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शिरीन अबू अकलेह : पत्रकारिता का जज्बा था और उसे मरते दम तक निभाया - इज़राइल न्यूज़

अल-जज़ीरा की पत्रकार शिरीन अबू अकलेह (AlJazeera journalist shireen abu akleh) की उत्तरी वेस्ट बैंक के जेनिन कस्बे में कवरेज के दौरान गोली लगने से मौत हो गई. 51 साल की शिरीन अबू अकलेह जुझारू पत्रकार थीं. मौत के खतरों के बीच रिपोर्टिंग करते हुए शिरीन यही कहतीं थी कि वह लोगों की आवाज दुनिया तक पहुंचा सकती हैं.

AlJazeera journalist shireen abu akleh
शिरीन अबू अकलेह
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Published : May 12, 2022, 12:55 PM IST

Updated : May 12, 2022, 1:15 PM IST

यरुशलम : अल-जज़ीरा की पत्रकार शिरीन अबू अकलेह की बुधवार को तड़के वेस्ट बैंक में गोली लगने से मौत हो गई. वह उत्तरी वेस्ट बैंक के जेनिन कस्बे में कवरेज करने गई थीं. इज़राइली सेना की कार्रवाई के दौरान हुई गोलीबारी में शिरीन अबू अकलेह की मौत हो गई. मशहूर फलस्तीनी पत्रकार शिरीन अबू अकलेह अरबी भाषी चैनल की एक जानी-मानी रिपोर्टर थीं. 51 साल की शिरीन अबू अकलेह मध्य पूर्व की उन सम्मानित पत्रकारों में थीं, जो अपने खास कवरेज के लिए जानी जाती थीं. शिरीन अबू अकलेह की मौत पर कई देशों ने शोक जताया है.

दो दशक से अधिक समय से फलिस्तीनी क्षेत्रों में रिपोर्टिंग करने वाले अल जज़ीरा चैनल में शिरीन अबू अकलेह की अलग ही पहचान थी. वह जुझारू पत्रकार थीं. अबू अकलेह का नाम बुधवार को अरबी भाषा में पूरे ट्विटर पर ट्रेंड कर गया. उनकी फोटो वेस्ट बैंक शहर रामल्लाह में मुख्य चौक पर प्रदर्शित की गई. अल जज़ीरा कार्यालयों और पूर्वी यरुशलम में उनके घर शोक जताने वाले उमड़ पड़े.

इज़राइल के विदेश मंत्री याइर लापिड ने कहा कि फलस्तीनी प्राधिकरण को रिपोर्टर की मौत की संयुक्त जांच का प्रस्ताव दिया है. उन्होंने ट्वीट किया, 'पत्रकारों को संघर्ष वाले क्षेत्रों में सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए. सच्चाई का पता लगाना हम सभी की जिम्मेदारी है.' बाद में कहा कि वह अमेरिका और फिलिस्तीनी अधिकारियों के संपर्क में हैं. वहीं फलस्तीनी प्राधिकरण ने हमले की निंदा की और कहा कि यह इज़राइली बल द्वारा किया गया एक 'चौंकाने वाला अपराध' है.

भारी कीमत चुका रहे फलस्तीनी : फलिस्तीनी पत्रकार के रूप में इज़राइल के सैन्य कब्जे वाले क्षेत्र में कवरेज करना शिरीन अबू अकलेह के लिए स्वयं के अनुभवों के साथ अटूट रूप से जुड़ा हुआ था. उनकी मौत ये दर्शाती है कि फ़िलिस्तीनी लोग संघर्ष में भारी कीमत चुका रहे हैं, चाहे वह पत्रकार हों या नहीं. हालांकि वह एक अमेरिकी नागरिक भी थीं. अक्सर गर्मियों में अमेरिका जाती थीं. वह पूर्वी यरुशलम और वेस्ट बैंक में रहती थीं. शिरीन अबू अकलेह का परिवार मूल रूप से बेथलहम का था. उनका जन्म और पालन-पोषण यरुशलम में हुआ था. उनका एक भाई है.

