संयुक्त राष्ट्र : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चर्चा के दौरान कहा कि हिंसा में तत्काल कमी और असैन्य नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत अफगानिस्तान में स्थायी और व्यापक संघर्ष विराम चाहता है. उन्होंने पाकिस्तान के एक स्पष्ट संदर्भ में कहा कि अफगानिस्तान में स्थायी शांति के लिए आतंकियों के सुरक्षित पनाहगाह को तत्काल नष्ट करना चाहिए. उनकी आपूर्ति श्रृंखला बाधित की जानी चाहिए.
आतंकवाद के सभी रूपों तथा सीमा पार आतंकवाद समेत उसकी सभी अभिव्यक्तियों के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं किए जाने की नीति की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि अफगानिस्तान के क्षेत्र का उपयोग आतंकवादी समूहों द्वारा किसी अन्य देश को धमकाने या हमला करने के लिए नहीं किया जाए. आतंकवादी संगठनों को साजो-सामान और आर्थिक मदद पहुंचाने वालों को निश्चित रूप से जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि अंतर-अफगान वार्ता से अफगानिस्तान में हिंसा में कोई कमी नहीं आई है. जयशंकर ने कहा कि इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय और विशेष रूप से, यह परिषद हिंसा में तत्काल कमी सुनिश्चित करने के लिए एक स्थायी और व्यापक संघर्ष विराम और नागरिकों के जीवन की सुरक्षा के लिए दबाव डाले. उन्होंने कहा कि भारत अफगान सरकार और तालिबान के बीच वार्ता में तेजी लाने के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का समर्थन करता रहा है.
जयशंकर ने कहा कि यदि शांति प्रक्रिया को सफल होना है, तो यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि वार्ता करने वाले पक्ष अच्छी भावना के साथ इसमें शामिल रहें और इसका सैन्य समाधान खोजने का रास्ता बनाए और राजनीतिक समाधान तक पहुंचने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हों. उन्होंने कहा कि भारत वास्तविक राजनीतिक समाधान और अफगानिस्तान में एक व्यापक एवं स्थायी संघर्ष विराम की तरफ बढ़ाए गए किसी भी कदम का स्वागत करता है.
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हम संयुक्त राष्ट्र के लिए अग्रणी भूमिका का समर्थन करते हैं क्योंकि इससे स्थायी और टिकाऊ समाधान निकालने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि मैं एक समावेशी, अफगान-नेतृत्व वाली, अफगान-स्वामित्व वाली और अफगान-नियंत्रित शांति प्रक्रिया के लिए अपना समर्थन दोहराना चाहता हूं.
(पीटीआई-भाषा)