लंदन : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख ने स्वीकार किया कि कांगो में इबोला बीमारी के दौरान तैनात उसके कर्मियों पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों में स्वास्थ्य निकाय की ओर से की जा रही कार्रवाई की गति 'धीमी' रही है.
उन्होंने एसोसिएटेड प्रेस की इस जांच के बाद मामले में कार्रवाई की गति धीमी होने की बात को स्वीकार किया. समाचार एजेंसी की जांच में पाया गया कि डब्ल्यूएचओ का वरिष्ठ प्रबंधन कदाचार के कई मामलों के बारे में जानता था.
बंद कमरे में हुई बैठक में राजनयिक संबंधित मुद्दे पर पहले ही डब्ल्यूएचओ प्रमुख द्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस पर दबाव बना चुके हैं. पिछले सप्ताह कम से कम छह देशों ने यौन शोषण के मामलों से निपटने के डब्ल्यूएचओ के तरीके पर चिंता जताई. इस दौरान गेब्रेयेसस ने उनकी चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया.
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गेब्रेयेसस ने कहा, 'यद्यपि यह (कार्रवाई) धीमी है, उम्मीद करता हूं कि यह संतोषजनक होगी.'
डब्ल्यूएचओ के प्रेस कार्यालय ने कार्रवाई की गति धीमी होने संबंधी गेब्रेयेसस की बात पर टिप्पणी करने से इनकार किया, लेकिन कहा कि विश्व स्वास्थ्य निकाय सभी आरोपों की समग्र जांच के प्रति कटिबद्ध है.
(पीटीआई-भाषा)