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ब्रेक्जिट के बाद वीजा पर नयी नीति वाला विधेयक ब्रिटेन की संसद में पेश

ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने कहा, विधेयक का ऐतिहासिक हिस्सा दशकों में पहली बार हमारे आव्रजन तंत्र पर ब्रिटेन को पूरा अधिकार देगा और यह ताकत भी मिलेगी कि कौन इस देश में आएगा. नई व्यवस्था अगले साल एक जनवरी से लागू होगी.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
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Published : May 19, 2020, 2:29 PM IST

लंदन : ब्रिटेन में वीजा और आव्रजन पर नई व्यवस्था वाला विधेयक सोमवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में पेश किया गया. इसमें किए गए प्रावधानों के तहत देश के आधार पर नहीं बल्कि कौशल के आधार पर काम के इच्छुक लोगों को वीजा प्रदान किए जाएंगे.

आव्रजन और सामाजिक सुरक्षा समन्वय (ईयू विड्रॉल) विधेयक 2020 को मार्च में सदन में रखा गया था लेकिन कोरोना वायरस संकट के कारण इस पर प्रगति नहीं हुई.

ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने कहा, विधेयक का ऐतिहासिक हिस्सा दशकों में पहली बार हमारे आव्रजन तंत्र पर ब्रिटेन को पूरा अधिकार देगा और यह ताकत भी मिलेगी कि कौन इस देश में आएगा.

भारतीय मूल की मंत्री ने कहा, हमारी नयी व्यवस्था पुख्ता, पारदर्शी और आसान है. हमारी अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने के लिए हमें जरूरत के लोग मिलेंगे और ज्यादा वेतन, उच्च कौशल, ज्यादा उत्पादक अर्थव्यवस्था की नींव पड़ेगी.

अगले साल एक जनवरी से लागू होने वाली नयी व्यवस्था के तहत ब्रिटेन में काम करने और रहने के वास्ते आवेदन करने के लिए कुल 70 नंबर की जरूरत होगी. इसमें पेशेवर कौशल पर, अंग्रेजी भाषा की जानकारी, नौकरी की पेशकश आदि के आधार पर अंक दिए जाएंगे.

बहरहाल, विपक्षी दलों और सरकार के आलोचकों ने विधेयक रखने के समय को लेकर चिंता व्यक्त की है क्योंकि कोरोना वायरस से अग्रिम मोर्चे पर लड़ रहे अधिकतर कर्मी यूरोपीय संघ के ही हैं.

लेबर पार्टी के शैडो होम सेक्रेटरी, निक थॉमस-साइमंड्स ने कहा कि योजनाएं उचित और राष्ट्रीय हित में नहीं है.

वहीं दूसरी तरफ विकसित स्कॉटिश सरकार के इमिग्रिशन (आव्रजन) मंत्री बेन मैकफर्सन ने भी पटेल को पत्र लिखकर उनसे योजनाओं को विराम देने और पुनर्विचार करने के लिए कहा है.

JCWI के मुख्य कार्यकारी सतबीर सिंह ने कहा कि फ्रंटलाइन पर ऐसे कर्मचारी, जिनमें देखभाल करने वाले और सुपरमार्केट के कर्मचारी शामिल हैं, वे अकुशल 'या अवांछित नहीं हैं अपितु हमारे देश की रीढ़ हैं और वे यह जानने के पात्र हैं कि यह स्थान उनका घर भी हो सकता है.

ब्रिटेन में आधारित छोटे व्यवसायों के एक समूह ने कोरोनो वायरस महामारी के साथ सामना करने और व्यवसाय से संबंधित एक संयुक्त पत्र प्रीति पटेल के समक्ष प्रस्तुत किया है.

लंदन : ब्रिटेन में वीजा और आव्रजन पर नई व्यवस्था वाला विधेयक सोमवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में पेश किया गया. इसमें किए गए प्रावधानों के तहत देश के आधार पर नहीं बल्कि कौशल के आधार पर काम के इच्छुक लोगों को वीजा प्रदान किए जाएंगे.

आव्रजन और सामाजिक सुरक्षा समन्वय (ईयू विड्रॉल) विधेयक 2020 को मार्च में सदन में रखा गया था लेकिन कोरोना वायरस संकट के कारण इस पर प्रगति नहीं हुई.

ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने कहा, विधेयक का ऐतिहासिक हिस्सा दशकों में पहली बार हमारे आव्रजन तंत्र पर ब्रिटेन को पूरा अधिकार देगा और यह ताकत भी मिलेगी कि कौन इस देश में आएगा.

भारतीय मूल की मंत्री ने कहा, हमारी नयी व्यवस्था पुख्ता, पारदर्शी और आसान है. हमारी अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने के लिए हमें जरूरत के लोग मिलेंगे और ज्यादा वेतन, उच्च कौशल, ज्यादा उत्पादक अर्थव्यवस्था की नींव पड़ेगी.

अगले साल एक जनवरी से लागू होने वाली नयी व्यवस्था के तहत ब्रिटेन में काम करने और रहने के वास्ते आवेदन करने के लिए कुल 70 नंबर की जरूरत होगी. इसमें पेशेवर कौशल पर, अंग्रेजी भाषा की जानकारी, नौकरी की पेशकश आदि के आधार पर अंक दिए जाएंगे.

बहरहाल, विपक्षी दलों और सरकार के आलोचकों ने विधेयक रखने के समय को लेकर चिंता व्यक्त की है क्योंकि कोरोना वायरस से अग्रिम मोर्चे पर लड़ रहे अधिकतर कर्मी यूरोपीय संघ के ही हैं.

लेबर पार्टी के शैडो होम सेक्रेटरी, निक थॉमस-साइमंड्स ने कहा कि योजनाएं उचित और राष्ट्रीय हित में नहीं है.

वहीं दूसरी तरफ विकसित स्कॉटिश सरकार के इमिग्रिशन (आव्रजन) मंत्री बेन मैकफर्सन ने भी पटेल को पत्र लिखकर उनसे योजनाओं को विराम देने और पुनर्विचार करने के लिए कहा है.

JCWI के मुख्य कार्यकारी सतबीर सिंह ने कहा कि फ्रंटलाइन पर ऐसे कर्मचारी, जिनमें देखभाल करने वाले और सुपरमार्केट के कर्मचारी शामिल हैं, वे अकुशल 'या अवांछित नहीं हैं अपितु हमारे देश की रीढ़ हैं और वे यह जानने के पात्र हैं कि यह स्थान उनका घर भी हो सकता है.

ब्रिटेन में आधारित छोटे व्यवसायों के एक समूह ने कोरोनो वायरस महामारी के साथ सामना करने और व्यवसाय से संबंधित एक संयुक्त पत्र प्रीति पटेल के समक्ष प्रस्तुत किया है.

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