ताइपे: ताइवान में सोमवार सुबह 6.0 तीव्रता का भूकंप आया. इस दौरान जान माल के किसी तरह के नुकसान की तत्काल कोई खबर नहीं है.
ताइवान के ‘सेंट्रल वेदर ब्यूरो’ ने बताया कि सुबह नौ बजकर पांच मिनट पर हुलैन काउंटी में भूकंप आया. उसका केंद्र 6.8 किलोमीटर गहराई में था.
चीन के सरकारी प्रसारक ‘सीसीटीवी’ के अनुसार, भूकंप के झटके उत्तरी ताइपे सहित लगभग पूरे द्वीप में महसूस किए गए. ताइवान जलडमरूमध्य में भी इसका असर दिखा. इससे पहले जनवरी महीने में ताइवान के उत्तरी भाग में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. इसमें किसी जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ था. अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई थी. उसका केन्द्र द्वीप के पूर्वी तट में हुआलीन शहर के पूर्व में समुद्र तल से 28.7 किलोमीटर की गहराई में था.
क्यों आता है भूकंप: धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं. ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है, जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है. ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर हिलती रहती हैं. जब ये प्लेट बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है. इस दौरान एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे आ जाती है.
ये भी पढ़ें- एयरपोर्ट पर सूटकेस का 'अंबार', इधर-उधर भटकते रहे यात्री
भूकंप की तीव्रता का अंदाजा केंद्र (एपीसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है. इन तरंगों से सैंकड़ो किलोमीटर तक कंपन होता है और धरती में दरारें तक पड़ जाती है. अगर भूकंप की गहराई उथली हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे भयानक तबाही होती है, लेकिन जो भूकंप धरती की गहराई में आते हैं, उनसे सतह पर ज्यादा नुकसान नहीं होता. समुद्र में भूकंप आने पर ऊंची और तेज लहरें उठती हैं, जिसे सुनामी भी कहते हैं.
(इनपुट एजेंसी)