इस्लामाबाद : बलूचिस्तान उच्च न्यायालय ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (former Pak PM Imran Khan) के खिलाफ सरकारी संस्थानों के विरुद्ध 'नफरत फैलाने' के मामले में जारी गैर ज़मानती वारंट की तामील पर शुक्रवार को रोक लगा दी.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने अपने प्रमुख के खिलाफ वारंट जारिए किए जाने के विरुद्ध उच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया था. हाल में सरकारी संस्थानों और उनके कार्यालयों के खिलाफ 'नफरत फैलाने' के आरोप में पूर्व प्रधानमंत्री के विरुद्ध गुरुवार को गैर ज़मानती वारंट जारी किया गया था.
खान की पार्टी ने क्वेटा में एक न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ बलूचिस्तान उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी और उससे गिरफ्तारी वारंट को रद्द करने का आग्रह किया था. पार्टी ने बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा के एक थाने में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की भी अनुरोध किया.
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ज़हीर-उद-दीन काकर ने वारंट की तामील पर रोक लगा दी और बलूचिस्तान के पुलिस महानिरीक्षक, जांच के निदेशक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (कानून), थानेदार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी करने के बाद मामले की सुनवाई दो सप्ताह बाद के लिए स्थगित कर दी. न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अधिकारियों को 70 वर्षीय खान को हिरासत में लेने और उन्हें अदालत के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया था.
यह मामला अप्रैल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से पद से हटाए जाने के बाद से खान के खिलाफ दायर 76 से अधिक मामलों में नवीनतम है. तोशखाना मामले में लाहौर में उनके जमान पार्क स्थित आवास से पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने के असफल प्रयास किया था. रविवार को खान ने इसके बाद तीखा हमला बोला था. जिसके बाद यह मामला दर्ज किया गया था.
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(पीटीआई)