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बांग्लादेश में आम चुनाव कल, प्रधानमंत्री हसीना का लगातार चौथे कार्यकाल के लिए जीतना लगभग तय

निर्वाचन आयोग ने कहा कि मतदान सुबह आठ बजे शुरू होगा और शाम पांच बजे समाप्त होगा. चुनाव नतीजे आठ जनवरी की सुबह से घोषित किये जाने की उम्मीद है. (Bangladesh Assembly Polls, PM Hasina)

Bangladesh Assembly Polls
बांग्लादेश विधानसभा चुनाव
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 6, 2024, 7:46 PM IST

ढाका: बांग्लादेश में आम चुनाव के लिए रविवार को मतदान होगा, जिसमें मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अनुपस्थिति के कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना के लगातार चौथी बार जीत दर्ज करने की उम्मीद है. विपक्षी दल बीएनपी ने चुनाव का बहिष्कार किया है और 'अवैध सरकार' के खिलाफ 48 घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. चुनाव आयोग ने कहा कि उसने देश भर के 300 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान की तैयारी लगभग पूरी कर ली है और सुरक्षा व्यवस्था भी सुनिश्चित की है. निर्वाचन आयोग के अनुसार, 42,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर रविवार को होने वाले मतदान में कुल 11.96 करोड़ पंजीकृत मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे.

चुनाव में 27 राजनीतिक दलों के 1,500 से अधिक उम्मीदवार मैदान में हैं और उनके अलावा 436 निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं. भारत के तीन पर्यवेक्षकों समेत 100 से अधिक विदेशी पर्यवेक्षक 12वें आम चुनाव की निगरानी करेंगे। यह चुनाव कड़ी सुरक्षा के बीच कराया जा रहा है. बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त काजी हबीबुल अवल ने कहा, 'हम चाहते हैं कि हमारे आम चुनावों को न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देखा जाए. बांग्लादेश संयुक्त राष्ट्र का सदस्य है और उसने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी किए हैं.'

निर्वाचन आयोग ने कहा कि मतदान सुबह आठ बजे शुरू होगा और शाम पांच बजे समाप्त होगा. चुनाव नतीजे आठ जनवरी की सुबह से घोषित किये जाने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री हसीना की सत्तारूढ़ आवामी लीग के लगातार चौथी बार जीतने की उम्मीद है क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया (78) की पार्टी ने चुनाव का बहिष्कार किया है. खालिदा भ्रष्टाचार के आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद घर में नजरबंद हैं.

हसीना (76) ने इस सप्ताह राष्ट्रीय टेलीविजन पर दिए संबोधन में लोकतंत्र समर्थक और कानून का पालन करने वाले दलों से ऐसे विचारों को हवा न देने का अनुरोध किया था जो देश की संवैधानिक प्रक्रिया में 'बाधा' डालते हों. बीएनपी ने शनिवार से 48 घंटे की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. सड़कों पर वाहनों की संख्या अन्य दिनों के मुकाबले कम है लेकिन आगजनी के डर के बावजूद सार्वजनिक वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं.

चुनाव लड़ रहे 27 दलों में विपक्षी जातीय पार्टी भी शामिल है. बाकी सत्तारूढ़ आवामी लीग की अगुवाई वाले गठबंधन के सदस्य हैं. बीएनपी ने चुनाव का बहिष्कार करते हुए छह जनवरी को सुबह छह बजे से आठ जनवरी सुबह छह बजे तक 48 घंटे की देशव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया है. पार्टी का दावा है कि मौजूदा सरकार के रहते कोई भी चुनाव निष्पक्ष और विश्वसनीय नहीं होगा. बीएनपी के प्रवक्ता रुहुल कबीर रिजवी ने हड़ताल की घोषणा करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य 'इस अवैध सरकार के इस्तीफे, एक तटस्थ सरकार के गठन और सभी पार्टी नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को जेल से रिहा करने की मांग करना है.'

चुनावों के मद्देनजर हसीना सरकार ने हजारों विरोधी नेताओं और समर्थकों को गिरफ्तार किया है. मानवाधिकार समूहों ने इस कदम की निंदा कर इसे विपक्ष को पंगु करने का प्रयास बताया. प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि आवामी लीग सत्ता में आने पर देश के लोगों का आर्थिक और सामाजिक विकास सुनिश्चित करेगी. प्राधिकारियों ने मतदान के दौरान शांति व व्यवस्था बनाए रखने के लिए 'नागरिक प्रशासन की मदद' के वास्ते दो दिन पहले देशभर में सैन्य टुकड़ियों को तैनात किया है.

