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कोविड-19 रोधी टीके कम या ज्यादा वजन वाले लोगों में एक समान रूप से प्रभावी : लांसेट अध्ययन

कोविड-19 रोधी टीके हर व्यक्ति को गंभीर रूप से बीमार होने से बचाते हैं. इतना ही नहीं ये टीके कम या अधिक वजन दोनों ही तरह के लोगों पर समान रूप से प्रभावी होते हैं. यह बातें लांसेट के अध्ययन में सामने आई हैं.

anti-covid-19 vaccine
कोविड-19 रोधी टीका
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Published : Jul 1, 2022, 12:24 PM IST

लंदन : कोविड-19 रोधी टीके हर मरीज को गंभीर रूप से बीमार होने से बचाते हैं, चाहे उनके शरीर का भार कितना भी क्यों न हो. इंग्लैंड में 90 लाख वयस्कों पर किए गए अध्ययन में यह निष्कर्ष निकला है, जिसे शुक्रवार को 'द लांसेट डायबिटीज एंड एंडोक्राइनोलॉजी' में प्रकाशित किया गया. अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि टीका उन लोगों पर भी उतना ही प्रभावी था, जिनका शरीर द्रव्यमान सूचकांक (बीएमआई) अधिक था और अधिक वजन था, लेकिन कम वजन वाले समूह में इसका प्रभाव थोड़ा कम देखा गया.

उन्होंने कहा कि टीके की खुराक ले चुके लोगों के विश्लेषण में यह पता चला कि कोविड-19 के कुछ मामलों में बहुत कम और बहुत अधिक बीएमआई वाले लोगों के टीके की खुराक ले चुके स्वस्थ वजन वाले लोगों की तुलना में गंभीर रूप से बीमार पड़ने की आशंका अधिक थी. अध्ययन में शामिल रहीं ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की कार्मेन पियरनास ने कहा, 'हमारे नतीजे ये सबूत मुहैया कराते हैं कि कोविड-19 रोधी टीके सभी वजन वाले लोगों की जान बचाते हैं. हमारे नतीजे मोटापे से ग्रसित लोगों को आश्वासन देते हैं कि कोविड-19 रोधी टीके उन प र कम बीएमआई वाले लोगों की तरह ही प्रभावी हैं और टीकाकरण के बाद उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर गंभीर रूप से बीमार पड़ने का खतरा कम हो जाता है.'

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि टीके की खुराक ले चुके स्वस्थ और अधिक बीएमआई वाले समूहों के टीके की खुराक न लेने वाले लोगों की तुलना में अस्पताल में भर्ती होने की आशंका लगभग 70 प्रतिशत कम है.

लंदन : कोविड-19 रोधी टीके हर मरीज को गंभीर रूप से बीमार होने से बचाते हैं, चाहे उनके शरीर का भार कितना भी क्यों न हो. इंग्लैंड में 90 लाख वयस्कों पर किए गए अध्ययन में यह निष्कर्ष निकला है, जिसे शुक्रवार को 'द लांसेट डायबिटीज एंड एंडोक्राइनोलॉजी' में प्रकाशित किया गया. अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि टीका उन लोगों पर भी उतना ही प्रभावी था, जिनका शरीर द्रव्यमान सूचकांक (बीएमआई) अधिक था और अधिक वजन था, लेकिन कम वजन वाले समूह में इसका प्रभाव थोड़ा कम देखा गया.

उन्होंने कहा कि टीके की खुराक ले चुके लोगों के विश्लेषण में यह पता चला कि कोविड-19 के कुछ मामलों में बहुत कम और बहुत अधिक बीएमआई वाले लोगों के टीके की खुराक ले चुके स्वस्थ वजन वाले लोगों की तुलना में गंभीर रूप से बीमार पड़ने की आशंका अधिक थी. अध्ययन में शामिल रहीं ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की कार्मेन पियरनास ने कहा, 'हमारे नतीजे ये सबूत मुहैया कराते हैं कि कोविड-19 रोधी टीके सभी वजन वाले लोगों की जान बचाते हैं. हमारे नतीजे मोटापे से ग्रसित लोगों को आश्वासन देते हैं कि कोविड-19 रोधी टीके उन प र कम बीएमआई वाले लोगों की तरह ही प्रभावी हैं और टीकाकरण के बाद उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर गंभीर रूप से बीमार पड़ने का खतरा कम हो जाता है.'

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि टीके की खुराक ले चुके स्वस्थ और अधिक बीएमआई वाले समूहों के टीके की खुराक न लेने वाले लोगों की तुलना में अस्पताल में भर्ती होने की आशंका लगभग 70 प्रतिशत कम है.

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(पीटीआई-भाषा)

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