वाशिंगटन: प्रभावशाली भारतीय-अमेरिकी डेमोक्रेटिक सांसद रो खन्ना ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भारत को सीएएटीएसए प्रतिबंधों से मिली खास छूट की प्रक्रिया में तेजी लाएंगे क्योंकि उनके पास ‘राजनीतिक बढ़त’ और कांग्रेस के 300 सदस्यों का समर्थन है. उन्होंने कहा कि हाल में अमेरिका की प्रतिनिधि सभा द्वारा भारत को रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए सीएएटीएसए प्रतिबंधों से खास छूट दिलाने वाले विधेयक पारित करना असैन्य परमाणु समझौते के बाद हुआ सबसे अहम मतदान है.
खन्ना द्वारा पेश किए गए इस विधेयक में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन से भारत को चीन जैसे आक्रामक रुख वाले देश को रोकने में मदद करने के लिए ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट’ (सीएएटीएसए) से छूट दिलाने के लिए अपने अधिकार का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया गया है. खन्ना ने एजेंसी को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘अमेरिका-भारत संबंध पहले कभी इतने महत्वपूर्ण नहीं रहे.
जब आप एक विस्तारवादी चीन को विस्तारवादी रूस के साथ देखते हैं, तो मुझे लगता है कि यह 21वीं सदी के संबंधों को नया आयाम देने जा रहा है. हमें भारत को स्पष्ट संदेश देने की जरूरत है कि अमेरिका इस संबंध को बहुत महत्वपूर्ण मानता है.’ यह विधेयक अभी अमेरिकी सीनेट में पारित नहीं हुआ है. इसके बाद ही इसे राष्ट्रपति बाइडेन के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा.
वर्ष 2017 में पेश सीएएटीएसए के तहत रूस से रक्षा और खुफिया लेन-देन करने वाले किसी भी देश के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का प्रावधान है. इसे 2014 में क्रीमिया पर रूस के कब्जे और 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में मॉस्को के कथित हस्तक्षेप के जवाब में लाया गया था. खन्ना ने कहा, ‘इस संशोधन में, कांग्रेस के 300 सदस्य राष्ट्रपति बाइडेन से प्रतिबंधों में छूट देने के लिए कह रहे हैं तो यह उस रिश्ते के लिए बहुत बड़ा समर्थन है. यह भारत के साथ असैन्य परमाणु समझौते के बाद से सदन में सबसे ऐतिहासिक मतदान है.’ हाल में ताइवान गईं अमेरिकी संसद की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की अगुवाई वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहे खन्ना ने कहा कि सदन द्वारा पारित इस संशोधन विधेयक को बाइडेन प्रशासन का समर्थन हासिल है.