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ब्रिटेन में संसदीय उपचुनाव में प्रधानमंत्री जॉनसन की कंजर्वेटिव पार्टी की हार

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (British Prime Minister Boris Johnson's) की कंजर्वेटिव पार्टी को संसदीय उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा है. संसद में 80-सीटों के अपराजेय बहुमत के साथ फिर से चुने जाने के दो साल बाद ही जॉनसन पर इस परिणाम से दबाव बढ़ जाएगा.

British Prime Minister Boris Johnson
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (फाइल फोटो)
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Published : Dec 17, 2021, 6:33 PM IST

लंदन : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (British Prime Minister Boris Johnson's) की कंजर्वेटिव पार्टी को संसदीय उपचुनाव में आश्चर्यजनक रूप से हार का सामना करना पड़ा है, जो कि कथित घोटालों और बढ़ते कोविड-19 संक्रमणों के बीच उनकी सरकार के संबंध में एक जनमत संग्रह की तरह था.

नॉर्थ श्रॉपशायर की सीट के लिए लिबरल डेमोक्रेट उम्मीदवार, हेलेन मॉर्गन ने कंजर्वेटिव उम्मीदवार पर जीत दर्ज की. उत्तरपश्चिम इंग्लैंड में एक ग्रामीण क्षेत्र नॉर्थ श्रॉपशायर का लगातार 1832 से कंजर्वेटिव पार्टी ही प्रतिनिधित्व कर रही थी.

संसद में 80-सीटों के अपराजेय बहुमत के साथ फिर से चुने जाने के दो साल बाद ही जॉनसन पर इस परिणाम से दबाव बढ़ जाएगा. उनकी सरकार को हाल में कई आरोपों का सामना करना पड़ा है. उनके अधिकारियों और कर्मचारियों पर पिछले साल क्रिसमस की पार्टियों में भाग लेने का आरोप हैं जबकि उस समय देश में लॉकडाउन लागू था. जीत के बाद मॉर्गन ने अपने भाषण में कहा, 'आज रात नॉर्थ श्रॉपशायर के लोगों ने ब्रिटिश लोगों की ओर से बात की है.'

ये भी पढ़ें - भारत और ब्रिटेन स्वाभाविक साझेदार : बोरिस जॉनसन

उन्होंने कहा, 'जनता ने स्पष्ट किया है कि बोरिस जॉनसन की पार्टी खत्म हो गई है. झूठ और घोटालों पर चलने वाली आपकी सरकार को जवाबदेह ठहराया जाएगा. इसकी जांच की जाएगी, इसे चुनौती दी जाएगी, और इसे हराया जा सकता है और ऐसा होगा.' बृहस्पतिवार का नतीजा इस साल कंजर्वेटिव पार्टी की उपचुनाव में दूसरी हार है. जून में, लिबरल डेमोक्रेट सारा ग्रीन ने लंदन के उत्तर-पश्चिम में एक निर्वाचन क्षेत्र चेशम और एमर्शम में उपचुनाव जीता था, जो एक कंजर्वेटिव का गढ़ रहा है.

वर्ष 1983 से कंजर्वेटिव सांसद रोजर गेल ने कहा कि नॉर्थ श्रॉपशायर का परिणाम एक स्पष्ट संकेत है कि जॉनसन सरकार चलाने के तरीके से जनता असंतुष्ट है. उन्होंने 'बीबीसी' से कहा, 'मुझे लगता है कि इसे प्रधानमंत्री के प्रदर्शन पर एक जनमत संग्रह के रूप में देखा जाना चाहिए.' संसद के एक अन्य कंजर्वेटिव सदस्य चार्ल्स वॉकर ने कहा कि परिणाम उस गुस्से और नाराजगी को दिखाते है जो लोग महामारी के दो साल बाद महसूस कर रहे हैं.

(पीटीआई-भाषा)

लंदन : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (British Prime Minister Boris Johnson's) की कंजर्वेटिव पार्टी को संसदीय उपचुनाव में आश्चर्यजनक रूप से हार का सामना करना पड़ा है, जो कि कथित घोटालों और बढ़ते कोविड-19 संक्रमणों के बीच उनकी सरकार के संबंध में एक जनमत संग्रह की तरह था.

नॉर्थ श्रॉपशायर की सीट के लिए लिबरल डेमोक्रेट उम्मीदवार, हेलेन मॉर्गन ने कंजर्वेटिव उम्मीदवार पर जीत दर्ज की. उत्तरपश्चिम इंग्लैंड में एक ग्रामीण क्षेत्र नॉर्थ श्रॉपशायर का लगातार 1832 से कंजर्वेटिव पार्टी ही प्रतिनिधित्व कर रही थी.

संसद में 80-सीटों के अपराजेय बहुमत के साथ फिर से चुने जाने के दो साल बाद ही जॉनसन पर इस परिणाम से दबाव बढ़ जाएगा. उनकी सरकार को हाल में कई आरोपों का सामना करना पड़ा है. उनके अधिकारियों और कर्मचारियों पर पिछले साल क्रिसमस की पार्टियों में भाग लेने का आरोप हैं जबकि उस समय देश में लॉकडाउन लागू था. जीत के बाद मॉर्गन ने अपने भाषण में कहा, 'आज रात नॉर्थ श्रॉपशायर के लोगों ने ब्रिटिश लोगों की ओर से बात की है.'

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उन्होंने कहा, 'जनता ने स्पष्ट किया है कि बोरिस जॉनसन की पार्टी खत्म हो गई है. झूठ और घोटालों पर चलने वाली आपकी सरकार को जवाबदेह ठहराया जाएगा. इसकी जांच की जाएगी, इसे चुनौती दी जाएगी, और इसे हराया जा सकता है और ऐसा होगा.' बृहस्पतिवार का नतीजा इस साल कंजर्वेटिव पार्टी की उपचुनाव में दूसरी हार है. जून में, लिबरल डेमोक्रेट सारा ग्रीन ने लंदन के उत्तर-पश्चिम में एक निर्वाचन क्षेत्र चेशम और एमर्शम में उपचुनाव जीता था, जो एक कंजर्वेटिव का गढ़ रहा है.

वर्ष 1983 से कंजर्वेटिव सांसद रोजर गेल ने कहा कि नॉर्थ श्रॉपशायर का परिणाम एक स्पष्ट संकेत है कि जॉनसन सरकार चलाने के तरीके से जनता असंतुष्ट है. उन्होंने 'बीबीसी' से कहा, 'मुझे लगता है कि इसे प्रधानमंत्री के प्रदर्शन पर एक जनमत संग्रह के रूप में देखा जाना चाहिए.' संसद के एक अन्य कंजर्वेटिव सदस्य चार्ल्स वॉकर ने कहा कि परिणाम उस गुस्से और नाराजगी को दिखाते है जो लोग महामारी के दो साल बाद महसूस कर रहे हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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