वाशिंगटन: इजराइल में जारी हिंसा के परिणामस्वरुप कम से कम 27 अमेरिकियों की मौत हो गई और 14 लोग अभी भी लापता हैं. व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी. व्हाइट हाउस ने घोषणा की है कि अमेरिका हिंसा ग्रस्त यहूदी राष्ट्र से अपने नागरिकों को निकालने के लिए चार्टर विमान भेजेगा. फलस्तीनी आतंकवादी समूह हमास ने शनिवार को दक्षिणी इजराइल पर ताबड़तोड़ हवाई हमले किए थे, जिसके जवाब में इजराइली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने हमास के मुख्य ठिकानों को निशाना बनाकर कार्रवाई की.
अभी तक इजराइल और गाजा पट्टी में दो हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और दोनों पक्षों के बीच इस संघर्ष को सबसे विनाशकारी संघर्ष बताया जा रहा है. भारत इजराइल से अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने वाला पहला देश है. व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के रणनीतिक संचार के समन्वयक जॉन किर्बी ने कहा, 'हम मौजूदा वक्त में इजराइल के लिए व्यावसायिक उड़ानों की सीमित उपलब्धता और वहां मौजूद अमेरिकियों द्वारा बाहर निकाले जाने की मांग को लेकर भलीभांति वाकिफ हैं. राष्ट्रपति ने अपनी टीम से उन अमेरिकी नागरिकों की सहायता सुनिश्चित करने को कहा है, जो इजराइल छोड़ना चाहते हैं और उन्हें सुरक्षित वापस लाने का निर्देश दिया है.'
उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा, 'इजराइल से यूरोप के लिए परिवहन मुहैया कराने के लिए कल (शुक्रवार) से अमेरिकी सरकार चार्टर विमानों की व्यवस्था करना शुरू करेगी.'
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वहीं, आज इजरायली डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि देश की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई है. इसके लिए मिलिट्री चीफ ने आईडीएफ को जिम्मेदार ठहराया है. इजरायली मिलिट्री चीफ ने कहा कि हमास को जड़ से खत्म करने के लिए हमारी सेना जी-जान से जुटी है. हमारा एकमात्र उद्देश्य हमास के आतंकियों को समाप्त करना है. वहीं, दुनिया के कई देशों ने इजरायल को अपना समर्थन दिया है. इससे इतर ईरान ने फिलिस्तीन को अपना समर्थन देने की बात कही है.