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वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने घोषित किए 25 असाधारण शोधकर्ताओं के नाम

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने वैज्ञानिक खोज का प्रतिनिधित्व करने वाले 25 असाधारण शोधकर्ताओं के नामों का एलान कर दिया है. इन युवा वैज्ञानिकों को अनुसंधान उत्कृष्टता, नेतृत्व क्षमता और समाज के प्रति प्रतिबद्धता सहित कई मानदंडों के अनुसार प्रमुख अनुसंधान संस्थानों द्वारा नामित किया गया है.

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Published : May 27, 2020, 9:40 PM IST

जिनेवा : वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने आज वैज्ञानिक खोज का प्रतिनिधित्व करने वाले 25 असाधारण शोधकर्ताओं के नाम का एलान कर दिया है. युवा वैज्ञानिकों को ऐसे समय मान्यता दी गई है, जब साक्ष्य आधारित नीति की आवश्यकता स्पष्ट नहीं हो पाई है.

हालांकि कोविड-19 की चुनौती ने अनजाने में अन्य शोध कार्यों से वैज्ञानिकों का ध्यान हटा दिया है. वैश्विक मुद्दों को दबाए जाने की बजाए विज्ञान को भविष्यवाणी करने और व्याख्या करने की आवश्यकता है कि किस तरह अलग-अलग घटनाएं मानव और पारिस्थितिक परिणामों को प्रभावित करती हैं.

इन युवा वैज्ञानिकों को अनुसंधान उत्कृष्टता, नेतृत्व क्षमता और समाज के प्रति प्रतिबद्धता सहित कई मानदंडों के अनुसार प्रमुख अनुसंधान संस्थानों द्वारा नामित किया गया है.

इन वैज्ञानिकों को बाल मनोविज्ञान, रासायनिक समुद्रशास्त्र और कृत्रिम के अलग-अलग मुद्दों पर विज्ञान के ज्ञान और प्रैक्टिकल की सीमाओं का विस्तार करने में उनकी उपलब्धियों के आधार पर चुना गया है.

इस वर्ष चुने गए युवा वैज्ञानिकों में से आठ यूरोप में पढ़ाई करेंगे जबकि सात एशिया, छह अमेरिका, दो दक्षिण अफ्ररीका, और मध्य एशिया में पढ़ाई करेंगे. उल्लेखनीय यह है कि चुने गए कुल 25 वैज्ञानिकों में आधे से ज्यादा महिलाएं हैं.

पढ़ें - कोरोना वायरस : जीन में आए कई परिवर्तन, वैक्सीन बनाने में मिलेगी मदद

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम साइंस एंड सोसाइटी के प्रोग्राम का नेतृत्व कर रहीं एलिस हेजल्टन का कहना है, 'हम सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के नेताओं को विज्ञान के साथ बेहतर तरीके से जुड़ने में मदद करने के लिए 2020 में चुने गए युवा वैज्ञानिकों के साथ काम करने की आशा करते हैं.'

जिनेवा : वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने आज वैज्ञानिक खोज का प्रतिनिधित्व करने वाले 25 असाधारण शोधकर्ताओं के नाम का एलान कर दिया है. युवा वैज्ञानिकों को ऐसे समय मान्यता दी गई है, जब साक्ष्य आधारित नीति की आवश्यकता स्पष्ट नहीं हो पाई है.

हालांकि कोविड-19 की चुनौती ने अनजाने में अन्य शोध कार्यों से वैज्ञानिकों का ध्यान हटा दिया है. वैश्विक मुद्दों को दबाए जाने की बजाए विज्ञान को भविष्यवाणी करने और व्याख्या करने की आवश्यकता है कि किस तरह अलग-अलग घटनाएं मानव और पारिस्थितिक परिणामों को प्रभावित करती हैं.

इन युवा वैज्ञानिकों को अनुसंधान उत्कृष्टता, नेतृत्व क्षमता और समाज के प्रति प्रतिबद्धता सहित कई मानदंडों के अनुसार प्रमुख अनुसंधान संस्थानों द्वारा नामित किया गया है.

इन वैज्ञानिकों को बाल मनोविज्ञान, रासायनिक समुद्रशास्त्र और कृत्रिम के अलग-अलग मुद्दों पर विज्ञान के ज्ञान और प्रैक्टिकल की सीमाओं का विस्तार करने में उनकी उपलब्धियों के आधार पर चुना गया है.

इस वर्ष चुने गए युवा वैज्ञानिकों में से आठ यूरोप में पढ़ाई करेंगे जबकि सात एशिया, छह अमेरिका, दो दक्षिण अफ्ररीका, और मध्य एशिया में पढ़ाई करेंगे. उल्लेखनीय यह है कि चुने गए कुल 25 वैज्ञानिकों में आधे से ज्यादा महिलाएं हैं.

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वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम साइंस एंड सोसाइटी के प्रोग्राम का नेतृत्व कर रहीं एलिस हेजल्टन का कहना है, 'हम सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के नेताओं को विज्ञान के साथ बेहतर तरीके से जुड़ने में मदद करने के लिए 2020 में चुने गए युवा वैज्ञानिकों के साथ काम करने की आशा करते हैं.'

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