पढ़ें: बांग्लादेश चुनाव: अवामी लीग के घोषणापत्र में भारत के साथ मैत्रीपूर्ण सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता

ढाका: बांग्लादेश में आम चुनाव के लिए रविवार को मतदान होगा, जिसमें मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अनुपस्थिति के कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना के लगातार चौथी बार जीत दर्ज करने की उम्मीद है. विपक्षी दल बीएनपी ने चुनाव का बहिष्कार किया है और 'अवैध सरकार' के खिलाफ 48 घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. चुनाव आयोग ने कहा कि उसने देश भर के 300 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान की तैयारी लगभग पूरी कर ली है और सुरक्षा व्यवस्था भी सुनिश्चित की है. निर्वाचन आयोग के अनुसार, 42,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर रविवार को होने वाले मतदान में कुल 11.96 करोड़ पंजीकृत मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे.

चुनाव में 27 राजनीतिक दलों के 1,500 से अधिक उम्मीदवार मैदान में हैं और उनके अलावा 436 निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं. भारत के तीन पर्यवेक्षकों समेत 100 से अधिक विदेशी पर्यवेक्षक 12वें आम चुनाव की निगरानी करेंगे। यह चुनाव कड़ी सुरक्षा के बीच कराया जा रहा है. बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त काजी हबीबुल अवल ने कहा, 'हम चाहते हैं कि हमारे आम चुनावों को न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देखा जाए. बांग्लादेश संयुक्त राष्ट्र का सदस्य है और उसने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी किए हैं.'

निर्वाचन आयोग ने कहा कि मतदान सुबह आठ बजे शुरू होगा और शाम पांच बजे समाप्त होगा. चुनाव नतीजे आठ जनवरी की सुबह से घोषित किये जाने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री हसीना की सत्तारूढ़ आवामी लीग के लगातार चौथी बार जीतने की उम्मीद है क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया (78) की पार्टी ने चुनाव का बहिष्कार किया है. खालिदा भ्रष्टाचार के आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद घर में नजरबंद हैं.

हसीना (76) ने इस सप्ताह राष्ट्रीय टेलीविजन पर दिए संबोधन में लोकतंत्र समर्थक और कानून का पालन करने वाले दलों से ऐसे विचारों को हवा न देने का अनुरोध किया था जो देश की संवैधानिक प्रक्रिया में 'बाधा' डालते हों. बीएनपी ने शनिवार से 48 घंटे की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. सड़कों पर वाहनों की संख्या अन्य दिनों के मुकाबले कम है लेकिन आगजनी के डर के बावजूद सार्वजनिक वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं.

चुनाव लड़ रहे 27 दलों में विपक्षी जातीय पार्टी भी शामिल है. बाकी सत्तारूढ़ आवामी लीग की अगुवाई वाले गठबंधन के सदस्य हैं. बीएनपी ने चुनाव का बहिष्कार करते हुए छह जनवरी को सुबह छह बजे से आठ जनवरी सुबह छह बजे तक 48 घंटे की देशव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया है. पार्टी का दावा है कि मौजूदा सरकार के रहते कोई भी चुनाव निष्पक्ष और विश्वसनीय नहीं होगा. बीएनपी के प्रवक्ता रुहुल कबीर रिजवी ने हड़ताल की घोषणा करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य 'इस अवैध सरकार के इस्तीफे, एक तटस्थ सरकार के गठन और सभी पार्टी नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को जेल से रिहा करने की मांग करना है.'

चुनावों के मद्देनजर हसीना सरकार ने हजारों विरोधी नेताओं और समर्थकों को गिरफ्तार किया है. मानवाधिकार समूहों ने इस कदम की निंदा कर इसे विपक्ष को पंगु करने का प्रयास बताया. प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि आवामी लीग सत्ता में आने पर देश के लोगों का आर्थिक और सामाजिक विकास सुनिश्चित करेगी. प्राधिकारियों ने मतदान के दौरान शांति व व्यवस्था बनाए रखने के लिए 'नागरिक प्रशासन की मदद' के वास्ते दो दिन पहले देशभर में सैन्य टुकड़ियों को तैनात किया है.

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