'लोगों की आवाज दुनिया तक पहुंचा सकती हूं' : पिछले साल एक वीडियो जारी कर अबू अकलेह ने 2000-2005 के दौरान कवरेज के दौरान मौत के खतरे का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था कि 'खतरों के बावजूद हम काम करने के लिए दृढ़ हैं, मैंने पत्रकारिता चुनी ताकि लोगों के करीब रह सकूं, वास्तविकता को बदलना आसान नहीं हो सकता है, लेकिन कम से कम मैं उनकी आवाज़ को दुनिया तक पहुंचाने में सक्षम हूं.

ज़बरदस्त अरबी समाचार नेटवर्क अल जज़ीरा शुरू होने के ठीक एक साल बाद अबू अकलेह 1997 में उससे जुड़ गईं. उन्होंने गाजा में युद्ध की रिपोर्टिंग की. 2006 में लेबनान के साथ इज़राइल के युद्ध की रिपोर्टिंग की. लोगों का घरों से पलायन देखा. फलिस्तीनी युवाओं की हत्या, इजरायल की जेलों में बिना किसी आरोप के बंद करने और यहूदी बस्तियों के निरंतर विस्तार की रिपोर्टिंग की. लंबे समय तक उनके साथ प्रोड्यूसर रहे वेसम हम्माद ने कहा कि 'दबाव में शांत रहकर काम करने की उनमें अविश्वसनीय क्षमता थी. शिरीन ने वर्षों तक हमारे पेशे के मूल्यों और नैतिकता के प्रति प्रतिबद्धता के साथ काम किया. उन्होंने अबू अकलेह के बारे में कहा कि वह फलिस्तीन में अलजजीरा नेटवर्क का चेहरा थीं.' उनके साथ किए काम को याद करते हुए वेसम हम्माद ने कहा कि कई स्टोरी साथ कवर की. इस दौरान इजरायली क्रॉस-फायर में पकड़े गए. एक बार उनकी कार में आंसू गैस के गोले आ गिरे, जिससे सांस लेने में दिक्कत हुई.

रिपोर्टिंग के दौरान रो पड़ी महिला संवाददाता : जेनिन शरणार्थी शिविर के बाहरी इलाके में अबू अकलेह के सिर में गोली लगने के बाद की तस्वीरें अल जज़ीरा और अन्य अरबी समाचार चैनलों के साथ अन्य चैनलों पर प्रसारित की गईं. एक वीडियो वेस्ट बैंक अस्पताल का सामने आया है, जहां उन्हें मृत घोषित किया गया. एक सहकर्मी अस्पताल में उनके बेड के पास रो रहा था. वहीं, गाजा पट्टी में अल जज़ीरा की एक महिला संवाददाता रिपोर्टिंग के दौरान रो पड़ी.

घटना की दुनियाभर में निंदा : फलिस्तीनी झंडे में लिपटा और फूल-माला से ढका अकलेह का पार्थिव शरीर रामल्लाह शहर के बीचोबीच से जाया गया. सैकड़ों लोगों ने नारा दिया, 'शिरीन अपनी आत्मा से, अपने खून से हम आपको छुड़ाएंगे' दुनिया भर की सरकारों ने घटना की निंदा की है. अमेरिकी विदेश विभाग ने उनकी मौत को 'मीडिया की स्वतंत्रता का अपमान' कहा. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि वह 'हत्या से स्तब्ध हैं.'

इज़राइली अखबार हारेत्ज़ में स्तंभकार गिदोन लेवी ने उनकी बहादुरी की प्रशंसा करते हुए कहा, 'अबू अकलेह एक नायक की मृत्यु हो गई, वह अपना काम कर रही थी. वह जेनिन और अन्य कब्जे वाले क्षेत्रों में गईं जहां इजरायल के पत्रकार शायद ही कभी कभी गए हों. हाल ही में उन्होंने अपने एक सहकर्मी को ईमेल किया था कि वह इजरायली सैन्य छापे की रिपोर्ट की जांच करने जेनिन शरणार्थी शिविर जा रही हैं. उन्होंने लिखा, 'तस्वीर साफ होते ही मैं आपके लिए खबर लाऊंगी.'

