इस्लामाबाद: अफगान तालिबान ने पाकिस्तान सरकार से प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ वार्ता का दूसरा दौर शुरू करने को कहा है. मीडिया में शनिवार को आई एक खबर से यह जानकारी मिली है. काबुल में अफगान तालिबान के एक शीर्ष नेता ने पाकिस्तान सरकार से कहा कि उसे लड़ाई की जगह शांति को वरीयता देनी चाहिए.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की खबर के अनुसार पाकिस्तान ने यह स्पष्ट संदेश देने के लिए इस हफ्ते अपने विशेष दूत को तीन दिनों की यात्रा पर काबुल भेजा था कि अफगानिस्तान की तालिबान नीत अंतरिम सरकार को टीटीपी के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करनी होगी. टीटीपी पर पाकिस्तान में कई बड़े आतंकवादी हमले करने का आरोप है.
विशेष दूत राजदूत असद दुर्रानी ने अपनी यात्रा के दौरान अफगानिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मौलवी अब्दुल कबीर, कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी और अन्य अधिकारियों के साथ भेंटवार्ता की. लेकिन कई बैठकों के बाद अफगान तालिबान ने उनसे कहा कि पाकिस्तान को बलप्रयोग के स्थान पर शांति के मार्ग पर बढ़ना चाहिए.
बंद कमरे में हुई इन भेंटवार्ताओं से अवगत आधिकारिक सूत्रों ने अखबार को बताया कि अफगान तालिबान नेतृत्व को स्पष्ट शब्दों में बताया गया कि टीटीपी पर पाकिस्तान के सब्र का बांध टूटता जा रहा है.
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इस मुद्दे पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जाहरा ने भी इस सप्ताह अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, 'आतंकवाद का मुद्दा...पाकिस्तान के गंभीर चिंता का मुद्दा है. और पाकिस्तान ने कई मौकों पर अफगान अधिकारियों के समक्ष यह मुद्दा उठाया है. पाकिस्तान और अफगान के अंतरिम प्रशासन के बीच जब कभी अहम बातचीत हुई, पाकिस्तान ने यह मुद्दा उठाया.'
उन्होंने कहा, 'अफगान धरती से उत्पन्न हो रहे आतंकवाद के खतरे पर हमने चर्चा की है.' उनसे सवाल किया गया था कि क्या दुर्रानी ने अफगान अधिकारियों के समक्ष सीमापार से होने वाले आतंकवाद का मुद्दा उठाया था. टीटीपी के हमले बढ़ाने और वार्ता के पूर्व के दौर का फायदा उठाने के बाद पाकिस्तान ने शांति प्रक्रिया छोड़ दी थी. अफगान तालिबान के 2021 में काबुल की सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान में टीटीपी के हमले में काफी वृद्धि हुई है.
(पीटीआई-भाषा)