पेरिस: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ विरोध तेज होता जा रहा है. आक्रोशित लोगों ने भारी संख्या में नाराजगी जाहिर करते हुए पेरिस में 'येलो वेस्ट' प्रदर्शन के तहत मार्च निकाला. आयोजकों की ऑनलाइन अपील में इसे सरकार के लिए 'अंतिम चेतावनी' करार दिया गया.
बता दें कि फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के खिलाफ 'येलो वेस्ट' प्रदर्शन गत 18 सप्ताह से जारी है. विरोध प्रदर्शन में लोगों की संख्या कम होने के बाद शनिवार को 'येलो वेस्ट' समूह ने पेरिस के अलावा फ्रांस के अलग-अलग जगहों पर दर्जनों रैलियां निकालीं.
शनिवार को उस राष्ट्रीय बहस के भी दो महीने पूरे हो गए, जिसे राष्ट्रपति मैक्रों ने प्रदर्शनकारियों की मांगों के मद्देनजर शुरू किया था.
प्रदर्शनकारियों ने बहस को खारिज करते हुए कहा कि मई में होने वाले यूरोपीय संसद के चुनाव के मद्देनजर ये मैक्रों की चाल है.
प्रदर्शनकारी ने मैक्रों की नीतियों खास कर ऊंची कर दरों से नाराज हैं. उनका कहना है कि मैक्रों धनी लोगों के हितैषी हैं.
येलो वेस्ट प्रदर्शन में शामिल उत्तरी फ्रांस अंतर्गत इयूर इलाके के नागरिक मार्टिनी सोउस ने कहा 'जब तक हमें कोई परिणाम नहीं मिलता, हम विरोध जारी रखेंगे.'
मार्टिनी ने अपनी मांगें भी गिनाते हुए वेतन में बढ़ोतरी, पेंशन, क्रय शक्ति, फूड वेस्ट का जिक्र किया.
शनिवार के प्रदर्शन के बारे में आयोजकों ने लोगों से ऑनलाइन अपील की. इसमें कहा गया कि इस दिन का 'मकसद सरकार और शाक्तिशाली लोगों' को 'अंतिम चेतावनी' (ultimatum) देना है.
'येल्लो वेस्ट' आंदोलन तीन सप्ताह पहले ईंधन कर में बढ़ोतरी और यातायात के प्रदूषक कारकों पर कर में प्रस्तावित वृद्धि के खिलाफ शुरू हुआ था.
यह आंदोलन सोशल मीडिया पर पहली बार वंचित ग्रामीण इलाकों के नागरिकों द्वारा फेसबुक इवेंट्स के साथ शुरू हुआ था.
मुख्य रूप से 17 नवंबर, 2018 को इंधन की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ शुरू हुआ यह आंदोलन राष्ट्रपति इमानुअल मैक्रों सरकार की नीतियों के विरोध के रूप में विस्तारित हो गया.
प्रदर्शनकारी अधिक वेतन, कर में कमी, बेहतर पेंशन और यहां तक की राष्ट्रपति के इस्तीफा की भी मांग रहे हैं.
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान कई लोग शिक्षा पर सरकारी खर्च में वृद्धि, बुनियादी ढांचे में सुधार, अप्रवासन में कटौती और सार्वजनिक सेवाओं के निजीकरण को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं.
फ्रांस में जारी 'येलो वेस्ट्स' प्रदर्शन के मद्देनजर राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने गत 10 दिसंबर को श्रमिक संगठनों के नेताओं, व्यवसाइयों और वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की थी.
एलिसी पैलेस में हुई इस आपात बैठक में मैक्रों, प्रधानमंत्री एडुआडरे फिलिपे और श्रमिक नेताओं ने शिरकत की थी.
प्रदर्शनों के बीच बढ़ते नागरिक असंतोष और सामाजिक अशांति का समाधान निकालने की कोशिश की गई थी. हालांकि, इसके बाद भी लगातार विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं.