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ब्रिटेन में आम चुनाव के लिए मतदान, मैदान में 3322 उम्मीदवार - हाउस ऑफ कॉमंस

ब्रिटेन में पांच सालों में कम से कम तीसरी बार आम चुनाव हुए. यह चुनाव ब्रेक्जिट के गतिरोध को दूर करने के लिए कराए गए. अंतरराष्ट्रीय समयानुसार रात 10 बजे मतदान खत्म हुआ. अधिकतर नतीजे शुक्रवार सुबह तक घोषित हो जाएंगे. पढ़ें विस्तार से...

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ब्रिटेन में 'ब्रेक्जिट' के मुद्दे के बीच मतदान शुरू
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Published : Dec 12, 2019, 3:27 PM IST

Updated : Dec 13, 2019, 9:11 AM IST

लंदन : ब्रिटेन में ब्रेक्जिट के गतिरोध को दूर करने के लिए आम चुनाव हुए. 'ब्रेक्जिट' यानी यूरोपियन संघ से अलग होने के मुद्दे पर 2016 में हुए जनमत संग्रह के बाद से देश की राजनीति शिथिल पड़ गई है. पांच साल से कम समय में तीसरी बार आम चुनाव हो रहे हैं.

गुरुवार को इंग्लैंड, वेल्स, स्कॉटलैंड और नॉर्दर्न आयरलैंड के सभी निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान केंद्र अंतरराष्ट्रीय समयानुसार सुबह सात बजे शुरू हो गए. अंतरराष्ट्रीय समयानुसार रात 10 बजे मतदान खत्म हुए.

ब्रिटेन की संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमंस में 650 सीटों के लिए इस साल 3,322 उम्मीदवार चुनाव में खड़े हुए हैं. अगर हाउस ऑफ कॉमंस में किसी पार्टी के आधे सांसद (326) चुनकर आते हैं तो वही पार्टी आमतौर पर सरकार बनाती है. अगर किसी भी पार्टी के पास बहुमत नहीं है तो वह एक या दो अन्य दलों के अधिकतर सांसदों का गठबंधन बनाकर सरकार बना सकती है.

पढ़ें : BREXIT को लेकर दिये गए PM जॉनसन के बयान पर सांसदों की तीखी आलोचना

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अपनी पार्टी के 'ब्रेक्जिट पूरा हो' के संदेश पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं जबकि विपक्षी दल अंतिम ब्रेक्जिट समझौते पर फिर से जनमत संग्रह कराना चाहते हैं और वे घरेलू मुद्दों जैसे कि संकटग्रस्त सरकार पोषित राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.

31 अक्टूबर की अंतिम समयसीमा तक ब्रेक्जिट लागू करने में नाकाम रहने के बाद जॉनसन ने 12 दिसंबर को चुनाव कराने की घोषणा कर दी थी.

लंदन : ब्रिटेन में ब्रेक्जिट के गतिरोध को दूर करने के लिए आम चुनाव हुए. 'ब्रेक्जिट' यानी यूरोपियन संघ से अलग होने के मुद्दे पर 2016 में हुए जनमत संग्रह के बाद से देश की राजनीति शिथिल पड़ गई है. पांच साल से कम समय में तीसरी बार आम चुनाव हो रहे हैं.

गुरुवार को इंग्लैंड, वेल्स, स्कॉटलैंड और नॉर्दर्न आयरलैंड के सभी निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान केंद्र अंतरराष्ट्रीय समयानुसार सुबह सात बजे शुरू हो गए. अंतरराष्ट्रीय समयानुसार रात 10 बजे मतदान खत्म हुए.

ब्रिटेन की संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमंस में 650 सीटों के लिए इस साल 3,322 उम्मीदवार चुनाव में खड़े हुए हैं. अगर हाउस ऑफ कॉमंस में किसी पार्टी के आधे सांसद (326) चुनकर आते हैं तो वही पार्टी आमतौर पर सरकार बनाती है. अगर किसी भी पार्टी के पास बहुमत नहीं है तो वह एक या दो अन्य दलों के अधिकतर सांसदों का गठबंधन बनाकर सरकार बना सकती है.

पढ़ें : BREXIT को लेकर दिये गए PM जॉनसन के बयान पर सांसदों की तीखी आलोचना

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अपनी पार्टी के 'ब्रेक्जिट पूरा हो' के संदेश पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं जबकि विपक्षी दल अंतिम ब्रेक्जिट समझौते पर फिर से जनमत संग्रह कराना चाहते हैं और वे घरेलू मुद्दों जैसे कि संकटग्रस्त सरकार पोषित राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.

31 अक्टूबर की अंतिम समयसीमा तक ब्रेक्जिट लागू करने में नाकाम रहने के बाद जॉनसन ने 12 दिसंबर को चुनाव कराने की घोषणा कर दी थी.

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ब्रिटेन में 'ब्रेक्जिट' के मुद्दे के बीच मतदान शुरू

लंदन, 12 दिसंबर (भाषा) ब्रिटेन में ब्रेक्जिट के गतिरोध को दूर करने के लिए बृहस्पतिवार को आम चुनाव हुए. 'ब्रेक्जिट' यानी यूरोपियन संघ से अलग होने के मुद्दे पर 2016 में हुए जनमत संग्रह के बाद से देश की राजनीति शिथिल पड़ गई है. पांच साल से कम समय में तीसरी बार आम चुनाव हो रहे हैं.

ब्रिटेन की संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमंस में 650 सीटों के लिए इस साल 3,322 उम्मीदवार चुनाव में खड़े हुए हैं. इंग्लैंड, वेल्स, स्कॉटलैंड और नॉर्दर्न आयरलैंड के सभी निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान केंद्र अंतरराष्ट्रीय समयानुसार सुबह सात बजे शुरू हो गए.

अंतरराष्ट्रीय समयानुसार रात 10 बजे मतदान खत्म होने पर मतगणना शुरू होगी. अधिकतर नतीजे शुक्रवार सुबह तक घोषित हो जाएंगे.

अगर हाउस ऑफ कॉमंस में किसी पार्टी के आधे सांसद (326) चुनकर आते हैं तो वही पार्टी आमतौर पर सरकार बनाती है. अगर किसी भी पार्टी के पास बहुमत नहीं है तो वह एक या दो अन्य दलों के अधिकतर सांसदों का गठबंधन बनाकर सरकार बना सकती है.

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अपनी पार्टी के 'ब्रेक्जिट पूरा हो' के संदेश पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं जबकि विपक्षी दल अंतिम ब्रेक्जिट समझौते पर फिर से जनमत संग्रह कराना चाहते हैं और वे घरेलू मुद्दों जैसे कि संकटग्रस्त सरकार पोषित राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.

31 अक्टूबर की अंतिम समयसीमा तक ब्रेक्जिट लागू करने में नाकाम रहने के बाद जॉनसन ने 12 दिसंबर को चुनाव कराने की घोषणा कर दी थी.


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Last Updated : Dec 13, 2019, 9:11 AM IST
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