकर सावधान रहना चाहिए. इस रिपोर्ट में यह भी गया है कि अमेरिका बहुत लंबे समय से चीन से निपटने के लिए भारत का सहारा लेता रहा है. लेकिन भारत को अमेरिका से सावधान रहने की जरूरत है. ग्लोबल टाइम्स के इस लेख यह भी लिखा गया है कि अमेरिका हमेशा से ही जियोपॉलिटिक्स को सत्ता और ताकत के चश्मे से देखता रहा है.
लेख में कहा गया है कि अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों को हमेशा से ही लेनदेन की नजर से देखता रहा है. अमेरिका सिर्फ उन देशों के साथ दोस्ती करता है, जिनसे उसे कोई फायदा हो सके. अमेरिका अपने फायदों के अनुसार ही देशों को वरीयता देता है. ग्लोबल टाइम्स के लेख में अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर के हवाले कहा गया है कि उन्होंने एक समय में कहा था कि अमेरिका का कोई स्थाई मित्र नहीं है, उसके लाभ ही हमेशा से स्थाई रहे हैं.
चीन के इस सरकारी अखबार की माने तो अमेरिका अन्य देशों की सद्भावना के बल पर दुनिया की सुपरपावर नहीं बना है, बल्कि दूसरे देशों के डर का फायदा उठाकर आज वह इस मुकाम तक पहुंचा है. अखबार में आगे लिखा गया है कि चीन की डर की वजह से ही अमेरिका सहयोगी देशों की तलाश कर रहा है और इसलिए भारत उसके लिए एक सही विकल्प और बिल्कुल सही सहयोगीह है, क्योंकि भारत में वह अपने सभी मनसूबों को वह पूरा कर सकता है.