पढ़ें- वेस्ट बैंक में इज़राइली सेना की कार्रवाई में अल-जज़ीरा की पत्रकार की मौत

यरुशलम : अल-जज़ीरा की पत्रकार शिरीन अबू अकलेह की बुधवार को तड़के वेस्ट बैंक में गोली लगने से मौत हो गई. वह उत्तरी वेस्ट बैंक के जेनिन कस्बे में कवरेज करने गई थीं. इज़राइली सेना की कार्रवाई के दौरान हुई गोलीबारी में शिरीन अबू अकलेह की मौत हो गई. मशहूर फलस्तीनी पत्रकार शिरीन अबू अकलेह अरबी भाषी चैनल की एक जानी-मानी रिपोर्टर थीं. 51 साल की शिरीन अबू अकलेह मध्य पूर्व की उन सम्मानित पत्रकारों में थीं, जो अपने खास कवरेज के लिए जानी जाती थीं. शिरीन अबू अकलेह की मौत पर कई देशों ने शोक जताया है.

दो दशक से अधिक समय से फलिस्तीनी क्षेत्रों में रिपोर्टिंग करने वाले अल जज़ीरा चैनल में शिरीन अबू अकलेह की अलग ही पहचान थी. वह जुझारू पत्रकार थीं. अबू अकलेह का नाम बुधवार को अरबी भाषा में पूरे ट्विटर पर ट्रेंड कर गया. उनकी फोटो वेस्ट बैंक शहर रामल्लाह में मुख्य चौक पर प्रदर्शित की गई. अल जज़ीरा कार्यालयों और पूर्वी यरुशलम में उनके घर शोक जताने वाले उमड़ पड़े.

इज़राइल के विदेश मंत्री याइर लापिड ने कहा कि फलस्तीनी प्राधिकरण को रिपोर्टर की मौत की संयुक्त जांच का प्रस्ताव दिया है. उन्होंने ट्वीट किया, 'पत्रकारों को संघर्ष वाले क्षेत्रों में सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए. सच्चाई का पता लगाना हम सभी की जिम्मेदारी है.' बाद में कहा कि वह अमेरिका और फिलिस्तीनी अधिकारियों के संपर्क में हैं. वहीं फलस्तीनी प्राधिकरण ने हमले की निंदा की और कहा कि यह इज़राइली बल द्वारा किया गया एक 'चौंकाने वाला अपराध' है.

भारी कीमत चुका रहे फलस्तीनी : फलिस्तीनी पत्रकार के रूप में इज़राइल के सैन्य कब्जे वाले क्षेत्र में कवरेज करना शिरीन अबू अकलेह के लिए स्वयं के अनुभवों के साथ अटूट रूप से जुड़ा हुआ था. उनकी मौत ये दर्शाती है कि फ़िलिस्तीनी लोग संघर्ष में भारी कीमत चुका रहे हैं, चाहे वह पत्रकार हों या नहीं. हालांकि वह एक अमेरिकी नागरिक भी थीं. अक्सर गर्मियों में अमेरिका जाती थीं. वह पूर्वी यरुशलम और वेस्ट बैंक में रहती थीं. शिरीन अबू अकलेह का परिवार मूल रूप से बेथलहम का था. उनका जन्म और पालन-पोषण यरुशलम में हुआ था. उनका एक भाई है.

'लोगों की आवाज दुनिया तक पहुंचा सकती हूं' : पिछले साल एक वीडियो जारी कर अबू अकलेह ने 2000-2005 के दौरान कवरेज के दौरान मौत के खतरे का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था कि 'खतरों के बावजूद हम काम करने के लिए दृढ़ हैं, मैंने पत्रकारिता चुनी ताकि लोगों के करीब रह सकूं, वास्तविकता को बदलना आसान नहीं हो सकता है, लेकिन कम से कम मैं उनकी आवाज़ को दुनिया तक पहुंचाने में सक्षम हूं.

