बर्लिन : जर्मनी के संसदीय चुनावों में मध्य-वामपंथी दल सोशल डेमोक्रेट्स और निवर्तमान चांसलर एंजेला मर्केल की पार्टी मध्य-दक्षिणपंथी दल यूनियन ब्लॉक के बीच कांटे की टक्कर चल रही है. यह चुनाव निर्धारित करेगा कि देश में सर्वोच्च पद पर 16 साल तक रहीं चांसलर एंजेला मर्केल का स्थान कौन लेगा.
एआरडी टेलीविजन पर एक एक्जिट पोल में बताया गया कि मतदाताओं ने दोनों दलों को 25-25 फीसदी मत दिए हैं. यूनियन ब्लॉक की ओर से आर्मिन लास्केट (Armin Laschet) चांसलर पद की दौड़ में हैं, वहीं सोशल डेमोक्रेट्स की ओर से निवर्तमान वित्त मंत्री एवं वाइस चांसलर ओलाफ शोल्ज़ (Olaf Scholz) उम्मीदवार हैं.
जेडडीएफ टेलीविजन पर एक अन्य एक्जिट पोल में दिखाया गया कि सोशल डेमोक्रेट्स 26 फीसदी मत पाकर यूनियन ब्लॉक से आगे हैं, जिसे 24 फीसदी मत मिले हैं. दोनों चैनलों ने पर्यावरण प्रेमी ग्रीन्स को तीसरे स्थान पर रखा है, जिन्हें करीब 15 फीसदी मत मिले हैं.
चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है और अगर गठबंधन की सरकार बनती है तो यह यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश के लिए एक लंबी एवं जटिल प्रक्रिया होगी.
सोशल डेमोक्रेट गठबंधन के लिए तैयार
इस बीच, सोशल डेमोक्रेट पार्टी के महासचिव लार्स क्लिंगबील ने कहा है कि आम चुनाव के एग्जिट पोल को देखते हुए उनका मानना है कि उनकी पार्टी को सत्तारूढ़ होने के लिए गठबंधन बनाने के वास्ते जनादेश प्राप्त हुआ है. लार्स क्लिंगबील ने रविवार को दो मुख्य टेलीविजन चैनलों पर दिखाए जा रहे एग्जिट पोल के बाद यह बयान दिया.
क्लिंगबील ने कहा कि पार्टी को अब गठबंधन बनाने का अवसर मिला है और उसके शीर्ष उम्मीदवार ओलाफ शोल्ज चांसलर बनेंगे.
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जर्मनी की वर्तमान चांसलर एंजेला मर्केल के यूनियन गुट के महासचिव ने कहा कि एग्जिट पोल के नतीजों से दुख हुआ क्योंकि पार्टी 1949 के बाद से अब तक का सबसे बुरा नतीजा देख रही है.
(पीटीआई-भाषा)