मॉस्को : रूस के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को अमेरिकी अधिकारियों के एक दावे का खंडन किया है, जिन्होंने रूस पर कोरोना वायरस फैलाने का आरोप लगाया था.
दरअसल सोशल हैंडल के जरिए ऐसा दावा किया जा रहा था कि कोरोना वायरस के पीछे अमेरिका का हाथ है, वहीं अमेरिकी विदेश विभाग का कहना है कि यह सोशल मीडिया रूस से जुड़े हुए हैं, जो हमारी छवि खराब करने के लिए प्रोपेगेंडा फैला रहे हैं. अमेरिका का कहना है कि इससे कोरोना से लड़ने में वैश्विक लड़ाई प्रभावित हो रही है.
वहीं रूसी विदेश मंत्रालय ने शनिवार को अमेरिकी अधिकारियों ने दावे का खंडन किया कि रूसी-जुड़े सोशल मीडिया अकाउंट नए कोरोनो वायरस के बारे में अलार्म फैलाने के लिए समन्वित प्रयास कर रहे थे, आरोपों को जानबूझकर भ्रामक बताया. यह एक जानबूझकर गढ़ी गई झूठी कहानी है.'
प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने TASS राज्य समाचार एजेंसी को रूस की पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया के बारे में बताया, जिसमें अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया था कि रूसी विघटन का मुकाबला करने के लिए विदेश विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम को बढ़ावा देने के लिए हजारों झूठे व्यक्तियों का इस्तेमाल किया जा रहा था.
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फिलिप रेकर ने कहा, कई षड़यंत्रों में लिखी गई COVID-19 के प्रकोप के पीछे अमेरिका की साजिशों को निराधार बताया गया था. 'रूस की मंशा है कि वह अमेरिकी संस्थाओं और भीतर से गठजोड़ को कम करके बोले, जिसमें गुप्त और जबरदस्ती घातक प्रभाव अभियान शामिल हैं'.
यूरोप और यूरेशिया के लिए सहायक विदेश मंत्री के कार्यवाहक 'कोरोनावायरस, रूसी के बारे में कीटाणुशोधन फैलाकर एक बार फिर वैश्विक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया से ध्यान हटाकर सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालने का विकल्प चुन रहे हैं.'