ज़बरदस्त अरबी समाचार नेटवर्क अल जज़ीरा शुरू होने के ठीक एक साल बाद अबू अकलेह 1997 में उससे जुड़ गईं. उन्होंने गाजा में युद्ध की रिपोर्टिंग की. 2006 में लेबनान के साथ इज़राइल के युद्ध की रिपोर्टिंग की. लोगों का घरों से पलायन देखा. फलिस्तीनी युवाओं की हत्या, इजरायल की जेलों में बिना किसी आरोप के बंद करने और यहूदी बस्तियों के निरंतर विस्तार की रिपोर्टिंग की. लंबे समय तक उनके साथ प्रोड्यूसर रहे वेसम हम्माद ने कहा कि 'दबाव में शांत रहकर काम करने की उनमें अविश्वसनीय क्षमता थी. शिरीन ने वर्षों तक हमारे पेशे के मूल्यों और नैतिकता के प्रति प्रतिबद्धता के साथ काम किया. उन्होंने अबू अकलेह के बारे में कहा कि वह फलिस्तीन में अलजजीरा नेटवर्क का चेहरा थीं.' उनके साथ किए काम को याद करते हुए वेसम हम्माद ने कहा कि कई स्टोरी साथ कवर की. इस दौरान इजरायली क्रॉस-फायर में पकड़े गए. एक बार उनकी कार में आंसू गैस के गोले आ गिरे, जिससे सांस लेने में दिक्कत हुई.

रिपोर्टिंग के दौरान रो पड़ी महिला संवाददाता : जेनिन शरणार्थी शिविर के बाहरी इलाके में अबू अकलेह के सिर में गोली लगने के बाद की तस्वीरें अल जज़ीरा और अन्य अरबी समाचार चैनलों के साथ अन्य चैनलों पर प्रसारित की गईं. एक वीडियो वेस्ट बैंक अस्पताल का सामने आया है, जहां उन्हें मृत घोषित किया गया. एक सहकर्मी अस्पताल में उनके बेड के पास रो रहा था. वहीं, गाजा पट्टी में अल जज़ीरा की एक महिला संवाददाता रिपोर्टिंग के दौरान रो पड़ी.

घटना की दुनियाभर में निंदा : फलिस्तीनी झंडे में लिपटा और फूल-माला से ढका अकलेह का पार्थिव शरीर रामल्लाह शहर के बीचोबीच से जाया गया. सैकड़ों लोगों ने नारा दिया, 'शिरीन अपनी आत्मा से, अपने खून से हम आपको छुड़ाएंगे' दुनिया भर की सरकारों ने घटना की निंदा की है. अमेरिकी विदेश विभाग ने उनकी मौत को 'मीडिया की स्वतंत्रता का अपमान' कहा. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि वह 'हत्या से स्तब्ध हैं.'

इज़राइली अखबार हारेत्ज़ में स्तंभकार गिदोन लेवी ने उनकी बहादुरी की प्रशंसा करते हुए कहा, 'अबू अकलेह एक नायक की मृत्यु हो गई, वह अपना काम कर रही थी. वह जेनिन और अन्य कब्जे वाले क्षेत्रों में गईं जहां इजरायल के पत्रकार शायद ही कभी कभी गए हों. हाल ही में उन्होंने अपने एक सहकर्मी को ईमेल किया था कि वह इजरायली सैन्य छापे की रिपोर्ट की जांच करने जेनिन शरणार्थी शिविर जा रही हैं. उन्होंने लिखा, 'तस्वीर साफ होते ही मैं आपके लिए खबर लाऊंगी.'

पढ़ें- वेस्ट बैंक में इज़राइली सेना की कार्रवाई में अल-जज़ीरा की पत्रकार की मौत

Last Updated : May 12, 2022, 1:15 PM IST
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