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रूस ने संसदीय चुनाव से पहले ऐप्पल, गूगल प्ले स्टोर्स से हटाया 'स्मार्ट वोटिंग' ऐप

ऐप्पल और गूगल प्ले स्टोर पर पिछले कुछ सप्ताह में रूस के अधिकारियों का काफी दबाव रहा है. अधिकारी दोनों से 'स्मार्ट वोटिंग' ऐप को हटाने के लिए कह रहे थे. उनका कहना था कि ऐसा नहीं किया गया तो माना जाएगा चुनाव में हस्तक्षेप किया जा रहा है. उन्हें जुर्माना लगाने की चेतावनी भी दी गई.

'स्मार्ट वोटिंग' ऐप
'स्मार्ट वोटिंग' ऐप
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Published : Sep 17, 2021, 4:52 PM IST

मॉस्को : रूस में संसदीय चुनावों के लिए मतदान से पहले शुक्रवार को ऐप्पल और गूगल प्ले स्टोर्स (Apple and Google Play store) से एक ऐप गायब हो गया, जिसे जेल में बंद रूसी विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी के सहयोगियों ने बनाया था. नवलनी ने 'स्मार्ट वोटिंग' नाम का ऐप डिजाइन किया था, जिससे उन उम्मीदवारों का प्रचार किया जा सके जिनके क्रेमलिन के समर्थन वाले प्रत्याशियों को हराने की संभावना है. रूस के अधिकारी इस ऐप के प्रयोग को हतोत्साहित कर रहे हैं.

इस सप्ताहांत में होने वाले चुनाव को राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन (President Vladimir Putin) के आगामी राष्ट्रपति चुनाव से पहले सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत करने के प्रयासों के तौर पर देखा जा रहा है. इन चुनावों के लिए संसद पर नियंत्रण महत्वपूर्ण है.

पढ़ें : तीसरे विश्व युद्ध के बारे में रूसी राष्ट्रपति ने यह जताई संभावना

ऐप्पल और गूगल प्ले स्टोर पर पिछले कुछ सप्ताह में रूस के अधिकारियों का काफी दबाव रहा है. अधिकारी दोनों से 'स्मार्ट वोटिंग' ऐप को हटाने के लिए कह रहे थे. उनका कहना था कि ऐसा नहीं किया गया तो माना जाएगा चुनाव में हस्तक्षेप किया जा रहा है. उन्हें जुर्माना लगाने की चेतावनी भी दी गई.

रूस के विदेश मंत्रालय ने पिछले सप्ताह अमेरिकी राजदूत जॉन सुलिवन (US Ambassador John Sullive) को तलब किया था. गुरुवार को ऐप्पल और गूगल के प्रतिनिधियों को रूस की संसद के उच्च सदन की एक बैठक में बुलाया गया. बैठक के बाद एक बयान में कहा गया कि ऐप्पल ने रूस के अधिकारियों के साथ सहयोग करने पर सहमति जताई है. इस बारे में जब दोनों कंपनियों से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.

(पीटीआई-भाषा)

मॉस्को : रूस में संसदीय चुनावों के लिए मतदान से पहले शुक्रवार को ऐप्पल और गूगल प्ले स्टोर्स (Apple and Google Play store) से एक ऐप गायब हो गया, जिसे जेल में बंद रूसी विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी के सहयोगियों ने बनाया था. नवलनी ने 'स्मार्ट वोटिंग' नाम का ऐप डिजाइन किया था, जिससे उन उम्मीदवारों का प्रचार किया जा सके जिनके क्रेमलिन के समर्थन वाले प्रत्याशियों को हराने की संभावना है. रूस के अधिकारी इस ऐप के प्रयोग को हतोत्साहित कर रहे हैं.

इस सप्ताहांत में होने वाले चुनाव को राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन (President Vladimir Putin) के आगामी राष्ट्रपति चुनाव से पहले सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत करने के प्रयासों के तौर पर देखा जा रहा है. इन चुनावों के लिए संसद पर नियंत्रण महत्वपूर्ण है.

पढ़ें : तीसरे विश्व युद्ध के बारे में रूसी राष्ट्रपति ने यह जताई संभावना

ऐप्पल और गूगल प्ले स्टोर पर पिछले कुछ सप्ताह में रूस के अधिकारियों का काफी दबाव रहा है. अधिकारी दोनों से 'स्मार्ट वोटिंग' ऐप को हटाने के लिए कह रहे थे. उनका कहना था कि ऐसा नहीं किया गया तो माना जाएगा चुनाव में हस्तक्षेप किया जा रहा है. उन्हें जुर्माना लगाने की चेतावनी भी दी गई.

रूस के विदेश मंत्रालय ने पिछले सप्ताह अमेरिकी राजदूत जॉन सुलिवन (US Ambassador John Sullive) को तलब किया था. गुरुवार को ऐप्पल और गूगल के प्रतिनिधियों को रूस की संसद के उच्च सदन की एक बैठक में बुलाया गया. बैठक के बाद एक बयान में कहा गया कि ऐप्पल ने रूस के अधिकारियों के साथ सहयोग करने पर सहमति जताई है. इस बारे में जब दोनों कंपनियों से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.

(पीटीआई-भाषा)

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